Sunday, February 7, 2010

दिल्ली ब्लागर मिलन - एक सुखद मुलाकात -1

आज की सुखद मुलाकात के लिए सबसे पहले धन्यवाद अजय कुमार झा को देना चाहता हूँ , जिनके कारण मैं पहली बार कुछ बेहतरीन शख्शियतों से आमने सामने परिचित हो सका !इस बैठक से पहले मन में एक संकोच और कुछ शंकाएं थी, जो इस हंसमुख और सुदर्शन व्यक्तित्व से मिलते ही समाप्त हो गयीं ! वहाँ उपस्थित कुछ साथियों से, मैं पहले से ही परिचित था मगर कुछ से पहली बार मुलाकात हुई, !
                                                    डॉ कविता वाचक्नवी  से यहाँ मिलना एक सुखद आश्चर्य जैसा ही रहा, उनसे मिलने के  लिए आज मैं आजाद भवन सभागार, इन्द्रप्रस्थ एस्टेट जाना चाहता था, जहाँ उन्हें उनके कार्य के लिए "अक्षरम सूचना प्रोद्योगिकी सम्मान" दिया जाना था ! इसके अतिरिक्त ८ वें  अन्तराष्ट्रीय हिंदी उत्सव में वे वेब पत्रकारिता पर  उनको वक्ता के रूप में सुनने की मेरी बेहद इच्छा भी थी ! हिंदी की सेवा में समर्पित, ब्रिटेन में बसी इस विद्वान महिला का इस ब्लागर मिलन में शामिल होना मेरी नज़र में, गौरव का विषय है ! अपने संक्षिप्त भाषण में उन्होंने तथाकथित भारतीय संस्कारों के नाम पर हो रही दकियानूसी सोच से बाहर निकालने का आवाहन किया !


सरवत एम् जमाल साहब जैसी संवेदनशील प्रतिभा का भी दिल्ली में मिलने का मैं सोच भी नहीं सकता, बेहद खूबसूरत दिल के मालिक सरवत जमाल साहब अपनी धर्मपत्नी अलका मिश्रा के आदेश पर श्री राज भाटिया को कुछ आयुर्वेदिक दिशा निर्देशन देने हेतु लखनऊ से यहाँ पहुंचे थे ! अलका जी जडी बूटियों पर अपने ज्ञान को हिन्दी जगत में बाँट रहीं हैं , और इस तरह यह दोनों पति पत्नी ग़ज़ल और आयुर्वेद के क्षेत्र में बहुत निस्संदेह सराहनीय कार्य कर रहे हैं !


मसिजीवी और अविनाश वाचस्पति जैसे हिंदी ब्लाग जगत के समर्पित लोगों से ऐसे आयोजनों पर मिलना किसी भी हिंदी प्रेमी के लिए सौभाग्य से कम क्या होगा ! अविनाश वाचस्पति और अजय कुमार झा ने बार बार अनुरोध किये जाने पर भी, किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता लेने हेतु विनम्रता से मना कर देना आज के समय में चर्चा का विषय हो सकता है !३०-३५ लोगों के भोजन की व्यवस्था और चायपान करवाना दिल्ली शहर में आसान बात नहीं है !


....क्रमश:





   

24 comments:

  1. क्रमश: के बाद की रपट का इंतजार है!

    ReplyDelete
  2. bahut accha laga sabse milkar.....ajay ji ne accha ayojan kiya hein....delhi bloogar milan par apki agli post ka besabri se intzar hein....

    ReplyDelete
  3. और आप सबका आना और मिलना , मेरे लिए ये जीवन यादगार दिन था ,और आप सबने आकर जो मान बढाया उसने मुझे बल दिया है कि अब हिंदी ब्लोग्गिंग को लेकर मेरे देखने सपने सच होंगे , कल के अखबारों में मिलन की खबरें और तस्वीरें भी देखने पढने को मिलने वाली हैं
    अजय कुमार झा

    ReplyDelete
  4. इस रिपोर्ट का ईंतजार था. अभी अभी राज भाटिया जी से बात हुई, यह मिलन मेला आनंद पुर्वक संपन्न हुआ यह जानकर बहुत खुशी हूई. आप सभी को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं.

    रामराम.

    ReplyDelete
  5. सतीश भाई फिर तो आपको हमारे साथ चलना था। हम वहां से सीधे आजाद भवन ही गए थे। उनको सुन तो नहीं पाये पर उनको सम्‍मानित होते देखकर खुद को सम्‍मानित होने जैसा महसूस किया।

    आपने जितना चिंतन किया है। उतना चिंतन न कीजिए। खर्चा जो हो गया, होने दीजिए। आप तो बस चर्चा के भरपूर मजे लीजिए।

    होली पर रंग बिखराने और बिखरवाने के लिए तैयार रहिएगा।

    ReplyDelete
  6. सारगर्भित रिपोर्ट!! अच्छा लगा पढ़कर.

