यूरोप यात्रा की खुशनुमा यादों के साथ, इस वर्ष ब्लॉग जगत की खट्टे, मीठे अनुभव लिए, आपके मध्य हूँ ! ब्लॉगजगत की यादों की बात करुँ तो पूरा वर्ष टिप्पणियों और लेखों में उलझा रहा और आत्मसंतुष्टि और सत्संग, ढूँढने के बावजूद कम ही मिल पाया ...
स्वप्रकाशित लेखों पर , भीड़ के द्वारा की गयी ,वाह वाही के कारण, बने अपने आभामंडल की चमक में मदांध, हम लोग अक्सर मूर्ख को कालिदास और कालिदास को मूर्ख कह कर, विद्वता को निर्ममता से रौंद डालते हैं !
ब्लॉग जगत की त्रासदी है कि पढने लायक लेख़क और उसके लेख को समझ कर टिप्पणिया देने वाले पाठक, की तलाश करना, सागर में बिना साधन, मोती ढूँढना है !
जो अच्छे लिखते हैं, वे लोकप्रिय न होने के कारण सामने नहीं आ पाते...मगर जो कूड़ा लिखते हैं, वे अधिक टिप्पणियां देने के कारण अधिक लोकप्रिय हैं ! ( मैं भी लगा रहता हूँ ...) :-)
दिन भर में ४० - ५० टिप्पणियां देने का लक्ष्य पूरा करने के लिए , अधिकतर लोग यहाँ, दूसरे को पढ़कर, अपना समय बर्बाद नहीं करते , किसी लेख की, पहली और आखिरी कुछ लाइनों से समझ न आये तो किसी अच्छे ब्लागर की टिप्पणी पढ़ कर, अपनी टिप्पणी ठोक देने से काम चला जाता है ! हाँ कभी कभी , जल्दी जल्दी समझने को कोशिश कर ,जो राय बने, उसे कायम कर, अक्सर मूर्ख को समझदार और समझदार को मूर्ख मान लेते हैं !
ब्लॉगजगत में पिछले वर्ष की उपलब्धियों के नाम पर कुछ ख़ास नहीं मिल पाया जो दिल को तसल्ली मिले ....
हाँ कुछ ऐसे स्वघोषित विद्वान् ;-) जरूर मिले जो यह समझा गए कि कुछ अच्छा लिखा करो तो लोग तारीफ़ भी करेंगे :-)))
अपने काम और व्यवहार के प्रति लोगों की बुद्धि समझ कर, अपने बाल नोचने का दिल कई बार किया है ....
अपने काम और व्यवहार के प्रति लोगों की बुद्धि समझ कर, अपने बाल नोचने का दिल कई बार किया है ....
इस वर्ष तो यही समझ आया कि मूर्खों से ईश्वर रक्षा करे और चालबाजों से दूरी बनी रहे, हालाँकि पहचानने में बार बार गलती की है ..... :-(
दोस्तों से अनुरोध है कि सच्चे मन से, अगले वर्ष की शुभकामनायें दे जाना, हमारे ब्लॉग पर...बहुत जरूरत है !
शुभकामनायें चाहिए कि अगले साल "हमें समझ जाने वाले" और "हमारी असलियत जानने वाले" समझदार, कम से कम टकरायें :-)), और कुछ भले और ईमानदार लोगों से भेंट हो तो इन लेखों का लिखना सार्थक हो !सबसे अंत में ईश्वर से प्रार्थना है कि मेरे पास इतना धन और शक्ति जरूर बचाए रखे कि वक्त आने पर, मेरे दरवाजे से , कोई मायूस होकर, वापस न लौट जाए !
किसी का एक आंसू,बिना उस पर अहसान किये, पोंछ सका, तो अगले वर्ष, अपना मन संतुष्ट मान लूँगा ...
किसी का एक आंसू,बिना उस पर अहसान किये, पोंछ सका, तो अगले वर्ष, अपना मन संतुष्ट मान लूँगा ...
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ।
ReplyDeleteआइए एक नजर यहां भी डालें ...वटवृक्ष पर ...
http://urvija.parikalpnaa.com/2010/12/blog-post_29.html
इतनी शक्ति हमें देना दाता, मन का विश्वास कमजोर होना.
ReplyDeleteनूतन वर्ष में आपकी वास्तविक चाहतें और कामनाएँ पूर्ण हों । इसी शुभकामना के साथ...
@ईश्वर से प्रार्थना है कि इतना धन और शक्ति जरूर बचाए रखे कि वक्त आने पर, मेरे दरवाजे से , कोई मायूस होकर वापस न लौट जाए ! किसी का एक आंसू,बिना उस पर अहसान किये, पोंछ सका तो मन संतुष्ट मान लेंगे ...
