ढोंगियों के दिए ,वरदान भुलाने होंगे !
रूप संतों का रखे , चोर - उचक्के पूजे ,
बीच गंगा में ये , अपराध बहाने होंगे !
एक दिन आँख खुलेंगीं जरूर भक्तों की
जाहिलों को ही , सभी ढोंग गिराने होंगे !
अब न गुरुदेव मिलेंगे किसी डेरे में यहाँ
लम्बी दाढ़ी रखे , ये धूर्त भगाने होंगे !
झूठ के बीज को , जड़ से समाप्त करने को
तीक्ष्ण अभिव्यक्ति को,खतरे भी उठाने होंगे !
सोच रहा हूँ काली करवा लेनी चाहिये दाढ़ी :)
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