our dear Goofy (31 Dec 2006 -27april 2014) |
अपना घर त्याग,वो गया है कहीं !
थक के लगता है सो गया है कहीं !
बड़ी हिम्मत से , लड़ रहा था वह !
अपनी चौखट से,खो गया है कहीँ !
बड़े मज़बूत दिल का, बच्चा था !
लड़ते लड़ते ही , तो गया है कहीं !
जाने किस कष्ट से, भिडा इकला !
मर के भी प्यार,बो गया है कहीँ !
किसने छीना है,उसका घर यारोँ
आज विश्वास , रो गया है कहीं !
आपकी लिखी रचना मंगलवार 29 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
ReplyDeletehttp://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
अति भावुक प्रस्तुति.
ReplyDeleteशब्द और चित्र बहुत कुछ कह रहें हैं.
आभार.
मार्मिक रचना..
ReplyDeleteयह दुखद समाचार सुबह फेसबूक पर पढा था !
ReplyDeleteघर के सदस्य जैसा लेकिन सबसे वफादार प्राणी के जाने का दुख वही जानते है जिनके पास उनके पालतू प्राणि है, मै महसूस कर रही हूँ आपकी वेदना सतीश जी, गुफी के लिये यह मार्मिक रचना श्रद्धांजलि स्वरूप लगी मुझे !
भावुक श्रद्धांजलि....
ReplyDeleteये तो बहुत ही दुःख कि बात है ...
ReplyDeleteजिसे घर का सदस्य समझ कर पालो उसके खो जाने का दुःख तो होता ही है ...
मार्मिक शब्दों में लिखे भाव ...
:-(
ReplyDeleteबहुत दुखद है यूँ किसी का जाना....मगर जाते तो सभी हैं !!
धैर्य रखें
सादर
अनु
मार्मिक !!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया , गुफी भाई को श्रद्धांजलि , बहुत ही भावुक रचना , सतीश भाई शेयर करने के लिए धन्यवाद !
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मैं तो मिला भी था इससे.. मैंने भी अपने घर में देखा है. बहुत तकलीफ होती है!!
ReplyDeleteदुखद समाचार!!
ReplyDeleteथक के लगता है सो गया है कहीं :(
ReplyDeleteआपकी इस रचना ने तो हमे भी रुला दिया ......संभालिए अपने आप को ...
ReplyDeleteआपकी इस रचना ने तो हमे भी रुला दिया ....संभालिए अपने आप को ...
ReplyDeleteये बेजुबान भी दिल मे उतर जाते हैं और ज़िंदगी मे शामिल हो जाते हैं !
ReplyDeleteखुश रहना मेरे यार
ReplyDeleteअमर रहे तेरा प्यार
मैं समझ सकता हूँ
'ग़ूफ़ी' तेरे जाने का दर्द
मेरे पास से भी तू गया था
इसी तरह एक नहीं
कई कई बार
अमर रहे तेरा प्यार ।
श्रद्धांजलि ।
माफी चाहता हूँ एक और की याद आ गई इसलिये लिंक दे रहा हूँ
ReplyDeletehttp://ulooktimes.blogspot.in/2012/02/2008-08-02-2012.html
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना
ReplyDeleteयह तो अपने होतें हैं जाने का दुख तो बहुत रहता है। आशा है कि आप दुख से उबर पाये
ReplyDeleteहोंगे।
वो अपना ही हिस्सा था,
ReplyDeleteहममें ही मिल गया है कहीं:-(
RIP Goofy ... :(
ReplyDeleteअभी साल भर भी नहीं हुआ है मैं खुद अपनी Buddy को खो चुका हूँ ... इस दर्द को बखूबी समझता हूँ ... आप खुद को संभालिएगा ... बाकी सब को भी |
गूफ़ी की यादों को आपने बेहद उम्दा अंदाज़ मे सहेजा है ... आप के इस प्रेम के प्रतीक को मैंने भी आज की बुलेटिन मे शामिल किया है ताकि आप के साथ साथ हम भी अपने इस साथी को अलविदा कह सकें |
ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन दुनिया गोल है - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
मार्मिक...आपके दुःख को समझ सकते हैं.....
ReplyDelete...जान कर अफसोस हुआ
ReplyDeletesad :(
ReplyDeleteसह- अनुभूति हो रही है । अभी-अभी मैं भी बिल्कुल ऐसी ही स्थिति से गुज़री हूँ ।" शेरनी " की याद आती है तो आज भी फूट-फूट कर रोती हूँ ।
ReplyDeleteमर्म स्पर्शी दुखद घडी में धैर्य की परीक्षा होती है ।
ReplyDeleteSad .
ReplyDeleteAny plans to get Goofy Jr. ?
किसने छीना है,उसका घर यारोँ
ReplyDeleteआज विश्वास , रो गया है कहीं
..भावुक कर गयी आपकी रचना ..
जानकार दुःख हुआ!
ये बेजुबान प्राणी कब हमारे घर में आकर दिल में घर कर जाते हैं पता तब चलता है जब दूर चले जाते है ..
ReplyDeleteबड़े मज़बूत दिल का, बच्चा था !
लड़ते लड़ते ही , तो गया है कहीं !
बहुत दुखद !
दुखद !
ReplyDeleteoh! बहुत मार्मिक ..
ReplyDeleteआपके दुःख को समझ सकते हैं.....
ReplyDeleteबहुत मार्मिक ..दुखद !
ReplyDeleteJaney WO kon sa desh jaha tum chaley gaye....
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