ReplyDeleteआमीन
navvarsh ki bahut bahut shubhkaamnayen
ReplyDeleteईश्वर आपकी इच्छा पूर्ण करे……………अब हम अच्छे हों या बुरे मगर जैसे हैं कर ही रहे हैं टिप्पणी………………नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
ReplyDeleteमेरी टिप्पणी तो लेखन को मिलती है जी
ReplyDeleteबिना पढे और दूसरों की टिप्प्णियों की नकल कर आज तक मैनें कोई टिप्पणी नहीं की है। जो बात समझ में ना आये उस पर भी टिप्पणी नहीं देता हूँ और जितनी मेरी समझ है उसके अनुसार ही टिपियाता हूँ।
प्रणाम
आपके ब्लॉग पोस्ट की पूरी फीड मिलने लगी है, हार्दिक धन्यवाद
ReplyDeleteपहले अधूरी मिलती थी और मोबाईल में पढने में दिक्कत आती थी।
आपको, आपके परिवार को, आपके पडोसियों को, आपको पाठकों को, आपके दोस्तों को, नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
ReplyDelete(सच्चे मन से)
आशा है आपका हाथ मेरे लिये जरुर उठेगा आशिर्वाद देने के लिये
प्रणाम
आपके लेख की पहली लाईन का तो पता नही लेकिन अंतिम लाईन समझा गई की आपके दिल के दरवाजे की जिप खराब है |जिसमें कोई भी आराम से घुस कर झांक सकता है |
ReplyDeleteहम तो बीत रहे वर्ष में आपकी अदम्य सहनशीलता का अभिनंदन करते है।
ReplyDeleteऔर नव-वर्ष में आपको अनावश्यक न जुझना पडे, शुभकामनाएँ।
@"हमें समझ जाने वाले" और हमारी असलियत जानने वाले समझदार, कम से कम टकरायें :-))
>> अब हमें बार बार समझानें की हुलस चढे तो क्या करें?:-))
@अंत में ईश्वर से प्रार्थना है कि इतना धन और शक्ति जरूर बचाए रखे कि वक्त आने पर, मेरे दरवाजे से , कोई मायूस होकर वापस न लौट जाए ! किसी का एक आंसू,बिना उस पर अहसान किये, पोंछ सका, तो मन संतुष्ट मान लेंगे ...
>>अब साधु यह कहे तो बिच्छुओं के तो जलसे ही समझो।:-))
सार्थक है…चन्दन विष व्यापे नहीं, लिपटे रहत भुजंग……
नव-वर्ष में आपके संकल्पों के लिये ढेरों शुभकामनाएँ!!!
सतीश जी, आपको भी नये वर्ष की हार्दिक शुभकामना..नया वर्ष आपके और आपके परिवार के लिए ढेर सारी खुशियाँ लाएँ...ईश्वर से यहीं प्रार्थना है...प्रणाम
ReplyDeleteनिर्मलता समझने वाले और वैसा ही बने रहने की जिद पकड़े, औरों को लुभाने से अधिक स्वयं को प्रसन्न रखना सीख लेते हैं। लेखन आत्म संतुष्टि के लिये ही होता है, आनन्द भी अन्दर से ही आता है। आप इसी प्रकार आनन्दित रहें, यही शुभकामनायें हैं।
ReplyDeleteसतीश जी सच्चे मन से नव वर्ष की बहुत बहुत शुभकामनाएं...
ReplyDeleteनोट: ये टिप्पणी केवल टिप्पणी के लिए नहीं कर रहा हूँ। :)
आदरणीय सतीश सक्सेना जी
ReplyDeleteनमस्कार !
........नए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!
खुशियों भरा हो साल नया आपके लिए
ReplyDeletehum to bina bulaye aate hain...bina
ReplyDeletemange....tippani dete hain......aur ab 'subhkamnayen' de rahe hain ....
chaliye 'nav varsh mangalmaya' ho...
yse 2 baar male bhi kiya hai...kuch
aur baat lekar...sayad rasta bhool
gaya hoga....
"loktantra me bahusankhyak ke saath
khara hona hi sahi hota hai" kyonki
hum mahan desh ke mahan nagrik hain
lekin "alpsankhyak(atyalp)ke saath rahne me sikhne ki akagrata bani rahti hai"
"aur haan 3 saal is jagat me rahne
se gut-mathadishi logon ke nazariye
se sahi lagta hai...lekin manovigyan ka kshtra hone ke karan mujhe to ye ek samanya baat lagti hai ek nature ke log to ek saath hone hi....haan kisi ke pas koi mudda hai kisi ke pas koi khalish vichar"
d: gar choti munh bari baat ho gayi ho to kripaya balak ko muafi denge.
pranam.
लो जी पूरी पोस्ट पढ़ने और उसमें लगे सारे चित्र देखने के बाद ही टिप्पणी कर रहा हूं. नववर्ष की ढेरों मंगल कामनाओं के साथ :)
ReplyDelete@ सुशील बाकलीवाल ,
ReplyDeleteआप जैसे मित्रों की शुभकामनायें फलीभूत होती हैं ...
धन्यवाद
@ दीपक बाबा ,
शुक्रिया बाबा ...दुआ देते रहना ...
@ अंतर सोहिल,
मुझे ब्लॉग जगत में जो कमाई हुई उस धन का एक हिस्सा हो यार !
