Friday, August 12, 2011

दिल तो बच्चा है जी ...-सतीश सक्सेना

मुझे याद है नवजवान दिनों में, ३५ -३७ साल के लोगों से बात करने का दिल भी नहीं करता था कि इन बुड्ढों से क्या बात करनी  ? ४० के दिनों में यही सोंच ५५ साला लोगों के लिए थी  और अब जब ५५ साल कब के गुजर गए जब भी पीछे देखता हूँ तो समझ नहीं आता कि समय इतनी जल्दी कैसे गुज़र सकता है ! सब कुछ कल का ही लगता है ! 
two sisters !

आज जब इस भरी पूरी उम्र में , अपने आपको देखता हूँ तो लगता है कि दिन तो अब शुरू हुए हैं ! कुछ भी तो नहीं बदला, न इच्छाएं कम हुईं और न हंसने और मस्त रहने की ललक , बल्कि जो अब तक नहीं कर सका उसे करने का मन करता है  ! जी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं ! 

मगर सुनता आया हूँ कि घर के मुखिया को ( बुड्ढों को ),ढंग से रहना चाहिए, इस उम्र में टीशर्ट नहीं चलेगी , बेड रूम से  बाहर निकलना, ढंग से चाहिए, निकर टीशर्ट बदलो और कुरता पायजामा पहन लो, लोग पता नहीं क्या सोंचेंगे  :-)

हमारी आदतें हैं कि टीशर्ट कारगो पहनकर आज एक महत्वपूर्ण मीटिंग में चले गये ! लोगों का विचार है कि जिम्मेवारी के काम शर्ट पैंट पहन कर ही हो सकते हैं ! बाकी के कपडे घर के लिए अथवा कम उम्र के लोगों के लिए हैं !     

Gaurav with kawasaki
बेटे की इच्छा है कि स्पोर्ट्स मोटर सायकिल खरीदने की , उनका कहना है आप मेरी कार ले लीजिये मुझे एक बाइक चाहिए  ! अब मेरी परमीशन की शर्त यह है बाप बेटा आधा आधा महीना रखेंगे , मुझे भी अपनी निकलती हुई तोंद की चिंता है ...कार में बैठकर तो घटने से रही ! मगर मेरी मांग देख मेरे बेटे ने फिलहाल अपनी इच्छा स्थगित करदी है !


Gaurav 
मेरा यह मानना है कि अगर हम छोटे बच्चों से हँसना और हँसाना सीख लें तो कुछ समय में ही परिवर्तन महसूस किया जा सकता है ! विद्वता का लबादा ओढ़े , चेहरे को गंभीर बनाकर बात करते हुए,लोगों को देख, मुझे हंसी आ जाती  है ! हम लोग सामान्य क्यों नहीं हो सकते ? हर आने वाले का स्वागत, बच्चों जैसी मुस्कान के साथ क्यों नहीं कर सकते !   


आजकल सुबह ६ बजे स्वीमिंग, करने पिछले दो महीने से जाना शुरू किया है और शाम को बेटी के साथ प्ले स्टेशन पर मूव लेकर  टेबल टेनिस और तीरंदाजी करता हूँ ! लगता है १० साल उम्र घट गयी है ....

69 comments:

  1. @आजकल सुबह ६ बजे स्वीमिंग, करने पिछले दो महीने से जाना शुरू किया है और शाम को बेटी के साथ प्ले स्टेशन पर मूव लेकर टेबल टेनिस और तीरंदाजी करता हूँ ! लगता है १० साल उम्र घट गयी है ....


    तो जनाब आजकल उम्र कम करने के प्रयास कर रहे है...... वैसे किसने कहा आप ५५ के हो.... आपकी सक्रियता को देख कर तो हम जैसे चालीस वाले परेशान हो जाते है...

    बाकी हँसने-हँसाने वाली बात बदिया रखी अपनी तो कोशिश रहती है .... खामोश रहने की :) पर नहीं हो पाते ..

    आजकल की दुनिया में ज्यादा हसने वाले को ज्यादा भाव नहीं दिया जाता. सच्ची.

