आज तुम्हारी आँखों ने ही थका दिया
इतनी गहरी आँखों,ने ही थका दिया !
इतनी बात पुरानी, कब तक भूलोगे
इन दर्दीली आँखों ने ही थका दिया !
सदियाँ बीतीं इंतज़ार में केशव के ,
इन पथरायी आँखों ने ही थका दिया !
पता नहीं मन कहाँ तुम्हारा रहता है ,
खोयी खोयी आँखों ने ही थका दिया
छलके आंसू, ऐसे छिपा न पाओगे,
भीगी भीगी आँखों ने ही थका दिया !
इतनी गहरी आँखों,ने ही थका दिया !
इतनी बात पुरानी, कब तक भूलोगे
इन दर्दीली आँखों ने ही थका दिया !
सदियाँ बीतीं इंतज़ार में केशव के ,
इन पथरायी आँखों ने ही थका दिया !
पता नहीं मन कहाँ तुम्हारा रहता है ,
खोयी खोयी आँखों ने ही थका दिया
छलके आंसू, ऐसे छिपा न पाओगे,
भीगी भीगी आँखों ने ही थका दिया !
बहुत ही उम्दा गीत बना है . आप को गाते सुनती तो और बात थी .
ReplyDeleteअब किसने कहा था फिर की आँखों में ही दौड़ना शुरु कर दीजिये :)
ReplyDeleteहोली की हार्दिक शुभकामनाऐं बुरा ना मानो होली है ।
बहुत उम्दा........
ReplyDeleteज़माने भर के दर्द तेरी आँखों में जब से देखा मैंने,जुबान साथ देती नहीं,निगाहें थकती नहीं---भावपूर्ण अभिव्यक्ति।
ReplyDeleteThis is some pain you are remembering, automatically became a good poem. Own moments have their own value - priceless. Good.
ReplyDeleteछलके आंसू, ऐसे छिपा न पाओगे,
ReplyDeleteभीगी भीगी आँखों ने ही थका दिया !
बहुत सुंदर और भावपूर्ण.
आँखों की बातें यूँ ही लिख दीं आपने ...
ReplyDeleteलाजवाब शेर हैं सभी ...
सदियाँ बीतीं इंतज़ार में केशव के ,
ReplyDeleteइन पथरायी आँखों ने ही थका दिया !
क्या बात हैं पढ़ कर मज़ा आया
आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....!!
http://savanxxx.blogspot.in
दो वे आँखे दो ये आँखे
ReplyDeleteचार आँखे सदा मुस्कुराते रहे !
मैं आपके बलोग को बहुत पसंद करता है इसमें बहुत सारी जानकारियां है। मेरा भी कार्य कुछ इसी तरह का है और मैं Social work करता हूं। आप मेरी साईट को पढ़ने के लिए यहां पर Click करें-
ReplyDeleteHerbal remedies