वाकई दिल जीत लेते हो अंतर सोहिल ! तुम्हे आशीर्वाद बिना मांगे हर जगह से मिलेगा , तुम्हारी विनम्रता और ईमानदारी असंदिग्ध है परिवार में , सो इष्टदेव तुम्हारी रक्षा करें ...
@ वंदना,
यह कमेन्ट बढ़िया रहा मैम, अब यह हमारी आपके बीच की समझ सही बताते क्यों हो ...:-)
आपकी शुभकामनाओं के लिए सादर
ReplyDelete@ नरेश सिंह राठौर ,
वाकई यार !
घुसने के बाद पता चलता है कि दिल को ही लेकर बैठ गया .....धन्यवाद आपका नरेश भाई
@ सुज्ञ ,
वाह गुरुदेव ,
आज इस सत्संग और आपके वचनों पर क्या कहूं ....अपनी एक कविता कि कुछ लाइनें आपको समर्पित हैं
अनजान शहर सुनसान डगर
कोई साथी नज़र नही आए
पर शक्ति एक दे रही साथ
हो विजय सदा सच्चाई की
कुछ नयी कहानी ऐसी लिख
जिससे मन सबका नाच उठे,
मानवता के मतवाले को, हमदर्द बहुत मिल जायेंगे !
सादर !!
ReplyDelete@ विनोद पाण्डेय ,
धन्यवाद विनोद ...
@ प्रवीण पाण्डेय ,
कुछ कुछ सिखने का प्रयत्न कर रहा हूँ कोशिश करूंगा कि इस वर्ष कुछ और कमजोरियों से जीत पाऊँ ! सादर
@ सोमेश ,
धन्यवाद भैया ...:-))
भरोसा है...
मान्यवर
ReplyDeleteनए आगामी वर्ष मंगलमय हो...
सोचिये दिन के साथ रात न होती तो कैसा होता
सुख के साथ दुःख न होता तो क्या होता
पुरुष के स्त्री न होती तो क्या होता
......
और ऐसे ही काले बोर्ड पर सफ़ेद से न लिखा जाता तो क्या होता
शायद दुनिया बेरंगी और नीरस हो कर रह जाती,
शायद अच्छाई की कीमत बुराई के बैकग्राउंड में अधिक प्रखर होती है..
इसी तरह ब्लॉग जगत कों भी दुनिया का ही दूसरा आयाम समझते हुए इसके हर स्वाद का मज़ा लीजिए...
एक मन्त्र हमेशा मुझे याद रहता है
सार सार कों गहि रहे.. थोथा देइ उडाय
......
शेष तो आप स्वयं समझदार हैं .
पद्मावलि
आपने दोस्तों से अनुरोध किया है इसलिए सच्चे मन से अगले पाश्चात्य नव वर्ष की शुभकामनायें आपको, आपके परिवार को, वरिष्ठजनों को, आपके ब्लॉग को
ReplyDeleteस्नेह बनाए रखिएगा
थैंक गोड इस पूरे वर्ष मे आप ने मेरे ऊपर कोई पोस्ट नहीं लिखी अपने ब्लॉग पर सो मुर्ख और कालिदास के तेग से बच गयी । जिन पर लिखी थी आपने वो जो थे वो नहीं हैं ये आप की ये पोस्ट बता रही हैं । अब अगले साल जितने फ़ातुरेड ब्लोगर होगे अगर आप उनकी तारीफ़ कर रहे होगे तो मे तो समझ लूंगी की असलियत मे वो क्या हैं क्युकी साल के आखिर तक इंतज़ार कर के समझने सो बेहतर ही होगा । निर्मल हास्य की तरह ले मेरा कमेन्ट वरना श्रीमती सक्सेना ने दरवाजे खोल ही रखे हैं मेरे लिये { लीजिये ये भी आप ही ने कहा हैं कही , निर्मल हास्य मे की मे सबकी पत्नियों के ईमेल आ ई डी मांगती घुमती हूँ }
ReplyDeleteशुभकामना हैं अगले वर्ष आप सपत्निक मिले किसी ब्लॉग मीट मे ।
किसी का एक आंसू,बिना उस पर अहसान किये, पोंछ सका, तो अगले वर्ष अपना मन संतुष्ट मान लेंगे ..।
बस अगर ऐसा कर सके तो ब्लॉग पर ना दे पोस्ट बना कर क्युकी इश्वर हमारे उन्ही अच्छे कार्यो का लेखा जोखा रखता हैं जिन का हम प्रचार नहीं करते , पढ़ा था ये कहीं सो बाँट रही हूँ
नया साल आप को और आप के अपनों को शुभ हो
'ईश्वर से प्रार्थना है कि मेरे पास इतना धन और शक्ति जरूर बचाए रखे कि वक्त आने पर, मेरे दरवाजे से , कोई मायूस होकर वापस न लौट जाए ! '
ReplyDeleteबहुत ही नेक ख्याल और कामना है.
ईश्वर आपकी इच्छा पूरी करे .