    और हाँ, दद्दा मैंने एक नया ब्लॉग बनाया है... जरा उस पर इनायत करना ..

    ReplyDelete
  2. अच्छा, तो ये सब है आपके प्रसन्न रहने का राज़.
    बहुत बढ़िया.
    keep it up,सतीश जी.

    ReplyDelete
  3. @अभी भी आप ३५-३७ के ही लगते हैं ,
    खुशहाल रहनें के लिए आपका मंत्र जीवन्तता बनाये रखेगा,आभार.

    ReplyDelete
  4. ये तो उम्र घटाने का वाकई लाजवाब फ़ार्मुला बताया आपने, आज ही लठ्ठ एक तरफ़ रखकर आपकी सलाह मानना शुरू कर देते हैं.

    रामराम.

    ReplyDelete
  5. जिंदगी जिन्दा दिलों के लिए है ,मुर्दा क्या खाक जिया करते हैं ,बख्सा है रब ने इसे बड़े दुलार से जनाब, सम्हाल कर रखिये ,गुजरा हुआ जमाना मिलता नहीं दुबारा ,हाफिज खुदा तुम्हारा ......... / खुशनशीब जिंदगी, हंसती जिंदगी ,मुकम्मल जिंदगी ../

    ReplyDelete
  6. baat sahi hai jante hain meri ma kahti hai teacher kabhi bhi budha nahi hota kyu ki bachchon ki hasi me ,unke sath hone me vo khud ko chhota mahsus karta hai.aur umr ruk si jati hai
    saader
    rachana

    ReplyDelete
  7. बचपना बना रहना चाहिये । शुभकामनाएँ...

    ReplyDelete
  8. गंभीरता का मुखौटा , आदमी को उम्र से पहले ही बुड्ढा बना देता है । हँसते रहें , हंसाते रहें --तो ज़वानी कभी साथ नहीं छोड़ेगी ।

    सही रास्ते पर चल रहे हैं भाई जी । शुभकामनायें ।

    ReplyDelete
  9. मेरी भी इस बार बार एक साथ ही दिल्ली में दो दो बच्चों बल्कि एक तीसरे थोडा बड़े शरारती बच्चे से मुलाक़ात हुयी थी -जो जीवन भर अविस्मरनीय रहेगी! आज जन्मदिन तो नहीं हैं न आपका ? भूल रहे हों तो भैया याद दिला देना!अभी कल ही तो दिल्ली के दूसरे बच्चे जन्मदिन था!

    ReplyDelete
  10. मुझे डर है सतीश भाई अगर इसी तरह आप रिवर्स गेयर में चलते रहे तो एक दिन नन्हे मुन्नों के ब्लॉगों को चुनौती न देने लग जाएं...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  11. बचपन के नाम से ही उर्जा मिलती है...... फिर आप तो बच्चों के साथ समय बिता रहें हैं....... बहुत बढ़िया

    ReplyDelete
  12. यही तरीका है अपने भीतर की खुशी से जुड़े रहने का.

    ReplyDelete
  13. Bachpan aur Pachpan mein vaise bhi zyada Fark nahi hota hai... Yeh Table Tennis ka achchha bataya, match rakhte hain kisi din... nahi hota hai... Yeh Table Tennis ka achchha bataya, match rakhte hain kisi din...

    ReplyDelete
  14. Vaise ab aapki Umar zyada ho gayi hai, ab aapko Gambheer post likhni chahiye...

    ReplyDelete
  15. क्या बात है दिल के साथ शरीर भी जवान , फोटो में तो तो आप पच्चीस के ही लगते है :)

    ReplyDelete
  16. वाह! वाह! वाह! क्या बात है!! बिलकुल मेरे मन की बात है।
    आजकल मैं भी खूब मजे ले रहा हूँ...हाफ पैंट रंगीन टी शर्ट पहन कर जम कर मार्निंग वॉक करता हूँ...चाय की दुकान में गप्प लड़ाता हूँ...मूछें ससुरी रह रह कर सफेद हो रहीं थीं...पूरी साफ कर दीं...लोग हैरान हैं ..आखिर इसे हो क्या गया है!

