बरसों बाद गली में , अपने नेता आने वाले हैं !
आँख में आंसू लेके रहना,कुछ तो पाने वाले है!
पुश्तों से हैं कर्जदार , मरते दम डर के रहना है
चूल्हा बुझे दिखाये रहना,लाला आने वाले हैं !
ढेरों फूल बिछाए हमने,टूटी,फूटी सडकों पर !
आँख में आंसू लेके रहना,कुछ तो पाने वाले है!
इन ऊंचे लोगों को नीचे,नहीं दिखायी देता है !
अपने पेट उघाड़े रहना, राजा आने वाले हैं !
झाड़ू पोंछा चूल्हा बर्तन, यही हमारा काम रहा !
पहले घर के मर्द बाद में, हम भी खाने वाले हैं !
चूल्हा बुझे दिखाये रहना,लाला आने वाले हैं !
ढेरों फूल बिछाए हमने,टूटी,फूटी सडकों पर !
जमके ढोल बजाते रहना,नेता आने वाले हैं !
आप की अन्य रचनाओं की तरह ये रचना भी सतय की बिलकुल निकट है...
ReplyDeleteसादर।
एक मंच[mailing list] के बारे में---
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पर मेल भेजकर जुड़ जाईये आप हिंदी प्रेमियों के एकमंच से।हमारी मातृभाषा सरल , सरस ,प्रभावपूर्ण , प्रखर और लोकप्रिय है पर विडंबना तो देखिये अपनों की उपेक्षा का दंश झेल रही है। ये गंभीर प्रश्न और चिंता का विषय है अतः गहन चिंतन की आवश्यकता है। इसके लिए एक मन, एक भाव और एक मंच हो, जहाँ गोष्ठिया , वार्तालाप और सार्थक विचार विमर्श से निश्चित रूप से सकारात्मक समाधान निकलेगे इसी उदेश्य की पूर्ति के लिये मैंने एकमंच नाम से ये mailing list का आरंभ किया है। आज हिंदी को इंटरनेट पर बढावा देने के लिये एक संयुक्त प्रयास की जरूरत है, सभी मिलकर हिंदी को साथ ले जायेंगे इस विचार से हिंदी भाषी तथा हिंदी से प्यार करने वाले सभी लोगों की ज़रूरतों पूरा करने के लिये हिंदी भाषा , साहित्य, चर्चा तथा काव्य आदी को समर्पित ये संयुक्त मंच है। देश का हित हिंदी के उत्थान से जुड़ा है , यह एक शाश्वत सत्य है इस मंच का आरंभ निश्चित रूप से व्यवस्थित और ईमानदारी पूर्वक किया गया है। हिंदी के चहुमुखी विकास में इस मंच का निर्माण हिंदी रूपी पौधा को उर्वरक भूमि , समुचित खाद , पानी और प्रकाश देने जैसा कार्य है . और ये मंच सकारात्मक विचारो को एक सुनहरा अवसर और जागरूकता प्रदान करेगा। एक स्वस्थ सोच को एक उचित पृष्ठभूमि मिलेगी। सही दिशा निर्देश से रूप – रेखा तैयार होगी और इन सब से निकलकर आएगी हिंदी को अपनाने की अद्भ्य चाहत हिंदी को उच्च शिक्षा का माध्यम बनाना, तकनिकी क्षेत्र, विज्ञानं आदि क्षेत्रो में विस्तार देना हम भारतीयों का कर्तव्य बनता है क्योंकि हिंदी स्वंय ही बहुत वैज्ञानिक भाषा है हिंदी को उसका उचित स्थान, मान संमान और उपयोगिता से अवगत हम मिल बैठ कर ही कर सकते है इसके लिए इस प्रकार के मंच का होना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। हमारी एकजुटता हिंदी को फिर से अपने स्वर्ण युग में ले जायेगी। वर्तमान में किया गया प्रयास , संघर्ष , भविष्य में प्रकाश के आगमन का संकेत दे देता है। इस मंच के निर्माण व विकास से ही वो मुहीम निकल कर आयेगी जो हिंदी से जुडी सारे पूर्वग्रहों का अंत करेगी। मानसिक दासता से मुक्त करेगी और यह सिलसिला निरंतर चलता रहे, मार्ग प्रशस्त करता रहे ताकि हिंदी का स्वाभिमान अक्षुण रहे।
अभी तो इस मंच का अंकुर ही फुटा है, हमारा आप सब का प्रयास, प्रचार, हिंदी से स्नेह, हमारी शक्ति तथा आत्मविश्वास ही इसेमजबूति प्रदान करेगा।
ज आवश्यक्ता है कि सब से पहले हम इस मंच का प्रचार व परसार करें। अधिक से अधिक हिंदी प्रेमियों को इस मंच से जोड़ें। सभी सोशल वैबसाइट पर इस मंच का परचार करें। तभी ये संपूर्ण मंच बन सकेगा। ये केवल 1 या 2 के प्रयास से संभव नहीं है, अपितु इस के लिये हम सब को कुछ न कुछ योगदान अवश्य करना होगा।
तभी संभव है कि हम अपनी पावन भाषा को विश्व भाषा बना सकेंगे।
एक मंच हम सब हिंदी प्रेमियों, रचनाकारों, पाठकों तथा हिंदी में रूचि रखने वालों का साझा मंच है। आप को केवल इस समुह कीअपनी किसी भी ईमेल द्वारा सदस्यता लेनी है। उसके बाद सभी सदस्यों के संदेश या रचनाएं आप के ईमेल इनबौक्स में प्राप्त कर पाएंगे कोई भी सदस्य इस समूह को सबस्कराइब कर सकता है। सबस्कराइब के लिये
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बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteनई पोस्ट वो दूल्हा....
latest post कालाबाश फल
बढ़िया प्रस्तुति-
ReplyDeleteआभार आदरणीय-
हालात ए दुनिया, हालत ए शायरी और हालत ए सोच , सभी में एक ठहराव सा लग रहा है, दुनिया को तो ठहराव से ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला पर कवि के लिए ये संकेत शुभ नहीं कहा जा सकता.
ReplyDeleteकुछ नहीं तो अंदाज़े बयाँ ही और हो ग़ालिब !
लिखते रहिये
सटीक रचना हमेशा की तरह !
ReplyDeleteबहुत खरी खरी और सटीक अभिव्यक्ति, शुभकामनाएं.
ReplyDeleteरामराम.
बेहतरीन सटीक गजल ...!
ReplyDelete----------------------------------
Recent post -: वोट से पहले .
बहुत सुंदर :) !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .सराहनीय बात कही है आपने औरत :आदमी की गुलाम मात्र साथ ही ये भी देखें नाबालिग :उम्र की जगह अपराध की समझ व् परिपक्वता देखी जाये .
ReplyDeleteBAHUT BADHIYA .....
ReplyDeleteवाह जी वाह ... कमाल का लिखा है ... नेता आने वाला है ... चुनाव सिर पर ही हैं ...
ReplyDeleteसच कहा ....
ReplyDeleteइन ऊंचे लोगों को नीचे,नहीं दिखायी देता है !
ReplyDeleteअपने पेट उघाड़े रहना , राजा आने वाले हैं !.. वाह बहुत ही उचे मयार की बात कही आपने .. मेरी दाद ..
बहुत बढ़िया |
ReplyDeleteबेहतरीन...
ReplyDeleteजय हो।
ReplyDeleteसमाज की सही,सच्ची तस्वीर दिखाती रचना
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