आज जब इस भरी पूरी उम्र में , अपने आपको देखता हूँ तो लगता है कि दिन तो अब शुरू हुए हैं ! कुछ भी तो नहीं बदला, न इच्छाएं कम हुईं और न हंसने और मस्त रहने की ललक , बल्कि जो अब तक नहीं कर सका उसे करने का मन करता है ! जी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं !
मगर सुनता आया हूँ कि घर के मुखिया को ( बुड्ढों को ),ढंग से रहना चाहिए, इस उम्र में टीशर्ट नहीं चलेगी , बेड रूम से बाहर निकलना, ढंग से चाहिए, निकर टीशर्ट बदलो और कुरता पायजामा पहन लो, लोग पता नहीं क्या सोंचेंगे :-)
हमारी आदतें हैं कि टीशर्ट कारगो पहनकर आज एक महत्वपूर्ण मीटिंग में चले गये ! लोगों का विचार है कि जिम्मेवारी के काम शर्ट पैंट पहन कर ही हो सकते हैं ! बाकी के कपडे घर के लिए अथवा कम उम्र के लोगों के लिए हैं !
Gaurav with kawasaki |
Gaurav |
आजकल सुबह ६ बजे स्वीमिंग, करने पिछले दो महीने से जाना शुरू किया है और शाम को बेटी के साथ प्ले स्टेशन पर मूव लेकर टेबल टेनिस और तीरंदाजी करता हूँ ! लगता है १० साल उम्र घट गयी है ....
@आजकल सुबह ६ बजे स्वीमिंग, करने पिछले दो महीने से जाना शुरू किया है और शाम को बेटी के साथ प्ले स्टेशन पर मूव लेकर टेबल टेनिस और तीरंदाजी करता हूँ ! लगता है १० साल उम्र घट गयी है ....
ReplyDeleteतो जनाब आजकल उम्र कम करने के प्रयास कर रहे है...... वैसे किसने कहा आप ५५ के हो.... आपकी सक्रियता को देख कर तो हम जैसे चालीस वाले परेशान हो जाते है...
बाकी हँसने-हँसाने वाली बात बदिया रखी अपनी तो कोशिश रहती है .... खामोश रहने की :) पर नहीं हो पाते ..
आजकल की दुनिया में ज्यादा हसने वाले को ज्यादा भाव नहीं दिया जाता. सच्ची.
और हाँ, दद्दा मैंने एक नया ब्लॉग बनाया है... जरा उस पर इनायत करना ..
अच्छा, तो ये सब है आपके प्रसन्न रहने का राज़.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया.
keep it up,सतीश जी.
बिल्कुल सही
ReplyDelete@अभी भी आप ३५-३७ के ही लगते हैं ,
ReplyDeleteखुशहाल रहनें के लिए आपका मंत्र जीवन्तता बनाये रखेगा,आभार.
ये तो उम्र घटाने का वाकई लाजवाब फ़ार्मुला बताया आपने, आज ही लठ्ठ एक तरफ़ रखकर आपकी सलाह मानना शुरू कर देते हैं.
ReplyDeleteरामराम.
जिंदगी जिन्दा दिलों के लिए है ,मुर्दा क्या खाक जिया करते हैं ,बख्सा है रब ने इसे बड़े दुलार से जनाब, सम्हाल कर रखिये ,गुजरा हुआ जमाना मिलता नहीं दुबारा ,हाफिज खुदा तुम्हारा ......... / खुशनशीब जिंदगी, हंसती जिंदगी ,मुकम्मल जिंदगी ../
ReplyDeletebaat sahi hai jante hain meri ma kahti hai teacher kabhi bhi budha nahi hota kyu ki bachchon ki hasi me ,unke sath hone me vo khud ko chhota mahsus karta hai.aur umr ruk si jati hai
ReplyDeletesaader
rachana
बचपना बना रहना चाहिये । शुभकामनाएँ...