    ReplyDelete
  7. सतीश जी आज यह ब्लॉगर मीटिंग आप जैसे नेक और हँसमुख दिल वाले इंसान से मिलाया हम इसलिए भी इस मीटिंग के शुक्रगुज़ार है..

    ReplyDelete
  8. बहुत अच्‍छा लगा पढकर !!

    ReplyDelete
  9. अफसोस कि हम वहाँ न थे।

    ReplyDelete
  10. ahaa....

    yahaan bhi wahi aanand..

    ReplyDelete
  11. सतीश जी आपसे मिलकर बहुत अच्छा लगा...आपको फिर से मिलने और आपका लिखा पढ़ने की इच्छा मन में जाग्रत हो चुकी है

    ReplyDelete
  12. congratulations 4 success of blogger's Meet at Delhi....
    MAHAVEER B. SEMLANI

    ReplyDelete
  13. badhiya report sahab, agli kisht ki pratiksha hai

    ReplyDelete
  14. बढ़िया रिपोर्ट सतीश जी...
    अजय भैया... अविनाश जी आप लोगों की जीती तारीफ की जाये कम ही है..
    आभार..
    जय हिंद...

    ReplyDelete
  15. ये न थी हमारि किस्मत...

    ReplyDelete
  16. पिछली बार के आयोजक और प्रायोजक भी अजय झा ही थे

    अपने न आ पाने पर अफ़सोस है
    खैर, अगली बार फिर कभी

    बी एस पाबला

    ReplyDelete
  17. सक्सेना साब हम लोग तो बस अब वंहा नही आने का अफ़सोस ही कर सकते हैं।आते तो हम भी आप जैसे अच्छे लोगों से मिलने की एकाध खबर लिख पाते।बहुत बहुत बधाई दिल्ली मे मिले दिलवाले ब्लागरों को।

    ReplyDelete
  18. एक तो छापी रपट आधी-अधूरी
    उस पे ये तुर्रा कि सर्वत और दिल्ली
    कह दिया, मैं मीट में आया नहीं था
    सिर्फ जोरू के कहे पर
    कुछ जड़ी बूटी के नुस्खे
    देने आया था यहाँ पर
    एक अनिवासी ब्लागर को.
    दोस्ती में लोग ऐबों को छुपाते हैं
    दोस्त जोरू की गुलामी कर रहा तो
    इस तरह मजमे में थोड़े ही बताते हैं.

    मिलने का सुख अभी बरकरार है. रपट के दूसरे हिस्से का इंतजार है.

    ReplyDelete
  19. अच्छी रिपोर्ट, फ़ोटो देखकर भी अच्छा लगा…

    ReplyDelete
  20. बहुत अच्छी रिपोर्ट!

    अगली कड़ी की प्रतीक्षा है।

    ReplyDelete
  21. सतीश जी लेट होने के लिए माफ़ी अब तो कई दिन तक यादो में ही डूबता उछरता रहूँगा
    .सादर
    प्रवीण पथिक
    9971969084

    ReplyDelete
  22. आदरणीय सतीश जी,
    आपकी एक छवि मेरे मन पर अंकित है, जिसका मैं कई कारणों से बहुत आदर करती हूँ. वह छवि कब व कैसे बनी यह कोइ एक दिन या एक घटना की बात नहीं वस्तुतः हम नेट पर वायवी उपस्थिति के बावजूद अपनी सही उपस्थिति भी अंकित करते जाते हैं, उस के द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की एक मूर्ति अन्यों के मन में बनती है, जो आप के सन्दर्भ में मेरे मन में आदर और निश्छलता की है. इस lie आप से मिलना मुझे बेहद सुख से भर गया. यों तो अन्य सभी से मिलना मानो सुखद बयार जैसा था. अधिकाँश से मैं वायवी जगत में परिचित ही हूँ, किन्तु साक्षात उन्हें सामने पा व बतिया कर मन खिल उठा. यह सब इतना अनायास हो गया कि मानो मेरा दिल्ली प्रवास सार्थक हो गया है. जी भर बैठ न पाने का खेद है किन्तु विवशता थी. वह तो अविनाश जी की सौजन्यता के कारण वहाँ तक पहुँचना संभव हो गया अन्यथा मैं तो दिल्ली का कुछ भी नहीं जानती हूँ. इसलिए सारे धन्यवाद के पात्र अविनाश वाचस्पति जी, आयोजक व अजय झा जी हैं. आप की इस इस पोस्ट के द्वारा सब तक धन्यवाद पहुँचाना चाहती हूँ.

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,