अगर आप अकेलापन महसूस करते हैं तो एक कुत्ता पाल लें यकीन मानिये (बशर्ते गिरिजेश राव जी से ना पूंछे ;-) ) आपको अकेलापन नहीं खलेगा ! आदिकाल से मानव के साथ साथ रहने वाला यह परम मित्र , घर की सुरक्षा के साथ साथ, अपनी छटी इन्द्रिय के लिए मशहूर है ! आपकी आहट यह लगभग एक किलोमीटर से महसूस कर लेता है और यदि आप बीमार है यह घर के अन्य सदस्यों से पहले ही महसूस कर लेगा ! आपके दुःख की छाया इसके चेहरे से कोई भी जान सकता है !
आज के समय में यह गूंगा दोस्त , प्यार की एक मिसाल है !आप शायद यकीन भी न करें मगर चित्र में आदेश मानने की मुद्रा में बैठा गूफी ,३० - ३५ लोगो के परिवार में हर किसी को भली भांति उनकी आदतों के साथ पहचानता है ! किसी को भी आपस में लड़ते देख तुरंत बीच बचाव के लिए धक्का देता है !
पूरे परिवार में सबसे निर्दोष और निष्छल सिर्फ यही "कुत्ता " है जो हम मानवों को स्नेह का पाठ पढ़ाने की कोशिश करता रहता है !
आज के समय में यह गूंगा दोस्त , प्यार की एक मिसाल है !आप शायद यकीन भी न करें मगर चित्र में आदेश मानने की मुद्रा में बैठा गूफी ,३० - ३५ लोगो के परिवार में हर किसी को भली भांति उनकी आदतों के साथ पहचानता है ! किसी को भी आपस में लड़ते देख तुरंत बीच बचाव के लिए धक्का देता है !
achchha lekh..
ReplyDeletekutte aadmi se jyada vafadar hote hain...
भाई आपकी सलाह नहीं मान सकेंगे। हमें तो उन इंसानों से भी डर लगता है जो कुत्ते की तरह हरकत करते हैं। एक बात बताओं कि सारी ही कहावते कुत्तों पर ही क्यों बनी हैं?
ReplyDeleteमै तो हमेशा से ये ही सोचता हूँ कि किस वजह से इसे कुत्ता कहा जाता है |
ReplyDeleteसर,
ReplyDeleteकुत्तें वाकई एक सबसे वफादार जानवर हैं |
सर,
ReplyDeleteकुत्तें वाकई एक सबसे वफादार जानवर हैं |
वफादार कुत्ता बेइमान दोस्त से ज्यादा अच्छा है
ReplyDeleteसही कहा आपने...गूफी बड़ा स्मार्ट लग रहा है.
ReplyDeleteसर जी! आपके कुत्ते का नाम गूफी है? गूफी से तो हमारी पहचान कामिक्स के दिनों से है।
ReplyDeleteपर एक बात देखी गयी है कि कुत्ते बहुत डिप्लोमैटिक होते हैं, जब भौंकते हैं तब साथ साथ पूछं भी हिलाते रहते हैं। फिर जब जैसा माहौल हुआ एडजस्ट हो जाते है, भौकने पर या पूछं हिलाने पर।
ऐसा कहा जाता है कि अपने इसी गुण के कारण आदमजात के साथ इनका मधुर सम्बन्ध आज भी बना हुआ है।
बिलकुल सहमत हूँ ....बल्कि मैं अपने घर पर यह बोर्ड लगाने वाला हूँ -कुत्ता विद्वेषी :प्रवेश निषेधित !
ReplyDeleteहाँ कुत्ता मालिकों की बड़ी जिम्मेदारियां भी होती हैं बिना उनके कोई भी कुता न पाले तभी अच्छा है .
geet padhne aaya tha... googly ho gayi...
ReplyDeleteबड़े स्नेहप्रिय होते हैं ये हमारे साथी।
ReplyDeleteसतीश भाई साहब, आपसे सहमत हूँ !