नव वर्ष की ढेरों शुभकामनाएँ
Satish sir aapke bebaki ke ham kayal hain...:)
ReplyDeletewaise sach kahun,jo aapne kaha, wo main karta hoon....pata hai kyon!!
bahut baaar mujhe kuchh post ek dum se samajh nahi aata, to aap jaise kisi bade bloggers ke post ke anusaar waah waah kar deta hoon..:)
waise direct dil se
nav varsh ki subhkamnayen...aur haan waise hi mere liye bhi do...plz....hath pair tute pade hain, mujhe jaldi thik hona hai...:)
सतीश जी जब लिखते हो कलम तोड़ देते हो अब मैं क्या करूँ .....
ReplyDeleteनव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...आप इसी तरह अपनी मुस्कान से बुझे दिलों को ...हँसाने का प्रयास करते रहें ......शुक्रिया
हम होंगे कामयाब, एक दिन। मन में है विश्वास।
ReplyDeleteनया साल आप के जीवन में हर वो ख़ुशी ले कर आए जिस की आप ने कामना की हो ,और वो ख़ुशियां भी जिन के बारे में अभी आप ने सोचा भी न हो
ReplyDelete(आमीन)
काफी अच्छे विचार हैं आपके .
ReplyDeleteअब अच्छे बुरे का तो पता नहीं पर नववर्ष की शुभकामनाये दिल से दे रहे हैं ले लीजियेगा :)
भाई जी,
ReplyDeleteनरेश सिंह राठौड़ की टिप्पणी बहुत शानदार है। सच कहें तो आपकी पोस्ट को ओवरलैप कर गई। ’दाग अच्छे हैं’ की तर्ज पर ’बिगड़ी जिप’ भी अच्छी है।
और अंत में ईश्वर से आपने जो प्रार्थना की है उसके लिये भी और सभी टिप्पणीकारों की शुभेच्छा के लिये आमीन।
अब मूर्ख कहिये या स्वघोषित कुछ, बिना पढ़े टिप्पणी करने वालों में मत मानियेगा। हम तो टिप्पणियाँ तक बांच कर टीपते हैं अब:)
बहुत बहुत शुभकामनाएं आपकी खुशियाँ बनी रहें नववर्ष में भी .... आभार
ReplyDeleteबहुत खरी खरी सुना दी भाई ।
ReplyDeleteनव वर्ष की आपको बहुत बहुत बधाई ।
@ संजय झा ,
ReplyDeleteआपने मुझे मेल किया था वह मुझे नहीं मिला, श्रीमान जी ने कोई इमेल आई डी अपने परिचय में नहीं दिया है और ब्लॉग आप लिखते नहीं !
बताइए क्या किया जाये कहाँ ढूंढे आपको ??
@ पाबला जी ,
आपका आश्वासन अच्छा लगा ...मगर नए साल में एक प्रामिस चाहिए कि दोस्तों से गुस्सा नहीं किया जाता या फिर यह कहो....
कभी आर कभी पार ...:-)
हमें भी आपका स्नेह चाहिए और शायद आपसे भी अधिक
@ पद्म सिंह,
बात तो सही कह रहे हो ...इसको टाला नहीं जा सकता !
आभार प्यार के लिए
रचना ,
ReplyDeleteआपको मैंने ख़ास दर्ज़ा दे रखा है अतः आपके नकारात्मक टिप्पणियों का कोई जवाब नहीं !
मेरे परिवार में किसी को ब्लॉग जगत में और ब्लागर में कोई रूचि नहीं है...ब्लागर अपने घर में सिर्फ मैं ही हूँ ...
जिस टिप्पणी की बात कह रही थी उसमें तुम्हारे सम्मान में ही कुछ हँसते हुए लिखा था , अगर तुम्हारी समझ ही ना आये तो मैं क्या कह सकता हूँ !
उम्मीद है अब प्रति टिप्पणी नहीं करोगी !
@ अजित गुप्ता ,
ReplyDeleteआपका स्नेह अवश्य चाहिए ...सादर
@ अल्पना वर्मा,
सस्नेह आभार आपका
@ मुकेश कुमार सिन्हा ,
क्या हुआ खैरियत है ...मेल पर लिख कर बताइए क्या हुआ ....
हिंदी में लिखा करो यार ...
@ केवल राम,
शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद दोस्त
आप को नव वर्ष की हार्दिक शुभ कामनाये
ReplyDeleteबहुत सटीक प्रस्तुति..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDelete
ReplyDelete@इस्मत जैदी ,
दिल से की हुई दुआ कई बार फलित होती है ...लगता है मन से हाथ उठे हैं आपके !
आज लेखन सफल हो गया !
आभार
@ शिखा वार्ष्णेय ,
अरे वाह , इतनी दूर से दुआ दे रही हो तो साभार स्वीकार की है , स्नेह के लिए धन्यवाद शिखा !
@ मो सम कौन ,
तुम्हारे बारे में शंका की कौनो गुंजाइश नहीं संजय , स्नेह बोलता है उसे सबूत नहीं चाहिए ! रह गयी बात तुम्हारी बारीक नज़र की, एक बार पिट चूका हूँ, सो तुम्हें खूब जानता हूँ :-)))
नया साल बहुत बहुत मुबारक हो। ब्लाग जगत की सर्जरी आप करते हैं यही शुभकामना है।
ReplyDeleteअभी शुरू तो नहीं हुआ है नव वर्ष लेकिन आपका आग्रह ठुकरा नहीं सकते.
