कैसे, कैसे लोग राष्ट्र की ध्वजा उठाये चलते हैं !
राजनीति के मक्कारों के, चंवर उठाये चलते हैं !
नोट कमाने,राष्ट्रभक्त बन,खद्दर पहन के आये हैं !
पीठ पे नाम लिखाये उनका,पूंछ उठाये चलते हैं !
मंत्री का विश्वास मिला तो वारे न्यारे हो जाएंगे !
दल्लागीरी करते , मन में लड्डू खाये, चलते हैं !
पीठ पे नाम लिखाये उनका,पूंछ उठाये चलते हैं !
मंत्री का विश्वास मिला तो वारे न्यारे हो जाएंगे !
दल्लागीरी करते , मन में लड्डू खाये, चलते हैं !
नेता के मंत्री बनते ही, नोट कमाएंगे जी भर के,
जोश जोश में दुश्मन के, कंगूरे ढाये चलते हैं !
खुद पार्टी के ड्रमर बन गए,बच्चे ढोल बजायेंगे,
धन पाने को राष्ट्रभक्ति के,रंग लगाये चलते हैं !
यथार्थ -
ReplyDeleteबढ़िया दृश्य उभरा है आदरणीय-
भाई जी !
ReplyDeleteये मौका भी तो बस कुछ
किस्मत वालों को मिलता है
हम करना भी चाहें ऐसा
कोई घास तक नहीं देता है
गलती से भी किसी रोज जब
हमारी सरकार जीत के आयेगी
हर कक्षा के पाठ्यक्रम में
चमचागिरी का पाठ जुड़्वायेगी :)
जब स्वयं बिक जायेंगे , देश को क्या बचाएंगे !
ReplyDeleteअच्छी सच्ची कविता !
शीर्षक में अद्भुत आकर्षण है । सुन्दर शब्द-संयोजन । सम्यक एवम् सटीक संरचना । बधाई ।
ReplyDeleteकारारा तीर
ReplyDeleteबढ़िया रचना......
ReplyDeleteधारदार भाव..............
सादर
अनु
सन्नाट शब्दबाण..
ReplyDeleteभाई जी ..आप व्यर्थ चिंता में घुलते है ....आज एक नही ,अनगनित ऐसे हे मिलते हैं ..
ReplyDeleteशुभकामनायें!
क्या बात है चुनावी माहौल में सटीक व्यंग्य |
ReplyDeleteयथार्थ पूर्ण उत्कृष्ट गजल ....!
ReplyDelete==================
नई पोस्ट-: चुनाव आया...
KARARA TAMACHA KINTU LOG BADE HATHI HAIN
ReplyDeleteमोटी चमड़ी वाले नेताओं कोई भी शब्द तीक्ष्ण नहीं है -सुन्दर और सटीक रचना |
ReplyDeleteनई पोस्ट वो दूल्हा....
नई पोस्ट हँस-हाइगा
बहुत सूंदर यथार्थ परक चित्रण .
ReplyDeletedhadaar ....
ReplyDeleteइस देश का फ्यूचर क्या होगा
ReplyDeleteहिस्ट्री तो हिस्ट्री ही रह गया
नाम बाप का लिखा पीठ पर,पूंछ उठाये फिरते हैं !
ReplyDeleteपोस्टर पर फोटू लगवाकर,छाती फुलाके चलते हैं !
वर्तमान राजनैतिक हालात का सशक्त चित्रण, बहुत शुभकामनाएं.
रामराम
Bade bhai!! Is post se deegar ek baat kahna chaahta hoon.. Bakaul Gurudev K P SAXENA in dinon aapne Mere Geet par jo ISPEED pakadi hai ki main soch mein pad jata hoon ki is bhari JAWANI mein ye haal hai to BUZURGIYAT praapt karne tak aap hangama macha denge..
ReplyDeleteJokes apart!! Keep the spirit up!!!
सटीक व्यंग्य ठोका है वर्तमान हालातों पर
ReplyDeleteअद्भुत रचना...
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