कैसे कैसे लल्लू ले , महिलायें बाहर निकली हैं !
आज खरींदे, सोना चांदी,धन की वारिश होनी है !
धनतेरस पर उल्लू ले, महिलायें बाहर निकली हैं !
कितने लोग आज भी ऐसे , जो बंधने को बैठे हैं !
बड़े मनोहर पल्लू ले , महिलायें बाहर निकली हैं !
जीवन इनका राजनीति में, पूंछ हिलाते बीता है !
गोरे रंग का कल्लू ले, महिलायें बाहर निकली हैं !
पूंछ हिलाते देख इन्ही को , कुत्ते बस्ती छोड़ गए !
अपने अपने पिल्लू ले, महिलायें बाहर निकली हैं !
अपने अपने पिल्लू ले, महिलायें बाहर निकली हैं !
पुरुष-विरोधी विचार :-)
ReplyDeleteआज समझ आया। बेटी होते ही लोग कहते हैं लक्ष्मी आई है। बहू आती है तो कहते हैं गृह लक्ष्मी आई है।
ReplyDeleteइसलिये हम तो बाहर ही नहीं निकले ! :)
ReplyDeleteआज खरींदे, सोना चांदी,धन की वारिश होनी है !
ReplyDeleteअपने अपने उल्लू ले , महिलायें बाहर निकलीं हैं
उल्लू से बेहतर वाहन और कोई नहीं है :)
मस्त है रचना !
ReplyDeleteवाह ! बहुत सुन्दर .दीपावली की शुभकामनाएँ !
नई पोस्ट : दीप एक : रंग अनेक
सटीक व्यंग रचना.
ReplyDeleteदीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं.
रामराम.
शानदार सामयिक रचना
ReplyDeleteदीपावली का पावन अवसर पर शुभकामनाएँ
वाह । बढिया... दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं ।
ReplyDelete!! प्रकाश का विस्तार हृदय आँगन छा गया !!
ReplyDelete!! उत्साह उल्लास का पर्व देखो आ गया !!
दीपोत्सव की शुभकामनायें !!
""अपने प्यारे लल्लू ले महिलायें निकली हैं "" ये दीवाली बम है
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं
लल्लू!!! :)
ReplyDeleteजब जेब कटती है तब भी ऐसा ही महसूस क्यों होता है कुछ कुछ अन्यथा मत लीजियेगा हो सकता हो मेरी समझ में दूसरी बात आ रही हो ! :P
ReplyDeleteडॉ साहब ,
Deleteजैसा आपने सोंचा है बिलकुल वैसा ही है :)
बधाई दीवाली की !
इसका मतलब हमें भी है कुछ कुछ समझने की समझ !
Deleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.. आप को दीपावली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteशानदार सामयिक प्रस्तुति...दीपावली की शुभकामनायें...
ReplyDeleteनयी पोस्ट@जब भी जली है बहू जली है
उधर तांत्रिक ढूँढ रहे हैं उल्लुओं को.. इधर भरे पड़े हैं!
ReplyDeleteमेरे पास तो आज तक कोई तांत्रिक नहीं आया पाण्डेय जी :)
Deleteडरता होगा।
Deleteहास्य व्यंग्य के रंग बिखेरती कविता.
ReplyDeleteपावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ”
दिवाली बम्ब ब्लॉग पर ही फोड़ दिया आपने तो ...
ReplyDeleteदीपावली के पावन पर्व की बधाई ओर शुभकामनायें ...
ये उल्लू सध भी तो खूब जाते हैं इन महिलाओं से !
ReplyDeleteman ko tarangit karati behatarin diye se man ko prakashit karati giit ki awali
ReplyDeletekahan koi ullu hai,sabhi sakh khali pade hain.....pyari,fadkti hui rachna...wah
ReplyDelete:) :) :)
ReplyDeleteबहुत खूब जी
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