    ReplyDelete
  17. यही तो राज है प्रसन्न रहने का। हर उम्र में हर उम्र के लोगों के साथ रहो।

    ReplyDelete
  18. आँख खोलती पोस्ट! ज्ञान भी समय पर मिले तो सोने में सुहागा।

    ReplyDelete
  19. दिल ही नहीं अपन भी बच्‍चे हैं जी।

    ReplyDelete
  20. दो महीने में दस साल कमाल हो गया. यही दिनचर्या बनाये रखिये ...........

    ReplyDelete
  21. दिल तो बच्चा है जी ..पर घर के और लोंग बुड्ढा बनाने पर तुल जाते हैं :):)

    हमारे सामने तो जो जिस उम्र का होता है हम तो खुद को उतनी ही उम्र का मान लेते हैं :)..

    क्यों बताएँ कि सठियाने में बस दो साल बाकी हैं :):)

    ReplyDelete
  22. थोडा और इंतेज़ार कीजिए। कहते है ना बालक और बुड्ढा एक समान। बूढे हो जाओगे तो बच्चों में मिल जाओगे :)

    ReplyDelete
  23. जी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं !

    सतीश जी मन ही है जो उम्र के साथ बच्चा बना रह सकता है.शरीर को फिट-फाट रखना ,'कर्मयोग' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है,जिसको पूजा मानकर सदा मनोयोग के साथ करते रहना चाहिये.

    एक परिपक्व बुद्धि,बच्चा मन और स्वस्थ शरीर के साथ जीने का आनंद ही अलग है.

    सच्चे संत (जिसका अंत अच्छा हो)की यही तो निशानी है.मैं भाग्यशाली हूँ जो आप जैसे संतों की
    संगत का मुझे सौभाग्य मिला.आप मेरे ब्लॉग पर आकर अपनी निश्छल हँसी और सुन्दर टिपण्णी से रोशन कर देते हैं मेरे ब्लॉग को.बहुत बहुत आभार आपका.

    रक्षा बंधन के पावन पर्व पर आपको हार्दिक शुभ कामनाएँ.

    ReplyDelete
  24. आनन्दमयी पोस्ट...काश ...सभी इस पोस्ट को पढ़े और बच्चे बन जाएँ...खुद रूठे खुद मन जाए"..और ब्लॉगजगत बच्चों का प्ले स्कूल जैसा लगने लगे :)

    ReplyDelete
  25. चलो जी अब तो सुधर जाओ
    निकर की जगह पैजामा को आजमाओ
    बच्चों की चीजो को हाथ मत लगाओ
    पेट अंदर करनी है तो साईकिल चलाओ
    बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  26. बहुत सुन्दर सारगर्भित
    रक्षाबंधन एवं स्वाधीनता दिवस के पावन पर्वों की हार्दिक मंगल कामनाएं.

    ReplyDelete
  27. आप तो मेरे घर पर माँ से मिले हैं . कितनी सुलझी हुई माँ वो आप को लगी थी . एक दिन उनकी इच्छा हुई उनको भी लेप टॉप चाहिये . बहुत समझाया क्या करियेगा लेकिन नहीं जी चाहिये तो चाहिये . लिया गया जी , मैने चलाना भी सिखाया . उनकी नातिन ने गाने डाल दिये , गेम सिखा दिया . ६ महीने , एक घंटा रोज चलाया .
    अब बिचारा लेप टॉप दो साल से उनके स्नेह को तरस रहा हैं . बैट्री चार्ज करना मेरे कामो में शुमार हो गया हैं . नातिन कहती हैं मौसी बड़ी लकी हैं उसको नानी का भी लेप टॉप मिलगया . माँ से पूछा तो पता चला अंगूठे के दर्द की वजह से अब लेप टॉप पर काम नहीं करना चाहती , मै पहले ही इस बात को लेकर आशंकित थी
    सो सतीश जी हो सकता हैं आप का बेटा जानता हो बाईक वो भी स्पोर्ट्स अब आप नहीं संभाल सकेगे . दिल बच्चा हो तो क्या शरीर की क्षमता अपनी हैं .
    हां अपने से कम उम्र के साथ दोस्ती मानसिक उत्थान जरुर देती हैं हम उस समय को उनकी नज़र से देखते हैं

