Monday, March 17, 2014
22 comments:
एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !
- सतीश सक्सेना
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कुछ रहीं थीं ऎसी जिम्मेदारियां
ReplyDeleteअन्यथा रिश्ते को हम ढोते नहीं !
सपरिवार रंगोत्सव की हार्दिक शुभकामनाए ...
.
RECENT पोस्ट - रंग रंगीली होली आई.
सच माँ ही खुदा है !बहुत सुन्दर
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाऐं ।
new post: ... कि आज होली है !
जाइये माँ को नज़र भर देखिये
ReplyDeleteकौन कहता है , खुदा होते नहीं !
बस इस एक शेर के सामने सब फीके ... दिल को छू गयी गज़ल ...
होली कि हार्दिक बधाई ...
कौन जाने ,कब हुए थे, वे यहाँ !
ReplyDeleteअब तो ऐसे लोग भी होते नहीं !
wonderful lines... wishing you a very happy holi !
कुछ रहीं थीं ऎसी जिम्मेदारियां
ReplyDeleteअन्यथा रिश्ते को हम ढोते नहीं !
रिश्ते में प्रेम न हो तो जिम्मेदारी बन जाते है
और जिम्मेदारी एक बोझ ही तो है ,सटीक …
जब हर एक पंक्ति सटीक,सार्थक,अर्थपूर्ण लगे
कौन कहता है "मेरे गीत" लाजवाब होते नहीं !
यह सिर्फ तुकबंदी है :)
बहुत सुन्दर व् सार्थक प्रस्तुति .होली की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteवाह...सुन्दर रचना...
ReplyDeleteआप को होली की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
नयी पोस्ट@हास्यकविता/ जोरू का गुलाम
बहुत सुंदर रचना .... होली की शुभकामनाएं ....!!
ReplyDeleteजाइये माँ को नज़र भर देखिये
ReplyDeleteकौन कहता है , खुदा होते नहीं !
भावपूर्ण पंक्तियां
होली की शुभकामनाएं
हमेशा की तरह । वाह ।
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।
बहुत भावपूर्ण प्रस्तुति...होली की आपको सपरिवार हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteबहुत सार्थक व्यंजनाएँ !
ReplyDeleteकुपुत्रो जायेत क्वचिदपि कुमाता न भवति । पुत्र , कुपुत्र हो सकता है पर माता कभी कुमाता नहीं होती ।
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाएं ……
ReplyDeleteसुंदर रचना...
ReplyDeleteशुभकामनायें !!
कितना भी समझ लें बूझ लें ज़िन्दगी और रिश्ते समझ से परे. बहुत खूब कहा है...
ReplyDeleteअभी तक, कैसे समझ पाये नहीं !
अपनों के धोखे से, यूँ रोते नहीं !
शुभकामनाएं.
bahut badhiya .......shubhkamnaayen ........bahut bahut ---
ReplyDeleteकोई अपना आए तो फिर से हाथ रंगीन कर लीजिये साहब , कोई हर्ज़ नहीं :)
ReplyDeleteआशा है होली रंगीन मनी होगी।
लिखते रहिये
अच्छी रचना है। होली की शुभकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और सार्थक ...होली की शुभ कामनाएं ...
ReplyDeleteमाँ की है हर बात निराली।
ReplyDeleteभावपूर्ण
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