घने कष्ट और वीरानों में , तुम्हें गीत भी गाने होंगे !
कितनी बार अकेले बेमन,उत्सव तुम्हें मनाने होंगे !
कितनी बार अकेले बेमन,उत्सव तुम्हें मनाने होंगे !
अंतिम क्षण तक टूट न पाएं , ऐसे हों ये रिश्ते नाते ,
आधी जान हमारी उस घर ,वे कैसे अनजाने होंगे !
अर्थ, समीक्षाकार लिखेंगे,कैसे उनकी बात बताऊँ ,
गीतकार की हर कविता के,जाने कितने माने होंगे !
स्वाद हमें कड़वे शब्दों का,बड़े सबेरे ही मिल जाता,
जलतरंग सी मीठी ध्वनि को, चूड़ी कंगन लाने होंगे !
गिनती के दिन चुकने आये,अपने सारे काम करा लें !
कौन जानता कल सतीश के जाने कहाँ ठिकाने होंगे !
सुन्दर !
ReplyDeleteसुन्दर. हमने तो छप्पर छाना शुरू किया और बारिश हो गई.
ReplyDeleteउम्दा......
ReplyDeleteबढ़िया , बेहतरीन रचना सतीश सर शेयर करने के लिए धन्यवाद !
ReplyDeleteInformation and solutions in Hindi ( हिंदी में समस्त प्रकार की जानकारियाँ )
सांस नहीं ले सके सुबह से, हँसते रोते शाम हो गयी,
ReplyDeleteवारिश के आने से पहले , हमें तो छप्पर छाने होंगे ..
बहुत लाजवाब सतीश जी ... जो करना है समय पर और खुद ही करना है ... आह्वान है आपकी गज़ल ...
अर्थ, समीक्षाकार लिखेंगे , कैसे उनकी बात बताऊँ ,
ReplyDeleteगीतकार की हर कविता के,जाने कितने माने होंगे !
सौ प्रतिशत लोग पढ़ते है, दस प्रतिशत जांचते परखते है
और एक प्रतिशत ही कविता को समझते है, सटीक पंक्तियाँ !
ब्रेकफास्ट कडवे शब्दों का,हमें चाय के साथ खिलाते,
ReplyDeleteजलतरंग सी मीठी ध्वनि को, चूड़ी कंगन लाने होंगे !
मुश्किल है :)
काम शुरु करना नहीं सीख पाये अभी
ReplyDeleteइतनी जल्दी जाने की याद दिला रहे है
ठिकाने जोगियों के भी कभी होते हैं कहीं
बेवकूफों को बेवकूफ बना कर समझा रहे हैं ।
बहुत ही सुंदर :)
गिनती के दिन चुकने आये,अपने सारे काम करा लें !
ReplyDeleteकौन जानता कल सतीश के जाने कहाँ ठिकाने होंगे !
वाह ! बहुत उम्दा प्रस्तुति ...!
RECENT POST - आज चली कुछ ऐसी बातें.
संबंधों को निभाने का सहृदय बड़प्पन और छोटों को प्यार भरा संदेश खूब उभर कर आया है .साधु !
ReplyDeleteअजरामरवत् प्राज्ञो विद्याम्रर्थं च चिन्तयेत् ।
ReplyDeleteगृहीत इव केशेषु मृत्युना धर्ममाचरेत् ॥
मैं अजर-अमर हूँ , यह सोच-कर विद्या प्राप्त करना चाहिए और मृत्यु ने केश को पकड रखा है, यह सोच-कर धर्म का आचरण करना चाहिए ।
atiutam-***
ReplyDeleteकौन जानता कल सतीश के जाने कहाँ ठिकाने होंगे !
ReplyDelete...बहुत उम्दा