    ReplyDelete
  28. सतीश भाई ,
    पिछली पोस्ट पर भी ये बात कहना चाहता था कि हमारे लिए तो आप ब्लॉगिंग के अनिल कपूर हैं , अमां दिन पर दिन ज्यादा ही हरे हो रहे हैं , और सच कहें तो हम भी उसी रास्ते चल निकले हैं । आज जब अपने बहुत छोटे सहयोगी के साथ पैदल चलते उसे थकते हुए देखता हूं तो सोचता हूं कि इनका क्या होगा जब हमारी उम्र तक पहुंचेंगे । बढिया पोस्ट

    ReplyDelete
  29. बिलकुल सही.शुभ कामनाएं.

    ReplyDelete
  30. आपकी उम्रदराजी पर हमारी माइनस मार्किंग.

    ReplyDelete
  31. आदरणीय सतीश जी ,आपकी बात से बिलकुल सहमत हूँ ,हँसना नहीं छोड़ना चाहिये ...... भले ही लोग चच्चा कहें पर दिल तो बच्चे सरीखा मनमौजी होना चाहिये ... सादर !

    ReplyDelete
  32. बस ऐसे ही उम्र घटाते रहिये। हम भी आपके साथ हैं पर बात करना सबसे ही अच्छा लगता है।

    ReplyDelete
  33. swimming shuru ? ... dil ko bachcha hi rakhen tabhi bachche baat karenge

    ReplyDelete
  34. यही तो अंदाज़े ज़िन्दगी है हुज़ूर "वहां " तो वानप्रस्थ और सेवानिवृत्ति की अवधारणा ही नहीं है ,यहाँ तो सेवा निवृत्ति के बाद मौसम बदलता ,अपने तैं "मी टाइम "निकलता है .लाइफ बिगिन्स अट सिक्सटी ..
    HypnoBirthing: Relax while giving birth?
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
    व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
    रजोनिवृत्ती में बे -असर सिद्ध हुई है सोया प्रोटीन .(कबीरा खडा बाज़ार में ...........)
    Links to this post at Friday, August 12, 2011
    बृहस्पतिवार, ११ अगस्त २०११

    ReplyDelete
  35. @ रचना ,

    आप खुशकिस्मत बेटा हैं माँ के , जिन्हें उनकी सेवा करने का अवसर और दायित्व मिला हैं !

    लैपटॉप बाली घटना जानकार बरबस मुस्कान आ गयी ...कुछ समय पहले, ऐसी ही घटना मेरे साथ भी घटी थी ! उनकी जिद हमें पूरी करनी ही है चिंता तो यह होनी चाहिए कि वे कहीं ऐसी जिद करना बंद न करदें !

    सो ऐसा मौका वे देती रहें यही कामना करता हूँ ! भगवान् ने आपको सर्वसमर्थ उद्यमी बनाया है जिसका फायदा उन्हें ही मिलना चाहिए !

    हार्दिक शुभकामनायें आपको तथा माँ को !

    ReplyDelete
  36. HypnoBirthing: Relax while giving birth?
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
    व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
    एज इज एन इंडिकेटर एंड सोफ्टवेयर ऑफ़ दा माइंड एंड नोट ऑफ़ दी बॉडी ........फौरिया ब्लोगिया दस्तक के लिए टिपियाने के लिए आभार .

    ReplyDelete
  37. HypnoBirthing: Relax while giving birth?
    http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/
    व्हाई स्मोकिंग इज स्पेशियली बेड इफ यु हेव डायबिटीज़ ?
    एज इज एन इंडिकेटर एंड सोफ्टवेयर ऑफ़ दा माइंड एंड नोट ऑफ़ दी बॉडी ........फौरिया ब्लोगिया दस्तक के लिए टिपियाने के लिए आभार .दिन तो अब शुरू हुए हैं ! कुछ भी तो नहीं बदला, न इच्छाएं कम हुईं और न हंसने और मस्त रहने की ललक , बल्कि जो अब तक नहीं कर सका उसे करने का मन करता है ! जी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं !
    "तुम जो हमारे मीत न होते ,गीत ये मेरे गीत न होते "और ये भी -------जी करता है उड़कर आऊँ सामने बैठूं और दोहराऊँ ,.....तुम जो हमारे मीत न होते ......सुनोगे बाबू हमारी आवाज़ में तो .....

