जिस पोस्ट को मैं स्नेह और प्यार की पोस्ट मान रहा था , उसका उद्देश्य काफी हद तक कुछ गलतफहमियों के कारण खराब हो गया ! खैर सब कुछ अपने हाथ में नहीं होता !
महफूज़ ने मैसेज के जरिये कहा है कि मुझे दुःख है ...मुझे माफ़ कर दीजियेगा ! धन्यवाद महफूज़ ! मगर फिर भी मैं अपना स्पष्टीकरण अवश्य देना चाहूँगा जिससे आप और खुद इंदु जी को मेरी ओर से ग़लतफ़हमी न रहे !
इन्दुपुरी को स्नेह वश ही विभिन्न संबोधनों से पुकारा गया था जिसमें इंदु माँ अथवा स्नेह से बुढ़िया कहा गया !
फिर भी जो कुछ टिप्पणिया देखीं किसी संवेदनशील दिल के लिए दुखाने को काफी है ! मुझे इसका खेद रहेगा !
आइये एक बहुत प्यारा गाना सुनते हैं ...
सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी
महफूज़ ने मैसेज के जरिये कहा है कि मुझे दुःख है ...मुझे माफ़ कर दीजियेगा ! धन्यवाद महफूज़ ! मगर फिर भी मैं अपना स्पष्टीकरण अवश्य देना चाहूँगा जिससे आप और खुद इंदु जी को मेरी ओर से ग़लतफ़हमी न रहे !
इन्दुपुरी को स्नेह वश ही विभिन्न संबोधनों से पुकारा गया था जिसमें इंदु माँ अथवा स्नेह से बुढ़िया कहा गया !
फिर भी जो कुछ टिप्पणिया देखीं किसी संवेदनशील दिल के लिए दुखाने को काफी है ! मुझे इसका खेद रहेगा !
आइये एक बहुत प्यारा गाना सुनते हैं ...
सच है दुनिया वालों कि हम हैं अनाड़ी
अंत भला सो सब भला...
ReplyDeleteसतीश भाई, सैल्यूट आपको बड़प्पन दिखाने के लिए...
महफूज़, ब्रेवो बड़े भाई का मान रखने के लिए...
जय हिंद...
कृपया इस पोस्ट पर कमेंट्स न दें ! धन्यवाद !
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