Friday, May 7, 2010

चला बिहारी ब्लागर बनने ....सतीश सक्सेना

                         आप जो भी हैं मगर अपनी तमाम मानवीय कमजोरियों के बावजूद यहाँ लिखते हुए हजारों से, वाकई अच्छा और कुछ अलग सा लिखते हो अतः आप कम समय में ही अपनी अलग पहचान बनाने में समर्थ हुए हो !            
                         चूंकि ब्लागजगत में कमेंट्स की इज्ज़त अधिक होने के कारण कोई किसी का लिखा ध्यान से नहीं पढता अतः लेखन का महत्व बहुत कम है सो स्थापित होने में हो सकता है जरूरत से अधिक समय लगे ! मगर आपकी  शब्द सामर्थ्य की तारीफ़ करनी होगी जिसने बिहारी बोली को ब्लाग जगत में एक नया आयाम दिया है .......यकीनन इस समृद्ध बोली को लोकप्रिय बनाने में आप जैसे लोगों का बहुत बड़ा हाथ होगा !

                       शेष भारत में, बिहारी ( भैया )  की विनम्रता तथा मेहनत का तथाकथित बुद्धिविकसित और टाई सुशोभित विद्वानों द्वारा , आसानी से मज़ाक उड़ाते देखा जा सकता है !

                     जहाँ इस मधुर भाषा को बिना ध्यान से समझे, अनपढ़ों की भाषा बताने में कोई देर नहीं लगाते , इन  विद्वानों के बीच, ठेठ बिहारी में कोई ब्लाग लेखन शुरू करे, सुखद विस्मय का विषय है ! अपनापन,शिष्टता से परिपूर्ण   इस मधुर भाषा और ऐतिहासिक गौरवशाली संस्कृति को मेरा सादर प्रणाम !

                      इस प्यार की भाषा में योगदान के लिए , मेरी एक बार फिर हार्दिक शुभकामनायें और आशीर्वाद ( अगर मुझसे उम्र में छोटे हैं तो )  

23 comments:

  1. मैंने भी इस ब्लॉग को और इस ब्लॉग की ओर की गई कुछ टिप्पणियों को देखा है। काफी हट कर है।

    ReplyDelete
  2. अच्छाई और बुराई किसी प्रान्त या परिवार के आधार पर नहीं होता और न ही उसे परिभाषित किया जा सकता है ,ये तो पूरी तरह व्यक्ति के खुद के जमीर से जुड़ा होता है / इसलिए इनको इन बन्धनों से दूर ही रखना चाहिए /

    ReplyDelete
  3. बहुत खूबे बोले रहत है सतीश भैया, अब हम का कहे ?:)

    ReplyDelete
  4. आपकी पोस्ट बहुत अच्छी लगी और कि पोस्ट से ही मैं उस ब्लॉग तक पहुंची. अच्छा लगा वो ब्लॉग भी

    ReplyDelete
  5. ब्लोगिंग एक खुला मंच है । जो इच्छा हो लिखो । लेकिन मर्यादा में रहकर । किसी का दिल मत दुखाओ।

    ReplyDelete
  6. गुरुजी, हमरा नएका वाला पोस्ट जरूर देखिएगा.. हम त पहलहीं से जानते थे कि आप खाम्खाह बखेड़ा वाला काम किए हैं... बिहारी लोग पर सारा दुनिया कमेंट करता है, बाकी बिहारी का बारे में लिखिएगा त छवे को कमेंट आएगा... अऊर तारीफ में लिख दिए त तब त जो रेगुलर कमेट्रेटर लोग भी भाग जाएगा... देख लिजिए, आपका कैमेरा का बारे में एतना लोग बोला लेकिन हमरा बारे में लिखला पर सब चुप.
    आप हमको एतना ऊँचा सम्मान दिए (अभी ठिक से तीनो गो पोस्ट नहीं लिखे हैं) अऊर समर्पित जइसा सब्द हमरे लिए इस्तेमाल किए ई पाप का प्रायस्चित हम आपका दिया आपको लौटा कर कर दिए हैं... छोटे हैं आपसे, इसलिए पाँव छूने का अनुमति दीजिए!!!