    ReplyDelete
  38. रक्षाबंधन एवं स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

    ReplyDelete
  39. 15 August kee anek shubh kamnayen!

    ReplyDelete
  40. यही तो है जिन्दादिली।

    कोई दो साल पहले जब मेरी सरकारी सेवा में नियुक्ति हुयी तो स्कूल में बड़ी उम्र के अध्यापकों को देखकर मुझे कुछ ऐसा ही लगा कि कहाँ बुड्ढों में फंस गये क्योंकि प्राइवेट स्कूल में हमारे हमउम्र साथी ही थे। खैर कुछ समय बाद धीरे-धीरे मन लग गया और अब कुछ अजीब नहीं लगता।

    ReplyDelete
  41. यह हुई ना बात. जो शुरुआत हुई है उसे निरंतर जारी रखे . बधाई अच्छी सेहत के लिए.

    स्वतंत्रता दिवस और रक्षाबंधन की आपको बहुत बहुत शुभकामनायें.

    ReplyDelete
  42. बहुत सुन्दर आलेख है. आप लगे रहे.अभी दस साल उम्र कम हुई है. धीरे-धीरे प्रयास से काफी कम हो जायेगी. आपका बेटा ही आपके सामने ज्यादा उम्र का नजर आएगा.
    एक बहुमूल्य सुझाव-अगर पांच-दस जैन धर्म के व्रत करें.तब आपकी शिकायत(बढ़ी हुई तोंद)भी दूर हो जायेंगी.

    ReplyDelete
  43. हँसते रहें , हंसाते रहें ..यही जिन्दगी का राज़ है..
    सार्थक पोस्ट..

    ReplyDelete
  44. बड़ी सार्थक चर्चा हुई - सभी का फ़ायदा (श्रेय आपको )

    ReplyDelete
  45. अब ना घटने वाली 'शै' तो मोटर साइकिल पे भी ना घटती :)

    बेटे के इन्कार की कोई और वज़ह होगी ! शायद बेटे जी अंगुली पकड़ के पहुंचा पकडने के ख्याल से डर गये होंगे मसलन ...

    (१)
    कल को आप अपने दिल की बेहतर सेहत के नाम पे डेटिंग जैसे नाज़ुक मसले शेयर करने की बात करने लग जाते तो :)

    (२)
    या फिर इस उम्र में फिर से 'वही' वाली शैतानियां / नादानियाँ करूँगा , जो जवानी में करीं थीं ,जिद करते तो :)

    (३)
    कोई तो रिस्क ज़रूर होगा बहरहाल आगे की संभावनाएं अगले टिप्पणीकारों के लिए छोड़ रहा हूं :)

    ReplyDelete
  46. सतीश जी दिल जब तक बच्छा रहे अच्छा है ... और टी शर्ट बच्छे पण का एहसास दिलाती है मुझे तो इसलिए मैं भी हमेशा टी शर्ट में रहता हूँ ...

    ReplyDelete
  47. liked ur way of living :) kitne log hai jo aisa sochte hai liked it

    ReplyDelete
  48. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाओं सहित सादर!
    ============================
    फेशबुक पर धारावाहिक : दोहों के आगे दोहे
    ============================
    प्रेम गहन अनुभूति है, प्रेम अमित आनन्द।
    यह परोसने से बढ़े, अद्भुत मन-मकरंद॥
    =============================
    सद्भावी- डॉ. डंडा लखनवी

