आज की सुखद मुलाकात के लिए सबसे पहले धन्यवाद अजय कुमार झा को देना चाहता हूँ , जिनके कारण मैं पहली बार कुछ बेहतरीन शख्शियतों से आमने सामने परिचित हो सका !इस बैठक से पहले मन में एक संकोच और कुछ शंकाएं थी, जो इस हंसमुख और सुदर्शन व्यक्तित्व से मिलते ही समाप्त हो गयीं ! वहाँ उपस्थित कुछ साथियों से, मैं पहले से ही परिचित था मगर कुछ से पहली बार मुलाकात हुई, !
डॉ कविता वाचक्नवी से यहाँ मिलना एक सुखद आश्चर्य जैसा ही रहा, उनसे मिलने के लिए आज मैं आजाद भवन सभागार, इन्द्रप्रस्थ एस्टेट जाना चाहता था, जहाँ उन्हें उनके कार्य के लिए "अक्षरम सूचना प्रोद्योगिकी सम्मान" दिया जाना था ! इसके अतिरिक्त ८ वें अन्तराष्ट्रीय हिंदी उत्सव में वे वेब पत्रकारिता पर उनको वक्ता के रूप में सुनने की मेरी बेहद इच्छा भी थी ! हिंदी की सेवा में समर्पित, ब्रिटेन में बसी इस विद्वान महिला का इस ब्लागर मिलन में शामिल होना मेरी नज़र में, गौरव का विषय है ! अपने संक्षिप्त भाषण में उन्होंने तथाकथित भारतीय संस्कारों के नाम पर हो रही दकियानूसी सोच से बाहर निकालने का आवाहन किया !सरवत एम् जमाल साहब जैसी संवेदनशील प्रतिभा का भी दिल्ली में मिलने का मैं सोच भी नहीं सकता, बेहद खूबसूरत दिल के मालिक सरवत जमाल साहब अपनी धर्मपत्नी अलका मिश्रा के आदेश पर श्री राज भाटिया को कुछ आयुर्वेदिक दिशा निर्देशन देने हेतु लखनऊ से यहाँ पहुंचे थे ! अलका जी जडी बूटियों पर अपने ज्ञान को हिन्दी जगत में बाँट रहीं हैं , और इस तरह यह दोनों पति पत्नी ग़ज़ल और आयुर्वेद के क्षेत्र में बहुत निस्संदेह सराहनीय कार्य कर रहे हैं !
मसिजीवी और अविनाश वाचस्पति जैसे हिंदी ब्लाग जगत के समर्पित लोगों से ऐसे आयोजनों पर मिलना किसी भी हिंदी प्रेमी के लिए सौभाग्य से कम क्या होगा ! अविनाश वाचस्पति और अजय कुमार झा ने बार बार अनुरोध किये जाने पर भी, किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता लेने हेतु विनम्रता से मना कर देना आज के समय में चर्चा का विषय हो सकता है !३०-३५ लोगों के भोजन की व्यवस्था और चायपान करवाना दिल्ली शहर में आसान बात नहीं है !
....क्रमश:
क्रमश: के बाद की रपट का इंतजार है!
ReplyDeletebahut accha laga sabse milkar.....ajay ji ne accha ayojan kiya hein....delhi bloogar milan par apki agli post ka besabri se intzar hein....
ReplyDeleteऔर आप सबका आना और मिलना , मेरे लिए ये जीवन यादगार दिन था ,और आप सबने आकर जो मान बढाया उसने मुझे बल दिया है कि अब हिंदी ब्लोग्गिंग को लेकर मेरे देखने सपने सच होंगे , कल के अखबारों में मिलन की खबरें और तस्वीरें भी देखने पढने को मिलने वाली हैं
ReplyDeleteअजय कुमार झा
इस रिपोर्ट का ईंतजार था. अभी अभी राज भाटिया जी से बात हुई, यह मिलन मेला आनंद पुर्वक संपन्न हुआ यह जानकर बहुत खुशी हूई. आप सभी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
सतीश भाई फिर तो आपको हमारे साथ चलना था। हम वहां से सीधे आजाद भवन ही गए थे। उनको सुन तो नहीं पाये पर उनको सम्मानित होते देखकर खुद को सम्मानित होने जैसा महसूस किया।
ReplyDeleteआपने जितना चिंतन किया है। उतना चिंतन न कीजिए। खर्चा जो हो गया, होने दीजिए। आप तो बस चर्चा के भरपूर मजे लीजिए।
होली पर रंग बिखराने और बिखरवाने के लिए तैयार रहिएगा।
सारगर्भित रिपोर्ट!! अच्छा लगा पढ़कर.