ReplyDelete"नव वर्ष की शुभकामनाएं!"
पोस्ट में लिखी बाकी बातों की और ध्यान न देना सीख लिया है. ज़िंदगी है... होता है... चलता है...
आज कुछ ज्यादा नहीं कहना है।
ReplyDeleteकेवल नव वर्ष की शुभकामनायें देनी हैं। बस।
@ किसी अच्छे ब्लागर की टिप्पणी पढ़ कर, अपनी टिप्पणी ठोक देने से काम चला जाता है !
ReplyDeleteमै अच्छी ब्लोगर तो नहीं हु पर आप ने एक ब्लॉग पर दो बार मेरी टिप्पणी से ( जो पोस्ट पढ़ कर दी गई थी ) सहमती जाता दी थी जिसके कारण बाद में मुझे काफी उलाहना खरी खोटी वहा सुननी पड़ी थी की मेरे कारण लोग पोस्ट नहीं पढ़ते सिफ मेरी टिप्पणी से सहमति जाता कर चले जाते है | आप से शिकायत नहीं कर रही हु बस इतना कह रही हु की ऐसे भयानक आईडिया टिप्पणी देने के ना दिया करे सतीष जी टिप्पणी देने वालो की मुसीबत हो जाती है |
नए साल की अग्रिम बधाई आशा है नए साल में आप को ब्लॉग जगत में और अच्छे लोग मिलेंगे |
आपके संवेदनशील व्यक्तित्व से मैं पहले से ही प्रभावित था और आज की आपकी पोस्ट का अंतिम वाक्य " किसी का एक आंसू,बिना उस पर अहसान किये, पोंछ सका, तो अगले वर्ष अपना मन संतुष्ट मान लेंगे ..." पढ़कर तो मैं आपका कायल हो गया.नए साल में ईश्वर आपकी सभी मनोकामना पूरी करें,मेरी यही प्रार्थना है.
ReplyDeleteभले बने हो नाथ!ईश्वर ने जिस मटेरिअल और सांचे से आपको बनाया है सतीश भाई वह उनके समय में ही दुर्लभ हो गया होगा -नतीजतन अब आप सरीखे खुद आप ही हैं ,यारों के यार ,-आपमें यह कम्पेसन ,संवेदना बनी रहे -इसी हार्दिक शुभकामना के साथ आपका और आपके पूरे परिवार का नववर्ष मंगलमय हो और हिन्दी ब्लागिंग तथा नेटवर्किंग में अप्प अपना एक मकाम हासिल करें !
ReplyDeleteनज़र तो अपनी भी अभी तक 6/6 है, शौकिया चश्मा लगाए घूमते हैं.गुरुदेव!पोस्ट तो हम भी इतनी बारीकी से पढते हैं कि इस चक्कर दूसरे की पोस्ट पर तीसरे से पंगा ले बैठते हैं. टिप्पणियाँ हमें इसलिये भी प्यारी हैं कि हम बेसिकली टिप्पणी ही ढंग से लिख सकते हैं.
ReplyDeleteआपकी ज़िप टूटी हो या आपने जान बूझ कर खुली छोड़ रखी हो, हम उसकी परवाह ही नहीं करते. आपका दिल तो घर है अपना, बाकयादा नॉक करके घुस जाएंगे, गेट तोड़कर!!
नये साल में आपको वो सब नसीब हो जो आपने हम सब से दुआ में माँगने को कहा है...
नववर्ष की शुभकामनाएं चाहिए... तो हम से लीजिए:)
ReplyDeleteएक पोस्ट मुझ मूर्ख पर भी लिख दीजिए। शुभकामनायें तो आपको एडवांस में भी और बाद में भी और फोन करके भी पहुंचा दूंगा और एस एम एस करना भी नहीं भूलूंगा ... पर प्लीज ... प्याजो की जवानी
ReplyDeleteबिलकुल सही लिखा है आपने... अक्सर हम लोग टिप्पीयाने के चक्कर में लेखों को पढ़ते ही नहीं है... बस ज्यादा से ज्यादा टिप्पणियों की होड़ में लगे रहते हैं, ताकि हमें भी उतनी ज्यादा या कम से कम (तथाकथित) सम्मानजनक टिपण्णी मिलती रहे.... लेख में चाहे कूड़ा करकट ही लिखा हो!!! अच्छे और नवोदित लेखकों के लिए यह बहुत ही दर्दनीय और हमारे लिए आत्मघाती है!
ReplyDeleteचलिए अच्छे-बुरे अनुभवों के साथ गुजरों पुराने साल की याद मनाते हुए नई उम्मीदों के साथ नया साल बहुत-बहुत मुबारक हो!
nawwarsh ki shubhkamnayein!
ReplyDelete.
ReplyDelete.
.
मैं तो यही कहूँगा कि 'दिल पर मत लिया कीजिये चीजों को'... इतना सीरियसली मत लीजिये ब्लॉगिंग को...