    ReplyDelete
  49. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाओं सहित सादर!
    ============================
    फेशबुक पर धारावाहिक : दोहों के आगे दोहे
    ============================
    प्रेम गहन अनुभूति है, प्रेम अमित आनन्द।
    यह परोसने से बढ़े, अद्भुत मन-मकरंद॥
    =============================
    सद्भावी- डॉ. डंडा लखनवी

    ReplyDelete
  50. स्वतन्त्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाओं सहित सादर!
    ============================
    फेशबुक पर धारावाहिक : दोहों के आगे दोहे
    ============================
    प्रेम गहन अनुभूति है, प्रेम अमित आनन्द।
    यह परोसने से बढ़े, अद्भुत मन-मकरंद॥
    =============================
    सद्भावी- डॉ. डंडा लखनवी

    ReplyDelete
  51. ये दिल ही तो आदमी को जवान बनाये रखता है...बस इसका उपयोग थोडा समझदारी से करना पड़ता है...बच्चों के संग बच्चा बन जाईये...फिर देखिये क्या ज़िन्दगी है...

    ReplyDelete
  52. रोचक लेख.....

    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.

    ReplyDelete
  53. आपकी उम्र ऐसी ही कम होती रहे और मन आपका ब्च्चों जैसा निश्छल रहे । तैरना जारी रखिये आपकी तोंद भी गायब हुई समझिये । बठिया आलेख । सबसे ज्यादा फ्री हम बच्चों (नाती पोतों ) के साथ ही महसूस करते है

    ReplyDelete
  54. सुन्दर प्रस्तुति.
    स्वतन्त्रता दिवस की शुभकामनाएँ.

    ReplyDelete
  55. स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।

    ReplyDelete
  56. बहुत सुन्दर और रोचक प्रस्तुती!
    आपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    ReplyDelete
  57. बहुत सुन्दर आलेख है बचपना रहना चाहिये

    ReplyDelete
  58. बेहतरीन आलेख!!!!!
    स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं….!

    जय हिंद जय भारत
    **************

    ReplyDelete
  59. बहुत सही. मन कभी बूढा नहीं होता.
    आज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.

    ReplyDelete
  60. आज जब इस भरी पूरी उम्र में , अपने आपको देखता हूँ तो लगता है कि दिन तो अब शुरू हुए हैं ! कुछ भी तो नहीं बदला, न इच्छाएं कम हुईं और न हंसने और मस्त रहने की ललक , बल्कि जो अब तक नहीं कर सका उसे करने का मन करता है ! जी करता है पंख लग जाएँ और दुनियां के उन सुदूर क्षेत्रों में जाकर लोगों से कहूं, जहाँ कोई न पंहुचा हो कि चलो .....उड़ते हैं !
    badi hi sundar baate hai ,wakai dil to bachcha hai ,swantrata divas ki badhai .aapko .

    ReplyDelete
  61. राम राम भाई जी ....आपके लेख पढ़ कर अच्छा लगता है ....हर लेख पर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे आप अपनी नहीं सबके दिल की बात को समझ कर लिख रहे है ....सच में ये दिल अभी तक बच्चा है जी ...उन्ही बातो की जिद्द करता है जिनकी उम्र बीत गई है ...अब इस नादान को कौन समझाए कि हर जिद्द पूरी नहीं की जा सकती ........

    ReplyDelete
  62. jiska dil bche sa hota h wo kabhi budha nhi hota.at: hme bche sa dil hi rkhna chahiye.

    ReplyDelete
  63. ६६ कैमेंट हो चुके सतीश भाई और आज फ़िर हमने चर्चा कर दी है आपकी पोस्ट की...:)

    आज आपका दिल धड़क रहा है नई पुरानी हलचल में यकीन नही तो खुद ही देखिये... चर्चा में आज नई पुरानी हलचल

    ReplyDelete
  64. दिल बच्चा बना ही रहे...
    आरम्भ में ही मुस्कराहट आ गयी लबों पे जो अंत तक कायम रही... बहुत बढ़िया सर...
    सादर....

    ReplyDelete
  65. 55 वर्ष? बिल्कुल नहीं लगता जी। फ़ोटो से भी नहीं :-), और आपकी उमंग और उत्साह से कतई नहीं।

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,