ReplyDeleteगंभीरता का मुखौटा , आदमी को उम्र से पहले ही बुड्ढा बना देता है । हँसते रहें , हंसाते रहें --तो ज़वानी कभी साथ नहीं छोड़ेगी ।
ReplyDeleteसही रास्ते पर चल रहे हैं भाई जी । शुभकामनायें ।
मेरी भी इस बार बार एक साथ ही दिल्ली में दो दो बच्चों बल्कि एक तीसरे थोडा बड़े शरारती बच्चे से मुलाक़ात हुयी थी -जो जीवन भर अविस्मरनीय रहेगी! आज जन्मदिन तो नहीं हैं न आपका ? भूल रहे हों तो भैया याद दिला देना!अभी कल ही तो दिल्ली के दूसरे बच्चे जन्मदिन था!
ReplyDeleteमुझे डर है सतीश भाई अगर इसी तरह आप रिवर्स गेयर में चलते रहे तो एक दिन नन्हे मुन्नों के ब्लॉगों को चुनौती न देने लग जाएं...
ReplyDeleteजय हिंद...
hahahahahaa........
Deletehahahahahhaaaa...
Deleteबचपन के नाम से ही उर्जा मिलती है...... फिर आप तो बच्चों के साथ समय बिता रहें हैं....... बहुत बढ़िया
ReplyDeleteयही तरीका है अपने भीतर की खुशी से जुड़े रहने का.
ReplyDeleteBachpan aur Pachpan mein vaise bhi zyada Fark nahi hota hai... Yeh Table Tennis ka achchha bataya, match rakhte hain kisi din... nahi hota hai... Yeh Table Tennis ka achchha bataya, match rakhte hain kisi din...
ReplyDeleteVaise ab aapki Umar zyada ho gayi hai, ab aapko Gambheer post likhni chahiye...
ReplyDeleteक्या बात है दिल के साथ शरीर भी जवान , फोटो में तो तो आप पच्चीस के ही लगते है :)
ReplyDeleteवाह! वाह! वाह! क्या बात है!! बिलकुल मेरे मन की बात है।
ReplyDeleteआजकल मैं भी खूब मजे ले रहा हूँ...हाफ पैंट रंगीन टी शर्ट पहन कर जम कर मार्निंग वॉक करता हूँ...चाय की दुकान में गप्प लड़ाता हूँ...मूछें ससुरी रह रह कर सफेद हो रहीं थीं...पूरी साफ कर दीं...लोग हैरान हैं ..आखिर इसे हो क्या गया है!
यही तो राज है प्रसन्न रहने का। हर उम्र में हर उम्र के लोगों के साथ रहो।
ReplyDeleteआँख खोलती पोस्ट! ज्ञान भी समय पर मिले तो सोने में सुहागा।
ReplyDeleteदिल ही नहीं अपन भी बच्चे हैं जी।
ReplyDeleteदो महीने में दस साल कमाल हो गया. यही दिनचर्या बनाये रखिये ...........
ReplyDeleteदिल तो बच्चा है जी ..पर घर के और लोंग बुड्ढा बनाने पर तुल जाते हैं :):)
ReplyDeleteहमारे सामने तो जो जिस उम्र का होता है हम तो खुद को उतनी ही उम्र का मान लेते हैं :)..
क्यों बताएँ कि सठियाने में बस दो साल बाकी हैं :):)
थोडा और इंतेज़ार कीजिए। कहते है ना बालक और बुड्ढा एक समान। बूढे हो जाओगे तो बच्चों में मिल जाओगे :)
ReplyDeleteजी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं !
ReplyDeleteसतीश जी मन ही है जो उम्र के साथ बच्चा बना रह सकता है.शरीर को फिट-फाट रखना ,'कर्मयोग' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,जिसको पूजा मानकर सदा मनोयोग के साथ करते रहना चाहिये.
एक परिपक्व बुद्धि,बच्चा मन और स्वस्थ शरीर के साथ जीने का आनंद ही अलग है.
सच्चे संत (जिसका अंत अच्छा हो)की यही तो निशानी है.मैं भाग्यशाली हूँ जो आप जैसे संतों की
संगत का मुझे सौभाग्य मिला.आप मेरे ब्लॉग पर आकर अपनी निश्छल हँसी और सुन्दर टिपण्णी से रोशन कर देते हैं मेरे ब्लॉग को.बहुत बहुत आभार आपका.
रक्षा बंधन के पावन पर्व पर आपको हार्दिक शुभ कामनाएँ.
