Sunday, July 3, 2022

म्युनिक की तीखी धूप में 10 km रन -सतीश सक्सेना

आज म्युनिक में बेहद गर्म दिन था 27 डिग्री मगर सूरज की तीखी किरणों के कारण महसूस 32 डिग्री हो रहा था , ऐसे में पहले किलोमीटर दौड़ते हुए ही महसूस हो गया था कि आज दौड़ना आसान नहीं होगा और शर्ट उतारकर दौड़ना शुरू किया इससे पेड़ों की छाया में दौड़ते हुए, हवा के ठंडे झोंके कुछ आराम दे रहे थे ! आखिरी 300 मीटर में एक जर्मन लड़की ने मुझसे आगे निकलने के लिए चिल्लाते हुए तेज दौड़ना शुरू किया तो मैंने खुद को चैलेंज दिया कि हारना नहीं है और पूरी ताकत से दौड़ते हुए अपने से कम से कम 45 साल छोटी इस लड़की को हरा दिया मतलब अभी इतने बुड्ढे नहीं हुए कि बच्चे आगे निकल जाएँ !

बहरहाल 10 km रन 77 मिनट में पूरा हुआ !


10 comments:

  1. बहुत प्रेरक है आपका इस उम्र में भी इस तरह दौड़ना | आप निश्चय ही बधाई के पात्र हैं !!

    ReplyDelete
  2. गज्जब जियो मेरे शेर :)

    ReplyDelete
  3. आश्चर्य अदभुद टिप्पणी तुरंत दिख गयी मतलब आप अब सुधर गये :)

    ReplyDelete
  4. वैसे मैने ऐसे सारे ब्लोग्स पर टिप्पणी करना छोड दिया है जहां इन्तजार करना पडता है :) आप अलग है झेलते थे ।

    ReplyDelete
  5. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज सोमवार(०४-०७-२०२२ ) को
    'समय कागज़ पर लिखा शब्द नहीं है'( चर्चा अंक -४४८०)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    ReplyDelete
  6. काश की ये जज्बा बढ़ती उम्र के साथ सभी में होता।
    हार्दिक शुभकामनाएं।
    प्रेरक।

    ReplyDelete
  7. वाह , जज़्बा हो तो ऐसा । प्रेरक ।

    ReplyDelete
  8. स्वस्थ तन मन आज के भागमभाग भरी जिंदगी में बहुत बड़ी आवश्यकता है ,,सुंदर रोचक शैली में लिखा उत्तम आलेख ।
    समय मिले तो मेरे भी ब्लॉग पर भ्रमण करें आदरणीय ।

    ReplyDelete
  9. जय हो 🙏🙏

    ReplyDelete
  10. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है, ऐसा सुना भी है तथा अनुभव से जाना भी है। आप आयु के इस पड़ाव पर भी इतने स्वस्थ एवं ऊर्जावान हैं, यह मुझ जैसे व्यक्तियों हेतु एक आदर्श है। आने वाली ऐसी कई दौड़ों हेतु आपको अनेक शुभकामनाएं एवं अपना यह अनुभव साझा करने हेतु आभार।

    ReplyDelete

एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

Related Posts Plugin for Blogger,