    ReplyDelete
  7. सक्सेना साहब,
    केवल ब्लॉग जगत में ही नहीं, बाहर की दुनिया में भी भाषा. वर्ग, जाति, प्रांत आदि के आधार पर हम लोगों ने बहुत से पूर्वाग्रह पाल रखे हैं। जब हम खुद को एक सभ्य समाज बताते हैं(वैसे हैं नहीं), तो क्यों हम संविधान का पालन नहीं करते?
    आप ने अपने ब्लॉग के माध्यम से इनका उत्साह बढ़ाया है, धन्यवाद के पात्र आप भी हैं।
    और भैया बिहारी बाबू,जब तक आप असंयत भाषा में नहीं लिखते, मस्त होकर ब्लॉगिंग करिये, बहुत से लोगों की शुभकामनायें आप के साथ होंगी(वैसे हमें तो बुड़्बकपना बहुत पसंद है)। अच्छे-बुरे लोग कहां नहीं हैं?

    ReplyDelete
  8. बुद्ध की भूमि है बिहार!!इस कारण हमारे ह्र्दय में तो इस क्षेत्र का एक विशेष स्थान हैं.

    बिहारी बाबू!का खालिस स्टाईल उन्हें जल्द ही ब्लोग जगत का मुल्ला नसीरुद्दीन बना देगा...वो मज़ाकिया लगते हैं पर बात गहरी कह जाते हैं!!

    सर जी! आप का भी साधुवाद जो अपने ब्लोग को हमेशा जीवंत बनाये रखते हैं. आपकी चौपाल भी घर सी लगती हैं,अब!

    ReplyDelete
  9. जय हो बिहारी बाबू की

    ReplyDelete
  10. आपकी पोस्ट के माध्यम से नया पढ़ने को मिला. अच्छा लगा. धन्यवाद.

    ReplyDelete
  11. सतीश जी, सच कहूँ आपका कायल हो चुका हूँ, आप कितनी आसानी से सबको अपना बना लेते हैं

    आपसे अभी तक एक ही बार मिला हूँ........

    मेरी खुशनसीबी की आप मेरे नजदीक ही रहते हैं, कभी मौका दीजिये आपसे मिलकर बहुत सारी बातें करनी हैं.........मैं इंतजार करूँगा..........

    ReplyDelete
  12. ब्लोगिंग एक खुला मंच है । जो इच्छा हो लिखो । लेकिन मर्यादा में रहकर । किसी का दिल मत दुखाओ।
    SACH KAHA.........

    ReplyDelete
  13. बिहारी बोली की मिठास से कौन मना कर सकता है. और फिर अपनी भाषा, अपनी बोली में अभिव्यक्ति और सशक्त होती है.
    हमरो परनाम स्वीकार करें.

    ReplyDelete
  14. @ यशवंत मेहता ,
    मैं ३० मई तक बाहर हूँ, उसके बाद मिलते हैं , मेरा फोन नंबर नोट करें -९८११०७६४५१
    जहाँ तक सबको अपना बना लेने का सवाल है मैं संतुष्ट नहीं हूँ, बहुत लोग जो मुझे कभी मिले भी नहीं मुझे गालिया देते हैं :-). जब तक यह लोग न समझें सब व्यर्थ है ! किसी को भी अपना बनाना नहुत आसान है सिर्फ आपकी कथनी और करनी में फर्क न हो !

    ReplyDelete
  15. बहुत अच्छा सोचे हैं आप और यह काम जारी रहना चाहिए। आपकी पीड़ा जायज है। मैं भी एक इकाई के रूप में आपके साथ हूँ।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    ReplyDelete
  16. yanha vanha 1st october ko post kee thee maine........

    ReplyDelete
  17. achchha laga. aapko dhanyavad.

    ReplyDelete
  18. @सहसपुरिया एवं शाहनवाज साहब ,
    अन्य विषयों में भी आप रूचि लेते हैं ...तशरीफ़ लाने के लिए आपका शुक्रिया !

    ReplyDelete
  19. सतीश भाई ,
    नमस्कार !
    इस पोस्ट की बहुत जरूरत थी ...............सही समय पर सही कदम लिया आपने !! बहुत बहुत आभार !! मैं देर से आया यहाँ इस लिए माफ़ी चाहुगा !!

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,