आनन्दमयी पोस्ट...काश ...सभी इस पोस्ट को पढ़े और बच्चे बन जाएँ...खुद रूठे खुद मन जाए"..और ब्लॉगजगत बच्चों का प्ले स्कूल जैसा लगने लगे :)
ReplyDeleteचलो जी अब तो सुधर जाओ
ReplyDeleteनिकर की जगह पैजामा को आजमाओ
बच्चों की चीजो को हाथ मत लगाओ
पेट अंदर करनी है तो साईकिल चलाओ
बहुत सुन्दर
satik
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सारगर्भित
ReplyDeleteरक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.
आप तो मेरे घर पर माँ से मिले हैं . कितनी सुलझी हुई माँ वो आप को लगी थी . एक दिन उनकी इच्छा हुई उनको भी लेप टॉप चाहिये . बहुत समझाया क्या करियेगा लेकिन नहीं जी चाहिये तो चाहिये . लिया गया जी , मैने चलाना भी सिखाया . उनकी नातिन ने गाने डाल दिये , गेम सिखा दिया . ६ महीने , एक घंटा रोज चलाया .
ReplyDeleteअब बिचारा लेप टॉप दो साल से उनके स्नेह को तरस रहा हैं . बैट्री चार्ज करना मेरे कामो में शुमार हो गया हैं . नातिन कहती हैं मौसी बड़ी लकी हैं उसको नानी का भी लेप टॉप मिलगया . माँ से पूछा तो पता चला अंगूठे के दर्द की वजह से अब लेप टॉप पर काम नहीं करना चाहती , मै पहले ही इस बात को लेकर आशंकित थी
सो सतीश जी हो सकता हैं आप का बेटा जानता हो बाईक वो भी स्पोर्ट्स अब आप नहीं संभाल सकेगे . दिल बच्चा हो तो क्या शरीर की क्षमता अपनी हैं .
हां अपने से कम उम्र के साथ दोस्ती मानसिक उत्थान जरुर देती हैं हम उस समय को उनकी नज़र से देखते हैं
सतीश भाई ,
ReplyDeleteपिछली पोस्ट पर भी ये बात कहना चाहता था कि हमारे लिए तो आप ब्लॉगिंग के अनिल कपूर हैं , अमां दिन पर दिन ज्यादा ही हरे हो रहे हैं , और सच कहें तो हम भी उसी रास्ते चल निकले हैं । आज जब अपने बहुत छोटे सहयोगी के साथ पैदल चलते उसे थकते हुए देखता हूं तो सोचता हूं कि इनका क्या होगा जब हमारी उम्र तक पहुंचेंगे । बढिया पोस्ट
बिलकुल सही.शुभ कामनाएं.
ReplyDeleteआपकी उम्रदराजी पर हमारी माइनस मार्किंग.
ReplyDeleteआदरणीय सतीश जी ,आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ ,हँसना नहीं छोड़ना चाहिये ...... भले ही लोग चच्चा कहें पर दिल तो बच्चे सरीखा मनमौजी होना चाहिये ... सादर !
ReplyDeleteबस ऐसे ही उम्र घटाते रहिये। हम भी आपके साथ हैं पर बात करना सबसे ही अच्छा लगता है।
ReplyDeleteswimming shuru ? ... dil ko bachcha hi rakhen tabhi bachche baat karenge
ReplyDeleteयही तो अंदाज़े ज़िन्दगी है हुज़ूर "वहां " तो वानप्रस्थ और सेवानिवृत्ति की अवधारणा ही नहीं है ,यहाँ तो सेवा निवृत्ति के बाद मौसम बदलता ,अपने तैं "मी टाइम "निकलता है .लाइफ बिगिन्स अट सिक्सटी ..
ReplyDeleteHypnoBirthing: Relax while giving birth?
http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
रजोनिवृत्ती में बे -असर सिद्ध हुई है सोया प्रोटीन .(कबीरा खडा बाज़ार में ...........)
Links to this post at Friday, August 12, 2011
बृहस्पतिवार, ११ अगस्त २०११
@ रचना ,
ReplyDeleteआप खुशकिस्मत बेटा हैं माँ के , जिन्हें उनकी सेवा करने का अवसर और दायित्व मिला हैं !