नव वर्ष की आपको, आपके प्रियजनों को और पाठकों को भी ढेर सी शुभकामनायें!
...
@ दरवाजे की ज़िप :)
ReplyDeleteसच्चे मन से अगले पाश्चात्य नव वर्ष की शुभकामनायें आपको, आपके परिवार को, वरिष्ठजनों को, कनिष्ठ जनों को और आपके ब्लॉग को।
शुभकामनाऍं
ReplyDelete@ निशांत मिश्र ,
ReplyDeleteसम्मान के लिए आभार
@ नीरज जाट ,
बोल कहाँ से रहे हो चौधरी...? धन्यवाद नीरज !
@ कुँवर कुसुमेश,
धन्यवाद भाई जी !
ReplyDelete@ डॉ अरविन्द मिश्र ,
पता नहीं इस योग्य हूँ या नहीं मगर टिप्पणी अगर अरविन्द मिश्र की हो सोंच जरूर रहा हूँ कि अब क्या करूँ :-)
लेख में अरविन्द भाई जो दिल में आवाज उठती है लिख देता हूँ और दिल को मैला न होने दूं इसका हमेशा प्रयत्नशील रहता हूँ ..शायद इसीलिए आसानी से अपनी जगह बना लेता हूँ ! अपनी कामयाबी पर अच्छा लगता है कि ब्लॉग जगत के इतने लोग जानते ही नहीं मेरा हाल जानने आते भी हैं जबकि मैं अभी भी अपने आपको इनके प्रति नालायक ही मानता हूँ !
चूंकि दिखावा नहीं करता अतः अपने ऊपर एक विश्वास है कि बदलूँगा नहीं ! मगर यह सब मित्रों के स्नेह के बिना बेकार है सो इसका ध्यान रखियेगा 1
सादर
ReplyDelete@ सलिल वर्मा उर्फ़ बिहारी भैया,
मार दिया न छक्का , इतनी देर से डुगडुगी बजा के दोस्तों को इकट्ठा मैंने किया कि मेरी बात सुने और तुम्हारी यह जिप सबका ध्यान खींच ले गयी ... :-(
इस ६/६ नज़र से तो हम खूब वाकिफ हैं ...और ईश्वर से दुआ करते हैं तुम्हारी यह ताकतवर कलम, लोगों का ध्यान आकर्षित कर, आनंद देती रहे !
@ सी एम् प्रसाद,
ReplyDeleteआभार भाई जी , प्रार्थना करता हूँ कि आप स्वस्थ रहें और आपका यह स्नेह हमें ऐसे ही मिलता रहे !
@ अविनाश वाचस्पति ,
बड़ी तेज चीज हो गुरु ;-) ...मार भी एक बार में कई जगह करते हो ..काश आप जैसे मूर्ख हम भी बन पायें तो अपने को धन्य मानें !
सादर
@ शाहनवाज भाई ,
बड़ी प्यारी और स्वस्थ नज़र है आपकी ....
आभार आपका
@ प्रवीण शाह,
ReplyDeleteयह बीमारी पुराणी है प्रवीण भाई ! अमल करने की कोशिश करेंगे...
@ गिरिजेश राव ,
धन्यवाद गुरुदेव, आभार आपका
@ महाशक्ति ,
धन्यवाद भैया...
@ " एक बार पिट चूका हूँ, सो तुम्हें खूब जानता हूँ :-)))"
ReplyDeleteऐसे बदनाम मत करो भाई जी, हम कोई मुन्नी नहीं हैं। कुछ लगा था तो कह दिया था, फ़िर वो खुली जिप(सलिल भाई की मानें तो खुली\खोली जिप) की वजह से आपको बड़े भाई का दर्जा दे दिया।
उत्पात करने का अधिकार छोटों को होता है और हम अपना अधिकार ऐसे छिनने नहीं देंगे।
मजाक, छेड़ाखानी, उत्पात, हुड़दंग हम करेंगे - आप नहीं।
दोबारा ऐसा मत लिखियेगा, मजाक में भी नहीं। बता दिया है, चाहे तो धमकी भी समझ सकते हैं:)
क्यों पब्लिकली पंगा कर रहे हो यार ...सब लोग क्या कहेंगे :-))
ReplyDeleteलो मान गए...बस्स :-)
शुभकामनायें
नए वर्ष के लिए आपको शुभकामनाएं.
ReplyDeleteप्रणाम!
जम के टकराएंगे जी।
ReplyDeleteनए साल में दीवाली सी मनाएगें
आतिश बाजी भी होगी
कैम्पफ़ायर होगा
लिट्टी-चोखा का स्वाद होगा।
पारिवारिक मित्रों के साथ
महुआ के लड्डू खाएगें
गान भी होगा नाच के गाएगें।
चित्रों के माध्यम कहेंगे कथा
लगेंगे जिन्दगी के मेले
डायरी के नए खुलेगें नए पन्ने
नए वर्ष पर होगी बल्ले बल्ले
निमंत्रण है आपको
हार्दिक शुभकामनाएं
bhagwaan aapki ichha jarur purn kare....
