Thursday, May 6, 2010

मेरी नयी फोटो मशीन Nikon SLR - D90 -सतीश सक्सेना

बहुत वर्षों के बाद एक अच्छे कैमरे से फोटो खींचना  एक सुखद अनुभव रहा  ! बचपन से पापा की फोटोग्राफी से प्रभावित ,गौरव  ने जब यह कैमरा ख़रीदा तो चेहरे से खुशी और उत्तेजना साफ़ झलक रही थी  ! निकोन डिजिटल सिंगल लेंस रिफ्लेक्स  कैमरा D-90 , 50mm ऍफ़  १.४ लैंस , निकोन  १८-२०० mm  जूम लैंस के साथ यह कैमरा किसी भी फोटोग्राफर के लिए गर्व का कारण हो सकता है !
1970-72 के वे दिन जब मैंने पहला कैमरा ख़रीदा था ! एग्फा -III कैमरा उन दिनों लगभग ८० रूपये में मिला था ! बदायूं  में शायद पूरे मोहल्ले में, सिर्फ मैं ही कैमरा मालिक था और खास मौकों पर फिल्म डलवा , खटिया पर बैठाकर ,गुडिया और नीलू  के फोटो खींच , फिल्म को धुलवाने बाज़ार भागना और अपने खींचे फोटो लेकर देखने और सबको दिखाना ही मेरी सबसे बड़ी हाबी थी !
 कुछ समय बाद बाज़ार में आया आइसोली -I , खरीदना एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट था क्योंकि यह नवीनतम कैमरा क्लिक III से लगभग दूना महंगा था ! 
जिज्जी से लड़ झगड़ कर उन दिनों १५० रुपया निकलवाना आसान नहीं था मगर मेरे लिए वे बडबडाती हुईं , आखिर दे ही देतीं थी ! इस कैमरे को लेकर बदायूं के पुराने किले नुमा खंडहरों , टूटी पडी बावडियों और गाँव में बाग़ , नदी के फोटो मेरे विद्यार्थी जीवन की  सुखद यादों में से एक हैं ! फिक्स शटर क्लिक III के मुकाबले , इस कैमरे से अपने हाथ से फोकस करने में गर्व महसूस होता था !
         साइंस की बेहतरीन ईजादों में से एक , कैमरा  उन दिनों सबकी पंहुच में नहीं था  ! इसी कमी की वजह से आज भी ,मैं अपने आपको उन बदकिस्मत लोगों में से एक गिनता हूँ जिनके पास अपने माता पिता का कोई फोटो नहीं है ! शायद इस अभाव को बड़ी से बड़ी उपलब्धि भी न भर पाए !
बचपन कभी आपको यह नहीं कह पाता कि उसे क्या चाहिए , अक्सर मैं आज भी छोटे बच्चों के फोटो खूब खींचता हूँ , आपको नहीं लगता कि ये मासूम मुस्कराहटें,  इनके बड़े होने के बाद आपको कभी नहीं दिखेंगी ! क्यों न इन्हें हमेशा के लिए कैमरे में कैद करके रखा जाए !  यकीन मानिए यह आपको कुछ समय बाद बहुत सुकून देंगी ! और शायद हमारे बाद, परिवार के सदस्य , इन यादों को  हमारे छोड़े निशान माने ! 
काश मेरे घर में कोई मेरा जैसा होता जो मेरे बचपन में मेरे माता पिता के फोटो खींचता !  इसी दुखद अहसास के चलते मैंने अपने शौक के दिनों में भी अपने बड़े बूढों के फोटो खूब खींचे  ! और आज उनके न होने पर कहीं न कहीं मुझे यह संतोष रहता है कि फोटो के रूप में इन लोगों की यादें तो मेरे पास हैं ही ! 