लैपटॉप बाली घटना जानकार बरबस मुस्कान आ गयी ...कुछ समय पहले, ऐसी ही घटना मेरे साथ भी घटी थी ! उनकी जिद हमें पूरी करनी ही है चिंता तो यह होनी चाहिए कि वे कहीं ऐसी जिद करना बंद न करदें !
सो ऐसा मौका वे देती रहें यही कामना करता हूँ ! भगवान् ने आपको सर्वसमर्थ उद्यमी बनाया है जिसका फायदा उन्हें ही मिलना चाहिए !
हार्दिक शुभकामनायें आपको तथा माँ को !
HypnoBirthing: Relax while giving birth?
ReplyDeletehttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
एज इज एन इंडिकेटर एंड सोफ्टवेयर ऑफ़ दा माइंड एंड नोट ऑफ़ दी बॉडी ........फौरिया ब्लोगिया दस्तक के लिए टिपियाने के लिए आभार .
HypnoBirthing: Relax while giving birth?
ReplyDeletehttp://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
एज इज एन इंडिकेटर एंड सोफ्टवेयर ऑफ़ दा माइंड एंड नोट ऑफ़ दी बॉडी ........फौरिया ब्लोगिया दस्तक के लिए टिपियाने के लिए आभार .दिन तो अब शुरू हुए हैं ! कुछ भी तो नहीं बदला, न इच्छाएं कम हुईं और न हंसने और मस्त रहने की ललक , बल्कि जो अब तक नहीं कर सका उसे करने का मन करता है ! जी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं !
"तुम जो हमारे मीत न होते ,गीत ये मेरे गीत न होते "और ये भी -------जी करता है उड़कर आऊँ सामने बैठूं और दोहराऊँ ,.....तुम जो हमारे मीत न होते ......सुनोगे बाबू हमारी आवाज़ में तो .....
रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDelete15 August kee anek shubh kamnayen!
ReplyDeleteयही तो है जिन्दादिली।
ReplyDeleteकोई दो साल पहले जब मेरी सरकारी सेवा में नियुक्ति हुयी तो स्कूल में बड़ी उम्र के अध्यापकों को देखकर मुझे कुछ ऐसा ही लगा कि कहाँ बुड्ढों में फंस गये क्योंकि प्राइवेट स्कूल में हमारे हमउम्र साथी ही थे। खैर कुछ समय बाद धीरे-धीरे मन लग गया और अब कुछ अजीब नहीं लगता।
यह हुई ना बात. जो शुरुआत हुई है उसे निरंतर जारी रखे . बधाई अच्छी सेहत के लिए.
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की आपको बहुत बहुत शुभकामनायें.
बहुत सुन्दर आलेख है. आप लगे रहे.अभी दस साल उम्र कम हुई है. धीरे-धीरे प्रयास से काफी कम हो जायेगी. आपका बेटा ही आपके सामने ज्यादा उम्र का नजर आएगा.
ReplyDeleteएक बहुमूल्य सुझाव-अगर पांच-दस जैन धर्म के व्रत करें.तब आपकी शिकायत(बढ़ी हुई तोंद)भी दूर हो जायेंगी.
हँसते रहें , हंसाते रहें ..यही जिन्दगी का राज़ है..
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट..
बड़ी सार्थक चर्चा हुई - सभी का फ़ायदा (श्रेय आपको )
ReplyDeleteअब ना घटने वाली 'शै' तो मोटर साइकिल पे भी ना घटती :)
ReplyDeleteबेटे के इन्कार की कोई और वज़ह होगी ! शायद बेटे जी अंगुली पकड़ के पहुंचा पकडने के ख्याल से डर गये होंगे मसलन ...
(१)
कल को आप अपने दिल की बेहतर सेहत के नाम पे डेटिंग जैसे नाज़ुक मसले शेयर करने की बात करने लग जाते तो :)
(२)
या फिर इस उम्र में फिर से 'वही' वाली शैतानियां / नादानियाँ करूँगा , जो जवानी में करीं थीं ,जिद करते तो :)
(३)
कोई तो रिस्क ज़रूर होगा बहरहाल आगे की संभावनाएं अगले टिप्पणीकारों के लिए छोड़ रहा हूं :)
सतीश जी दिल जब तक बच्छा रहे अच्छा है ... और टी शर्ट बच्छे पण का एहसास दिलाती है मुझे तो इसलिए मैं भी हमेशा टी शर्ट में रहता हूँ ...
