जिस प्रकार हम लगातार एक ही भोजन से ऊब जाते हैं उसी तरह से शरीर को भी एक जैसा लगातार व्यवहार पसंद नहीं उसे वह आदत में ढाल लेता है और उसका फायदा उठाना बंद कर देता है , ठीक वैसे ही जैसे बरसों तक साइकिल चलाने वाले को साइकिलिंग का न मिलने वाला लाभ और गांव से कस्बे जाकर नौकरी करने वाला 10 km रोज पैदल आना और जाना बरसों से करता है और उसे कोई फायदा नहीं होता !
लगातार एक जैसा भोजन और वाक में भी बदलाव आवश्यक है और लगातार करते रहना चाहिए , अगर कायाकल्प करने का संकल्प करना है तब आज से ही वह सब खाना बंद कर दें जो आपने अब तक सबसे अधिक खाया है और वह खाना शुरू करें जो आपने आजतक चखा ही नहीं ! खानपान के साथ शारीरिक आदतों में भी बदलाव लाना होगा , हाथ पैरों का अधिकतम उपयोग करना होगा और यह सब अपने शरीर को आहिस्ता आहिस्ता मगर निर्ममता से सिखाना होगा ! आप अपने शरीर में आश्चर्य जनक बदलाव पाएंगे उम्र चाहे जो भी हो !
हम तो नयी चीज खाने से डरते हैं कि कहीं बीमार न हो जाय। लेकिन आपने बहुत अच्छी बातें बताई है एक बार जरूर आजमाकर देखना बनता है
ReplyDeleteबहुत उपयोगी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी प्रस्तुति हेतु धन्यवाद
प्रेरक बात , बदलाव ज़रूरी है । कहाँ पान में भी और दिनचर्या में भी ।
ReplyDeleteबदलाव जरूरी है। बहुत उपयोगी जानकारी सतीश भाई।
ReplyDeleteसच बात।
ReplyDeleteसार्थक लेखन
ReplyDeleteउपयोगी जानकारी
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