ReplyDeleteअच्छी लगी यह कुकुरवादिता। प्रणाम तो शिवकुमार मिश्र जोड़ देंगे! :)
ReplyDeleteसलाह बढ़िया है ,अमल में ला सकते है
ReplyDeleteसबसे निर्दोष और निश्छल कुत्ते से मिलना अच्छा लगा ...
ReplyDeleteमगर मैंने कुत्ते पालने वालों को इंसानों से नफरत करते भी देखा है ....
bhaijee, dekhiye pahile pichla path
ReplyDeleteko udaharn sahit poora hone dijiye
phir agilka path likhiyega........
aur han aap jiski bat yahan kar rahe hain .... oos se to bandhi-ganti aur khuli-langoti ke waqt se sinajorika undurstanding raha hai.wakai ye swan-insan ka sabse bara sewak hota hai.
pranam.
बहुत सही कहा आपने. पर जब ये बिछुडते हैं तो अनंत पीडा दे जाते हैं इसलिये अब और नही पाल सकते.
ReplyDeleteरामराम
बहुत सही कहा आपने. पर जब ये बिछुडते हैं तो अनंत पीडा दे जाते हैं इसलिये अब और नही पाल सकते.
ReplyDeleteरामराम
सतीश जी बहुत सही कहा आपने. कुत्ते अब आदमी से ज्यादा कहीं ना कहीं वफादार सिद्ध हो रहे है. एक सच्चा और हमदर्द दोस्त की तरह.
ReplyDeleteकुत्ता आजकल के ९०% इंसानों से अच्छा है.सुन्दर भावाभिव्यक्ति.
ReplyDeleteसही है।
ReplyDelete@वाणी जी लगे हाथ उस इंसान /इंसानों का नाम भी बता दीजिये न ..व् से नहीं शुरू होता ? :)
ReplyDeleteबात आपकी सही हो सकती है .परन्तु फिर उनसे बिछड़ने की पीड़ा के डर से पालने की हिम्मत नहीं होती
ReplyDeleteवैसे गूफी नाम बहुत प्यारा है.
निर्दोष निश्छल, आदेश मानने वाला मालिक की आदतें पहिचानने वाला झगडने वालो में बीच बचाव करने आगे आने वाला , मानव का मित्र , घर की सुरक्षा करने वाला अपने मालिक का दुख उनके चेहरे से पहिचानने वाला , ये सब गुण उसने आदमी से ले लिये इसलिये आदमी के पास तो ये गुण होने का सवाल नहीं क्योंकि वह तो सब इसने ले लिये
ReplyDeleteआपके विचारों से अवगत हुआ। मुझे उम्मीद है, इंसान अभी ज़िन्दा है अपनी इंसानियत के साथ। वैसे ब्लॉगर जब से हुआ हूं अकेलापन महसूस नहीं हुआ। बहुत अच्छी प्रस्तुति। हार्दिक शुभकामनाएं!
ReplyDeleteविचार- डॉ. राजेन्द्र प्रसाद - भारतीयता के प्रतीक
सतीश जी , बाकि सब तो ठीक है । लेकिन ये चूमा चाटी वाली बात ज़रा हज़म नहीं हो रही ।
ReplyDeleteकुत्तों के साथ तो अपना बहुत पुराना याराना है :)
ReplyDeleteकुत्ते गलीवाले आवारा होते हैं
ReplyDeleteगालीवाले होते हैं
ये बेगली हैं
लगते ये गलेवाले हैं
गली से गले तक का सफर
गले की गलियों को भी निखार देता है
इसे गालियों में भी प्रयोग किया जाता है
वफादारी में इसका कोई सानी नहीं है
जब ये बोल रहे हों सीरीयसली
गाली वालों की गाली गले में फंस जाती है
सामने वाले को खूब हंसी आती है
आओ बंधु, गोरी के गांव चलें
kutta shabd se agar aapka abhipray
ReplyDeletevafadar se hai to uttam vichar
varna sochna padega
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ReplyDelete.
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सर जी,
बात तो आपकी सही है... पर यह 'पालना' और 'मालिक' कहलाना अपने बस का नहीं... कोई कुत्ता स्वयं ही मुझे अपने दोस्त के रूप में adopt कर ले तो बात दूसरी होगी...
...