25 comments:

  1. आप इस फोटो मशीन का उपयोग जनहित से जुडी अनियमितताओं को खोजी रूप में उजागर करती फोटो के लिए भी करें ,इसके लिए मैं आपका सदा आभारी रहूँगा /

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  2. सर, जरा पैक पर देख कर बताइए क्या यह लिनुक्स (linux) और मैक (Mac OSX) कम्पेटिबल है ? दाम कितना है? लेंस किस मेक का है?

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  3. क्लिकIII से पहले क्लिकI आया था इसमें 120का रोल डलता था और 12 फ़ोटो खींचता था। बिना फ़्लैश के था। क्लिकIII में फ़्लैश अटेचमेंट की सुविधा थी।
    यह शौक भी जुनुन की हद तक ही रहता है। इसके बाद तो कई आए और गए।

    सतीश जी आपने पुरानी यादें ताजा करवा दी
    आभार

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  4. @ honesty...
    मेरा प्रयत्न होगा की मैं समय के साथ आपकी रूचि के कुछ फोटो पोस्ट कर सकूं !

    @ गिरिजेश राव ,
    कृपया निम्न लिंक पर एक निगाह डालें !
    http://www.koppenburg.org/D90/

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  5. सामान्य दृश्यों में असमान्य देख लेने की कला जानते हैं फोटोग्राफर । ऐसे ही जीवन को भी निहारते रहें । शुभकामनायें ।

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  6. सतीश भाई,
    आप किन किन विधाओं में पारंगत हैं...जानकर रश्क हो रहा है...

    पब्लिक सर्वेंट, लेखक, होम्योपैथ, फोटोग्रॉफर, समाजसेवक, घुमक्कड़ी के शौकीन....और इन सबसे पहले बेहतरीन इनसान...

    बदायूं की बात सुनकर शत्रुघ्न सिन्हा का डॉयलॉग याद आ रहा है...जिओ, मेरे बदायूं के लल्ला...

    जय हिंद...

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  7. सतीश जी,
    अब हमने कैमरा-कैमरा खेलना शुरू किया है।

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  8. सतीश जी, आप तो बहुअयामी व्यक्तित्व के धनी निकले...साधुवाद.


    ____________________
    'सप्तरंगी प्रेम' ब्लॉग पर हम प्रेम की सघन अनुभूतियों को समेटती रचनाओं को प्रस्तुत कर रहे हैं. आपकी रचनाओं का भी हमें इंतजार है. hindi.literature@yahoo.com

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  9. ब्‍लॉग के लिए एक कैमरा खरीदवाने का जिम्‍मा आपको दिया जाता है।

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  10. सतीश जी, बहुत अच्छा लगा. वेसे आप जब युरोप मै आ ही रहे है तो क्यो ऎन वक्त पर इसे खरीद लिया, बाबा यहां एक से बढ कर केमरे आप की इंतजार कर रहे है, यानि एक ही मार्के के हजारो केमरे एक लाईन मै लगे है, आप उन्हे चला कर देख सकते थे ओर संतुष्टी होने पर ही उन्हे खरीद सकते थे, ओर आप को करीब २०% सस्ते मिलते यानि टेक्स फ़्रि, चलिये केमरा बहुत अच्छा लगा अब इस से सुंदर सुंदर चित्र खींच कर दिखाये तो मजा दुगना आयेगा

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  11. फोटोग्राफी का शौक और कैमरे का प्रयोग दिलचस्प होता है. कैमरे का महत्व बहुत अधिक है.
    आपके कैमरे का चित्र बहुत खूबसूरत है. किस कैमरे से लिया है.

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  12. जहाँ जहाँ भी तसव्वुर ने रहनूमाई की
    वहीं वहीं पे मुझे सूरत तेरी दिखाई दी.