ReplyDeleteसतीश जी आज यह ब्लॉगर मीटिंग आप जैसे नेक और हँसमुख दिल वाले इंसान से मिलाया हम इसलिए भी इस मीटिंग के शुक्रगुज़ार है..
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा पढकर !!
ReplyDeleteअफसोस कि हम वहाँ न थे।
ReplyDeleteahaa....
ReplyDeleteyahaan bhi wahi aanand..
ok..
ReplyDeletevery nice to know about ur meet !
ReplyDeleteसतीश जी आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा...आपको फिर से मिलने और आपका लिखा पढ़ने की इच्छा मन में जाग्रत हो चुकी है
ReplyDeletecongratulations 4 success of blogger's Meet at Delhi....
ReplyDeleteMAHAVEER B. SEMLANI
badhiya report sahab, agli kisht ki pratiksha hai
ReplyDeleteबढ़िया रिपोर्ट सतीश जी...
ReplyDeleteअजय भैया... अविनाश जी आप लोगों की जीती तारीफ की जाये कम ही है..
आभार..
जय हिंद...
ये न थी हमारि किस्मत...
ReplyDeleteपिछली बार के आयोजक और प्रायोजक भी अजय झा ही थे
ReplyDeleteअपने न आ पाने पर अफ़सोस है
खैर, अगली बार फिर कभी
बी एस पाबला
सक्सेना साब हम लोग तो बस अब वंहा नही आने का अफ़सोस ही कर सकते हैं।आते तो हम भी आप जैसे अच्छे लोगों से मिलने की एकाध खबर लिख पाते।बहुत बहुत बधाई दिल्ली मे मिले दिलवाले ब्लागरों को।
ReplyDeleteएक तो छापी रपट आधी-अधूरी
ReplyDeleteउस पे ये तुर्रा कि सर्वत और दिल्ली
कह दिया, मैं मीट में आया नहीं था
सिर्फ जोरू के कहे पर
कुछ जड़ी बूटी के नुस्खे
देने आया था यहाँ पर
एक अनिवासी ब्लागर को.
दोस्ती में लोग ऐबों को छुपाते हैं
दोस्त जोरू की गुलामी कर रहा तो
इस तरह मजमे में थोड़े ही बताते हैं.
मिलने का सुख अभी बरकरार है. रपट के दूसरे हिस्से का इंतजार है.
अच्छी रिपोर्ट, फ़ोटो देखकर भी अच्छा लगा…
ReplyDeleteबहुत अच्छी रिपोर्ट!
ReplyDeleteअगली कड़ी की प्रतीक्षा है।
सतीश जी लेट होने के लिए माफ़ी अब तो कई दिन तक यादो में ही डूबता उछरता रहूँगा
ReplyDelete.सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
आदरणीय सतीश जी,
ReplyDeleteआपकी एक छवि मेरे मन पर अंकित है, जिसका मैं कई कारणों से बहुत आदर करती हूँ. वह छवि कब व कैसे बनी यह कोइ एक दिन या एक घटना की बात नहीं वस्तुतः हम नेट पर वायवी उपस्थिति के बावजूद अपनी सही उपस्थिति भी अंकित करते जाते हैं, उस के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की एक मूर्ति अन्यों के मन में बनती है, जो आप के सन्दर्भ में मेरे मन में आदर और निश्छलता की है. इस lie आप से मिलना मुझे बेहद सुख से भर गया. यों तो अन्य सभी से मिलना मानो सुखद बयार जैसा था. अधिकाँश से मैं वायवी जगत में परिचित ही हूँ, किन्तु साक्षात उन्हें सामने पा व बतिया कर मन खिल उठा. यह सब इतना अनायास हो गया कि मानो मेरा दिल्ली प्रवास सार्थक हो गया है. जी भर बैठ न पाने का खेद है किन्तु विवशता थी. वह तो अविनाश जी की सौजन्यता के कारण वहाँ तक पहुँचना संभव हो गया अन्यथा मैं तो दिल्ली का कुछ भी नहीं जानती हूँ. इसलिए सारे धन्यवाद के पात्र अविनाश वाचस्पति जी, आयोजक व अजय झा जी हैं. आप की इस इस पोस्ट के द्वारा सब तक धन्यवाद पहुँचाना चाहती हूँ.