ReplyDeleteliked ur way of living :) kitne log hai jo aisa sochte hai liked it
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाओं सहित सादर!
ReplyDelete============================
फेशबुक पर धारावाहिक : दोहों के आगे दोहे
============================
प्रेम गहन अनुभूति है, प्रेम अमित आनन्द।
यह परोसने से बढ़े, अद्भुत मन-मकरंद॥
=============================
सद्भावी- डॉ. डंडा लखनवी
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाओं सहित सादर!
ReplyDelete============================
फेशबुक पर धारावाहिक : दोहों के आगे दोहे
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प्रेम गहन अनुभूति है, प्रेम अमित आनन्द।
यह परोसने से बढ़े, अद्भुत मन-मकरंद॥
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सद्भावी- डॉ. डंडा लखनवी
स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाओं सहित सादर!
ReplyDelete============================
फेशबुक पर धारावाहिक : दोहों के आगे दोहे
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प्रेम गहन अनुभूति है, प्रेम अमित आनन्द।
यह परोसने से बढ़े, अद्भुत मन-मकरंद॥
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सद्भावी- डॉ. डंडा लखनवी
ये दिल ही तो आदमी को जवान बनाये रखता है...बस इसका उपयोग थोडा समझदारी से करना पड़ता है...बच्चों के संग बच्चा बन जाईये...फिर देखिये क्या ज़िन्दगी है...
ReplyDeleteरोचक लेख.....
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
आपकी उम्र ऐसी ही कम होती रहे और मन आपका ब्च्चों जैसा निश्छल रहे । तैरना जारी रखिये आपकी तोंद भी गायब हुई समझिये । बठिया आलेख । सबसे ज्यादा फ्री हम बच्चों (नाती पोतों ) के साथ ही महसूस करते है
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteस्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएँ.
स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और रोचक प्रस्तुती!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत सुन्दर आलेख है बचपना रहना चाहिये
ReplyDeleteबेहतरीन आलेख!!!!!
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं….!
जय हिंद जय भारत
**************
बहुत सही. मन कभी बूढा नहीं होता.
ReplyDeleteआज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.
आज जब इस भरी पूरी उम्र में , अपने आपको देखता हूँ तो लगता है कि दिन तो अब शुरू हुए हैं ! कुछ भी तो नहीं बदला, न इच्छाएं कम हुईं और न हंसने और मस्त रहने की ललक , बल्कि जो अब तक नहीं कर सका उसे करने का मन करता है ! जी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं !
ReplyDeletebadi hi sundar baate hai ,wakai dil to bachcha hai ,swantrata divas ki badhai .aapko .
राम राम भाई जी ....आपके लेख पढ़ कर अच्छा लगता है ....हर लेख पर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे आप अपनी नहीं सबके दिल की बात को समझ कर लिख रहे है ....सच में ये दिल अभी तक बच्चा है जी ...उन्ही बातो की जिद्द करता है जिनकी उम्र बीत गई है ...अब इस नादान को कौन समझाए कि हर जिद्द पूरी नहीं की जा सकती ........
ReplyDeletejiska dil bche sa hota h wo kabhi budha nhi hota.at: hme bche sa dil hi rkhna chahiye.
ReplyDelete६६ कैमेंट हो चुके सतीश भाई और आज फ़िर हमने चर्चा कर दी है आपकी पोस्ट की...:)
ReplyDeleteआज आपका दिल धड़क रहा है नई पुरानी हलचल में यकीन नही तो खुद ही देखिये... चर्चा में आज नई पुरानी हलचल
दिल बच्चा बना ही रहे...
ReplyDeleteआरम्भ में ही मुस्कराहट आ गयी लबों पे जो अंत तक कायम रही... बहुत बढ़िया सर...
सादर....
55 वर्ष? बिल्कुल नहीं लगता जी। फ़ोटो से भी नहीं :-), और आपकी उमंग और उत्साह से कतई नहीं।
ReplyDelete