Sach me kutte bahut vafadar hote hain..... achhi post...
ReplyDeleteअकेलापन दूर करने के और भी उपाय हैं :) हमसे तो ना हो पायेगा कुत्तापालन.
ReplyDeleteसतीश भाई आप का ख्याल सही है, यह वफादार है क्यों की लालची नहीं
ReplyDeleteमैंने कुत्ते पालने वालों को इंसानों से नफरत करते भी देखा है ....
ReplyDeleteअच्छा लेख ........
कल एक अजीब तमाशा देखने को मिला, पुरे चौदह कुत्ते एक ही के पीछे लगे हुए थे, वैशाली सेक्टर -२, के पास.
ReplyDeleteसुन्दर पोस्ट. कुत्ते वफादार होते हैं. फोटो भी बढ़िया है.
ReplyDeleteतो हम ये मान लें कि यह पोस्ट चार पैरों वालों पर ही है ? :)
ReplyDeleteबचपन में एक कुत्ते ने काट लिया था और जवानी में एक कुतिया नें , भगवान की कसम तब से कुत्तों से बहुत डर लगता है ।
ReplyDeleteहमारे पास एक डाबरमैन कुतिया थी (फिजी)
ReplyDeleteउसके सामने मेरे पिताजी को कोई छू भी नहीं सकता था।
फिलहाल कोई नहीं है, लेकिन जल्द ही लाना चाहता हूँ।
प्रणाम
सतीश जी, उपरोक्त सभी बातों से सहमत हूँ.... मगर सुबह पार्क में जो खानदानी लोग कुत्ता ले कर चलते हैं...... और पैदल चलने वाली पटरी पर जो ये गंदगी मचाते है.... तो समझ नहीं आता कुत्ते के मालिक को कोसूं या कुत्ते को.
ReplyDeleteइनसे तो अच्छे वो आवारा कुत्ते लगते है ... और निवुत तो कम से कम रोड के किनारे होते है..... रोड के बीचोबीच नहीं.
Adikal se hi Kutta aur ghoda manushya ke pratham sangi rahen hain.Bahut sundar prastuti.Plz. visit my blog.
ReplyDeleteकुत्ते की वफ़ादारी का कोई सानी नहीं ...शुक्रिया
ReplyDeleteबिलकुल सही कहा है \हमारे पास भी" जूही" है पामेरियन जो १८ साल की हो चुकी है और स्नेहिल इतनी की चोर का भी स्वागत कर ले |
ReplyDeleteबस पानी से डरती है |
कुत्ते इंसान से लाख गुना बेहतर होते हैं। पर सतीश जी एक बात समझ में नहीं आती कि लोग इंसान को कुत्ते की गाली क्यों देते हैं।
ReplyDelete---------
ईश्वर ने दुनिया कैसे बनाई?
उन्होंने मुझे तंत्र-मंत्र के द्वारा हज़ार बार मारा।
हमको तो वैसे डर लगता है कुतों से...
ReplyDeleteवैसे हमारे एक मित्र हैं अतुल, वो भी एक डौगी पाले हुए हैं और वो उनका बहुत अच्छा मित्र भी है :)
आपकी बात बिलकुल सही है ..पर इंसान अलग अलग सोच रखता है ...और अपनी सोच के आधार पर हीधारणा बानयेगा ....
ReplyDeleteगूफी बहुत प्यारा लग रहा है ....
@ प्रवीण शाह,
ReplyDeleteमगर कुत्तों को चांस तो देना पड़ेगा ...
:-)
@ सुनील कुमार ,
ReplyDeleteगुणी मित्र के कारण टिप्पणियों में आनंद दूना हो जाता है सुनील भाई ! आनंद आ गया .
वफादार कुत्ता बेइमान दोस्त से ज्यादा अच्छा है
ReplyDeleteमुझे भी अपने tony-kity याद आ गए...
ReplyDeleteअब माँ पालने नहीं दे रही, कहती है जब ससुराल जाना तो वहीँ पालना... :)
इनका प्रेम अतुलनीय होता है, जब आप काम से वापस घर आते हैं तो याद कीजिये... सारी थकान तो यह एसे ही उतार देते हैं!
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