ReplyDeleteदर्पण से परिचय
तैरने पूल में दुनिया का सफर
ReplyDeleteवाह यह नजारे खूब हैं..मुबारक
SATISH MEANS
ReplyDeleteS...SUPERB
A...AWESOME
T...TERREFIC
I...INTELLIGENT
S...SENTIMENTAL
H...HONEST
SHUBH 1.1.11, SHUBH 2011
JAI HIND
ब्लॉगजगत के बारे में तो कुछ नहीं कहूँगा...हाँ फोटोज सब बड़े अच्छे लगे...
ReplyDeleteआपका भी न्यू इयर हैप्पी रही ;)
वैसे आपको स्विमिंग भी आती है...:)
मुझे नहीं आती :(
दरवाजे से , कोई मायूस होकर वापस न लौट जाए !
ReplyDeleteकिसी का एक आंसू,बिना उस पर अहसान किये, पोंछ सका, तो अगले वर्ष अपना मन संतुष्ट मान लेंगे ...
सतीश जी मैं भी काफी जगह टिप्पणियाँ करती हूँ ...पर बिना पढ़े नहीं ...पूरी पोस्ट पढ़ती हूँ :):)
आपकी लिखी उपरोक्त लाईन मन को छू गयी ...नए साल का संकल्प अच्छा लगा ..
नया साल आपको वो सब खुशियाँ दे जो आप चाहते हैं ..शुभकामनायें
आपकी बातों से पूर्णतया सहमत...
ReplyDeleteभगवान हमें भी बचाए रक्खे... लोगों से और गलतियां करने, दोनों से... :)
बिल्कुल सच्चे मन से... नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं...
MANY-MANY BEST WISHES, HAPPINESS FOR THE UPCOMING YEAR... FOR YOU AND FAMILY...
लो सर मेरी तरफ से
ReplyDeleteनव वर्ष की
एक करोड़ नहीं
दो करोड़ नहीं
तीन करोड़ नहीं
चार करोड़ नहीं
करोड़-करोड़-करोड़ शुभकामनाएं। अब किसी की नजर नहीं लगेगी। कौन बनेगा करोड़पति में भी कोई इतना मालामाल नहीं होता सर।
इस वर्ष आपके ब्लॉग पर आया, यह मेरा सौभाग्य था।
@ शिव शर्मा,
ReplyDeleteमंगल कामनाओं के साथ आपका आभार शिव भाई !
@ ललित शर्मा,
महुआ के लड्डू ...क्या बात है , यह पार्टी दे कहाँ रहे हो ! आभार सहित मंगल कामनाएं !
@ सत्यम शिवम् ,
मंगल कामनाओं के साथ आपका धन्यवाद
@ खुशदीप सहगल ,
ReplyDeleteआनंद आ गया आपका प्यार महसूस करके ! सादर शुभकामनायें !
@ अभि ,
सीख लो यार ....कम्पयूटर को १ घंटे को आराम भी दिया करो
और तुम जवानों का क्या ...
मस्त रहो :-)
@ संगीता स्वरुप,
आपके स्नेह का आभारी हूँ ...मंगल कामनाओं के साथ
ReplyDelete@ पूजा ,
इन दोनों से बचना मुश्किल है पूजा, यहाँ एक से एक धूर्त लोग अपना कार्य कर रहे हैं जो अपने आपको देवताओं से भी अच्छे बनकर पेश कर रहे हैं !
इन कमबख्तों के कारण अच्छे लोगों पर भी शक होने लगता है अतः समाज परिवार का बहुत नुकसान करते हैं यह लोग !
ईश्वर तुम्हे ऐसे लोगों से बचाए !
कॉपी पेस्ट करने के लिए कोई अच्छी सी टिपण्णी तलाश रही थी क्योंकि समझ नहीं आया की पोस्ट किन मूर्खों के सन्दर्भ में है ..:):)
ReplyDeleteमगर फिर लगा की एक बार और मुर्ख बन जाने में हर्ज़ क्या है ...:):)
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ...
सुंदर प्रस्तुति......नूतन वर्ष २०११ की आप को हार्दिक शुभकामनाये.
ReplyDeleteसतीश जी,
ReplyDeleteनूतन वर्ष शुभ और मंगलमय हो !
नव वर्ष की आपको सपरिवार अनंत शुभकामनाएं !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
नया वर्ष आपको तमाम निराशाओं से दूर रखे,आपके जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करे । नव वर्ष 2011 की अनेक शुभकामनाएं !
ReplyDeleteबहुत सुंदर प्रस्तुति । आभार.
ReplyDeleteअनगिन आशीषों के आलोकवृ्त में
तय हो सफ़र इस नए बरस का
प्रभु के अनुग्रह के परिमल से
सुवासित हो हर पल जीवन का
मंगलमय कल्याणकारी नव वर्ष
करे आशीष वृ्ष्टि सुख समृद्धि
शांति उल्लास की
आप पर और आपके प्रियजनो पर.
आप को सपरिवार नव वर्ष २०११ की ढेरों शुभकामनाएं.
सादर,
डोरोथी.