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  13. Waah.. kitne ka pada ye bhi bata den sir mashal.com@gmail.com par
    mere yahan bhi vaise photography ka kaam hota aaya hai pichhle 50-55 salon se.. :)

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  14. वाह सक्सेना जी
    ललित भैया को पुरानी यादें लौटा दीं
    ललित जी रूमाल भेजूं
    नाइस पोस्ट

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  15. आग्फा क्लिक III
    सतीश जी आपकी कहानी तो हमसे मिलती जुलती है ।
    वैसे ये फोटोग्राफी का शौक है बड़ा प्यारा ।
    आपने कैमरा भी बड़ा अच्छा लिया है । बस अब इंतज़ार रहेगा कुछ शानदार तस्वीरों का । बधाई ।

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  16. कैमरे के वारे थोड़ा और विस्तार से बताने की कृपा करें

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  17. लो जी. जिस कैमरे के बारे में शीर्षक में बता रहे हैं उसकी फोटो तो दिखाना ही भूल गए! पुराने कैमरों की फोटो क्यों लगाई हैं?
    हम भी सोच रहे हैं एक ईओएस लेने के बारे में लेकिन घर में पड़े पांच पुराने कैमरों का क्या करें. पिछला तो तीन महीने पहले ही लिया था!
    आजकल चीज़ें साली एक-दो साल में ही पुरानी हो जाती हैं.

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  18. कहाँ कहाँ से आप खोज के ले आते हैं बिसय... एकदम से ताजा अऊर खुस्बूदार... गुरुदेव! ई एक आँख का जादू का पिटारा देखाकर त आप nostalgic कर दिए... दुर हमहूँ अंगरेजी बोलने लगे आपका संगत में...

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  19. अरे ई का कमाल कर दिए आप!!! इन्ने हम कमेंट छापे, ओन्ने छपिओ गया… ई कमेंटवा रोकने वाला जंतरवा हटा लिए हैं का???

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  20. @चला बिहारी ...भैया !
    आज कुछ मूड ठीक हो गया लगता है ...कल तो काफी नाराज हो गए थे भाई से ... :-)

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  21. सर! एक बेहद नायाब और अनमोल विषय... मेरे कलेक्शन में एक पतला सा दिखने वाला हॉट शॉट कैमेरा भी था ..शायद याद हो आपको... जस्ट एम अ‍ॅण्ड शूट – खिट्टाक्क!! ये विज्ञापन करती थी ग़ज़ल गायिका चित्रा सिंह की पुत्री मोनिका चौधरी ( ईश्वर उसकी आत्मा को शंति देः पिछले दिनों आत्महत्या कर ली उसने)... बस वो भा गई और धनतेरस पर कैमेरा ख़रीद ही लिया. वो काली सफेद फोटोग्राफी से लेकर आज की डिजिटल फोटोग्राफी तक एक लम्बा सफर आपने फिल्म की तरह दिखा दिया... बस एक कसक रह गई… जाने अनजाने बच्चे, जानवर, फूल, प्रकृति, अपने पराए के बीच मेरी तस्वीरें बहुत कम हैं... तब समझ में आया कि ईश्वर की रचना तो देखती है, पर वो क्यों नहीं दिखाई देता... ख़ैर, पिछले महीने अपनी बिटिया को निकॉन कूलपिक्स दिया है लाकर, शायद उसके भी डैडी की फोटो वो बाहिफ़ाज़त सहेज पाए... एक बार फिर धन्यवाद सर!!!
    (इमोशन में ज़्यादा ही लम्बा कमेंट हो गया )…

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  22. @ लिनुक्स लिंक - आभार।

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  23. हमको पाप लगाइएगा का... आपसे नराज होने का त सवाले पैदा नहीं होता है... हमरा मूड त आपका पोस्टवे पढकर हरिअर हो जाता है...

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  24. अच्छा तो आपको छोटे बच्चो का फोटो लेंने अच्छा लगता है , ठिक है अब सोच रहा हूँ कि भी एकाध फोटो खिचवां ही लूँ आपसे आता हूँ जल्दी ही ।

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  25. मैने भी रो रो कर क्लिक ४ खरीदा था शायद १५० रु. का था . सन ८० की बात है .

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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