झूठ,मक्कारी, दिखावे भी न कम है,
सौ करोड़ों को नचाने का भी दम है !
ये बताओ खूब कि खतरे में हम हैं !
दुश्मनी से देश को खतरा तो है पर
वोट बरसेंगे जभी खतरे में जन है !
धन कुबेरों के लिए , खोले खजाने
इन ग़रीबों के लिए तो आँख नम है !
हो सके तो देश अपने को बचा लो
बंदरों के हाथ में , परमाणु बम है !
धन कुबेरों के लिए , खोले खजाने
इन ग़रीबों के लिए तो आँख नम है !
हो सके तो देश अपने को बचा लो
बंदरों के हाथ में , परमाणु बम है !
पन्ने भर जायेंगे लेकिन
ReplyDeleteये बाज नहीं आयेंगे ।
:)
सच्ची बात अच्छी ग़ज़ल
ReplyDeleteगए चुनाव गढ्ढे में,,,,
ReplyDeleteबहुत विचारोत्तेजक और साहसी रचना !
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