सुदूर खूबसूरत लालिमा ने आकाशगंगा को ढक लिया है,
ReplyDeleteयह हमारी आकाशगंगा है,
सारे सितारे हैरत से पूछ रहे हैं,
कहां से आ रही है आखिर यह खूबसूरत रोशनी,
आकाशगंगा में हर कोई पूछ रहा है,
किसने बिखरी ये रोशनी, कौन है वह,
मेरे मित्रो, मैं जानता हूं उसे,
आकाशगंगा के मेरे मित्रो, मैं सूर्य हूं,
मेरी परिधि में आठ ग्रह लगा रहे हैं चक्कर,
उनमें से एक है पृथ्वी,
जिसमें रहते हैं छह अरब मनुष्य सैकड़ों देशों में,
इन्हीं में एक है महान सभ्यता,
भारत 2020 की ओर बढ़ते हुए,
मना रहा है एक महान राष्ट्र के उदय का उत्सव,
भारत से आकाशगंगा तक पहुंच रहा है रोशनी का उत्सव,
एक ऐसा राष्ट्र, जिसमें नहीं होगा प्रदूषण,
नहीं होगी गरीबी, होगा समृद्धि का विस्तार,
शांति होगी, नहीं होगा युद्ध का कोई भय,
यही वह जगह है, जहां बरसेंगी खुशियां...
-डॉ एपीजे अब्दुल कलाम
नववर्ष आपको बहुत बहुत शुभ हो...
जय हिंद...
श्रीमान सतीशजी,
ReplyDeleteआपके बारे में बहुत सुना है.
आपके लिखने का तरीका बहुत अच्छा लगता है....मगर मैं हमेशा टिपण्णी करने योग्य शब्द या बाते नहीं ढूंढ पता हूँ.
अब तो आपकी टिपण्णी अपने ब्लॉग पर देख कर मन आह्लादित हो उठा.
बहुत बहुत धन्यवाद...
नव वर्ष कि मंगलकामना.
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ReplyDeleteआपको तो सदैव ही हमारी शुभकामनाएं रहती है यह पाश्चात्य नव-वर्ष का प्रथम दिन है, अवसरानुकूल है आज शुभेच्छा प्रकट करूँ………
ReplyDeleteआपके हितवर्धक कार्य और शुभ संकल्प मंगलमय परिपूर्ण हो, शुभाकांक्षा!!
आपका जीवन ध्येय निरंतर वर्द्धमान होकर उत्कर्ष लक्ष्यों को प्राप्त करे।
ek nirmal man ko hardik badhaai.
ReplyDeletenav varsh aap ko saparivar mangalmaya ho---------
आपको नए साल की मुबारक बाद। लीजिए जी आपको भी मिली टिप्पणियां शतक की तरफ बढ़ रही हैं। हाहाहाहा खैर अपन तो मुश्किल से 5-10 टिप्पणियां दे पाते हैं एक रात काली करके अधिकतर। क्योंकि बिना पढ़े अपन से दिया नहीं जाता। हां ये तय है कि लोग बाग बिना पढ़े ही टिप्पणी देने से बाज नहीं आते.....।
ReplyDeletebahut achcha likhe hain.
ReplyDeleteनए वर्ष की आपको भी बधाई।
ReplyDeleteगरम जेब हो और मुंह में मिठाई॥
रहें आप ही टाप लंबोदरों में-
चले आपकी यूँ खिलाई - पिलाई॥
हनक आपकी होवे एस०पी० सिटी सी-
करें खूब फायर हवा में हवाई॥
बढ़ें प्याज के दाम लेकिन न इतने-
लगे छूटने आदमी को रुलाई॥
मियाँ कमसिनों को न कनसिन समझना-
इसी में है इज्जत इसी में भलाई॥
मिले कामियाबी तो बदनामी अच्छी-
सलामत रहो मुन्निओ - मुन्ना भाई॥
सद्भावी-डॉ० डंडा लखनवी
@ रवि धवन ,
ReplyDeleteआप उन लेखकों में से हो जो मौलिक लिखते हैं जिनके क़दमों पर चलने का दिल किया है शुभकामनायें !
@ वाणी गीत ,
:-)
आभार आपका ...
@ डॉ शरद सिंह
आभार और शुभकामनायें !
@ सुज्ञ ,
ReplyDeleteआभार आपका ....आप उन लोगों में से एक है जिनके साथ बैठना अच्छा लगता है...हम दुर्जनों को भी सत्संग मिलता रहेगा ऐसी कामना करता हूँ ...
आदर सहित
@ पुरविया ,
बड़े दिन बाद आये भैया ...! नव वर्ष पर शुभकामनाएं !
@ बोलते बिंदास ,
कामना है की बिंदास बने रहें ...
@डंडा लखनवी ,
आनंद आ गया भाई जी ...हार्दिक शुभकामनायें !
सदभावी डा. डंडा लखनवी जैसी सदभावनायें हमारी ओर से भी स्वीकारिये !
ReplyDeleteभगवान आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण करे :)
ReplyDeleteनए साल की बधाई....
नव वर्ष 2011 आपके एवं आपके परिवार के लिए सुखकर, समृद्धिशाली एवं मंगलकारी हो...
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