Friday, May 14, 2010

ब्लॉग मौन - सतीश सक्सेना

                             लगभग १५ दिन कीबोर्ड से दूर रहूँगा , शायद ब्लागजगत  की टिप्पणियों से और पोस्ट से भी वंचित  मैं , कुछ दिन शांत रहकर अपनी मूर्खताओं और कमियों के बारे में सोंचता हूँ जो मैंने ब्लाग लिखते समय की हैं ! कीबोर्ड से दूर रहने के कारण यह और भी आसान होगा ! 
                            ब्लाग लेखन में कम से कम दो बार  ऐसा महसूस हुआ की मैंने गलती की अथवा भावावेश में गलत लिखा ! मगर लिखने और बोलने के बाद परिवर्तन की गुंजायश कम रहती है  ! सो क्रास फिंगर इंतज़ार करता रहा कि लोग क्या कहेंगे ! 
                           आश्चर्य ! लोगों ने इन गलतियों पर ध्यान नहीं दिया शायद इसलिए कि यहाँ ध्यान से कम ही पढ़ा जाता है ! और जिन्होंने पढ़ा भी होगा उन्होंने मेरे प्रति मित्र भाव के कारण महत्व नहीं दिया !
                            सोचता हूँ १५ दिन के इस ब्लॉग मौन के दौरान अपने को खोजने का प्रयत्न करुँ और शायद विदेश प्रवास में यह और भी आसान होगा !शायद भविष्य में कुछ और सुकून के लायक काम कर सकूं !!
                              आप सब को सादर नमस्कार  !!  

28 comments:

  1. happy (journey+ holidays)
    hamaarree duaaen aap ke saath hain

    ReplyDelete
  2. विदेश यात्रा की शुभकामनायें । आप अपने प्रयत्न में सफल हों ।

    ReplyDelete
  3. nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahiv nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi nahi-nahi-nahi
    aap nahi jayenge , mujhe aapka commnet chahiye mere kal wali post par

    ReplyDelete
  4. आप की यात्रा शुभ हो, हमारी शुभकामनये

    ReplyDelete
  5. विदेश भ्रमण पर जा रहे हैं?

    ReplyDelete
  6. अरे मै यहां एयर पोर्ट पर खडा हुं, ओर आप पोस्ट पर पोस्ट लिख रहे है???? :)

    ReplyDelete
  7. चिन्तन के लिए भी आराम जरूरी है सतीश भाई। बाकी ब्लागिंग को रिलैक्स का जरिया बनना था, पर यह तो तनाव बनती जा रही है।
    आपके आराम में कोई खलल न पड़े
    शुभकामनाएं...

    ReplyDelete
  8. आपकी सफ़ल व सुखद यात्रा के लिये शुभकामनायें,
    वापिसी का इंतज़ार रहेगा।
    आभार।

    ReplyDelete
  9. प्रवास हमेशा मौसम के अनुकूल न होने पर किया जाता है.
    15 दिन में आप खुद को ढूढ लें तो एक और 15 दिन मैं आपको देता हूँ (क्षमा करें मैं देने वाला कौन हूँ). मैं तो जब जब खुद को ढूढा, कोई और ही मिला.

    ReplyDelete
  10. इसे कहते हैं अनूप प्रभाव...और करिये मेरी टिप्पणियाँ माडरेट ...अपना स्टैंड साफ़ रखिये ..कहीं कौनो दिक्कत नहीं है ....
    काहें आलतू फालतू आदमी को प्रोमोट करते हैं -

    ReplyDelete
  11. आदरणीय सतीश जी नमस्कार
    अजय झा जी की पोस्ट पर आपके बारे में एक टिप्पणी पर मैनें आपत्ति भी की थी। फिर दो-तीन पोस्टों पर वही अभद्र शब्दों वाली टिप्पणी देखी। सोचा कहीं ये एक और विवाद की शुरुआत ना हो जाये, इसलिये चुप लगा गया। लेकिन आपके या किसी के भी बारे में अपशब्द मुझे विचलित कर देते हैं।
    अब मैं भी ब्लागर बन जाऊंगां

    प्रणाम स्वीकार करें

    ReplyDelete
  12. आप कुछ दिन ब्लाग मौन रहना चाहते हैं तो यह आपकी मर्जी है। यह भी एक उपवास ही होगा।
    लेकिन मुझे आपकी बातों में कहीं गलती नहीं नजर आयी थी।

    प्रणाम

    ReplyDelete
  13. आपकी फुहार की आस में 15 दिन भी बिता लेंगे ।

    ReplyDelete
  14. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है।

    ReplyDelete
  15. आदरणीय सक्स्सेना जी,
    5 -6 दिन से बुखार है इसलिए ब्लॉग-जगत की हलचल से वाकिफ नहीं हो पाया था. अभी आपकी मेल पढ़ी और छान-बीन करा तो कुछ ज्यादा समझ में नहीं आ, तब विचार शुन्य जी से फ़ोन पे मालूमात हुई तो, कुछ-कुछ समझ में आ पाया है.
    मामला पुराना हो चुका है और इसमें कोई तथ्य वाली बात भी नहीं लगी, मै समझता हूँ की कुछ लोग एक ही काम करते-करते हांफ से जाते है और कुछ सुस्ताने के अंदाज़ में इस तरह का काम कर बैठते है जो किसी भी मतलब का नहीं होता. जिन ब्लॉग-सम्राटों को लेकर यह बबाल मचा है उनके तो असर शायद बाद में पड़ा होगा और पक्ष-विपक्ष पहले हाज़िर हो गया होगा. जिससे इतनी बात बढ़ गयी लगती है .
    खैर आपकी सद्भावना वृत्ति का मैं हमेशा से प्रशंशक रहा हूँ. लेकिन आज समाज में शांति-प्रसारक को ही कलह फ़ैलाने वाला प्रचारित करके उसके सद्भाव को "ठाली-पंचायती" करने की आदत मान लिया जाता है. जैसा की आपको भी महसूस हुआ होगा, इसलिए मैं तो आपसे इतना ही निवेदित कर सकता हूँ की, आपके सद्भाव में कोई दुर्भाव खोजने की कोशिश ना कर पाए इसलिए आप विवाद को सुलझाने की कोशिश अति स्तर पर ना करे. क्योंकि यहाँ बात को पूरी समझे बिना "हाउ" बना डालने की प्रवृत्ति ज्यादा दिखी है, जबसे ब्लॉग समाज से जुड़ा हूँ,यही ज्यादा देखने को मिला है.
    आप के अनुभव-जन्य लेखन से जीवन जीने की कला सीखने को मिलती रहे, इसी आशा के साथ
    आपका
    अमित शर्मा

    ReplyDelete
  16. मौन सबसे प्रभावशाली होता है, सर जी!
    मौन के आकाश पर ही
    शब्द निखरता है शायद!
    वरना
    शब्दों का जाल ही बनता है
    उलझा उलझा सा.

    आपकी प्रतीक्षा में...
    अपना ख्याल रखियेगा...

    हां...एक बात और..
    "चला बिहारी का" पता चल गया है...

    ReplyDelete
  17. सतीश जी विदेश भ्रमण पर बहुत बहुत शुभकामनाए. वैसे मुझे लगता नहीं की आप जैसे सुलझे व्यक्ति ने लिखने में कुछ भी गलती की हो.

    ReplyDelete
  18. सतीश जी, मेरी ग़ज़ल "इश्क़-ऐ-हकीकी" ज़रूर पढ़ें.

    http://premras.blogspot.com

    ReplyDelete
  19. वैसे तो हर किसी को ज़िंदगी में सुकून की तलाश होती है, वही सुकून तलाश करने हम भी ब्लॉगवुड में आए , मगर यहाँ आकर तो ..... छोड़े भी
    आप सफ़र पर जा रहे है, आप के लिए शुभकामनाएँ
    अपना ख्याल रखिएगा, आपकी सलामती के लिए दुआगो.

    ReplyDelete
  20. सतीश भाई,
    आपको विदेश यात्रा शुभ हो...जब तक लौटेंगे, उम्मीद है ब्लॉगवुड का चढ़ा पारा नीचे आ चुका होगा...

    जय हिंद...

    ReplyDelete
  21. happy journey
    feelings and content is important

    ReplyDelete
  22. आपकी सफ़ल व सुखद यात्रा के लिये शुभकामनायें,

    ReplyDelete
  23. aapke lekhan ka intejaar rahega apki yatra sukhad aur safal ho prabhu se yahi kamanaa hai

    ReplyDelete
  24. आप की यात्रा शुभ हो, हमारी शुभकामनये

    ReplyDelete
  25. aji sahab ab to 15 din ki samayavdhi bhi beet chuki hai!!
    ajaiye agyatvas chodkar blogvas kijiye

    ReplyDelete
  26. अब त मौन भंग कीजिए गुरुदेव!!

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,