Monday, August 30, 2010

डॉ अमर कुमार ! एक बेहतरीन व्यक्तित्व - सतीश सक्सेना

ब्लाग जगत में  जिन उस्तादों को पसंद करता रहा हूँ वे धीरे धीरे अपने असली रंग में दिखने लगे हैं और  मुझे अपनी नादान समझवश ,पहचानने में बहुत समय लगा ! मगर एक डॉ अमर कुमार जरूर  ऐसे रहे जो अपने आपको नहीं बदल पाए  ! तीखे और चुभने वाले कमेन्ट के लिए मशहूर अमर दादा कहीं नहीं बिक पाए ..... किसी गैंग में भी शामिल नहीं हो पाए ! सो यह जबरदस्त शख्शियत इस ब्लाग जगत में कम आकलन का शिकार सी रही है  ,आज का यह लेख उन्ही को समर्पित कर रहा हूँ !

कल उनका जन्म दिन था और मुझे पाबला जी द ग्रेट   की बदौलत आज ही पता चला !


कल  ब्लाग जगत के एक निठल्ले तरुण  ने  दुसरे निठल्ले पर एक बड़ी प्यारी पोस्ट लिखी  बदकिस्मती से यह बेहतरीन पोस्ट लोगों की निगाह में नहीं आ पायी अतः सोचा कि अमर दादा के लिए कुछ लिख कर अपने  बेकार लेखों  की श्रंखला में कुछ अच्छा भी लिख सकूं !   


मैं एक नासमझ ब्लागर के नाते, इस बेहतरीन निष्पक्ष ब्लागर को  आज तक समझ नहीं पाया , हर जगह और हर महत्वपूर्ण विषय पर आपको यह मिल जाते हैं अपनी विशिष्ट शैली में साफ़ साफ़ बोलते हुए ! शायद ब्लाग जगत के सबसे अच्छे जानकारों में से एक डॉ अमर कुमार को आम ब्लागर समझने में बहुत समय लगाएगा  ! मगर निस्संदेह वे उन सर्वश्रेष्ठ ईमानदार लोगों में से एक हैं जिन्हें ब्लाग जगत की सबसे अधिक समझ है  !     

कभी उलझे अमर , 
कभी दादा अमर, 
कभी जल्दवाज अमर, 
कभी गुस्सैल अमर, 
कभी महीनों गायब रहने वाले लडाका अमर, 
और कभी रख्शंदा जैसी प्यारी लड़की को दुलारते हुए अमर कुमार, पूरे ब्लाग जगत में अलग खड़े नज़र आते हैं ! मगर मैं इन्हें डरते हुए पसंद करता हूँ जो मस्त जवानों की ऐसी तैसी करने की सम्पूर्ण क्षमता रखते हैं और खुद मस्त रहते हैं !


लिंक्डइन प्रोफाइल में अनके प्रति मेरे कमेंट्स आपके लिए नज़र करता हूँ.... 

"Dr Amar Kumar, a Graduate in Medicine, is not only one of the most honest,empathetic in nature and a fearless writer of hindi language, but also having dynamic command over vast social subjects and heritage of Indian society and culture, he has the caliber to fight against injustice. Besides managing and practicing own nursing home successfully he is also able to devote time to serve his own national language with great zeal"

कहीं इन्हें हमारी नज़र न लग जाए .... 
खुदा महफूज़ रखे हर बला से हर बला से 



मगर मैं इनकी तारीफ़ क्यों कर रहा हूँ इससे तो ब्लागर इन्हें मेरा गुरु मान लेंगे :-( .....
ऐसा करते हैं यह लेख किसी अनाम का मान लें तो अच्छा होगा ! अपने नाम से तारीफ़ करना ठीक नहीं कहीं अमर कुमार से कल को लड़ाई हो गयी तो इन्हें गरिया भी न पाऊंगा  !

44 comments:

  1. यही मानसिक आवारगी तो ब्लॉग की पेंगे बढ़ा सकती है। परिचय कराने का आभार।

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  2. अमर कुमार जी को आपके ब्‍लाग के माध्‍यम से जन्‍मदिन की हार्दिक बधाई।

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  3. आपकी तारीफ़ करता हूँ ! निस्स्संदेह बे-हत-रीन व्यक्तित्व हैं !

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  4. डॉ.अमर कुमार जी का आज मेल आया ..... उन्हें जन्मदिन की बधाई दी थी मैंने.... उसी के जवाब में उन्होंने इतनी आत्मीय मेल भेजी की अभिभूत हो गया.... वाकई में आदरणीय अमर कुमार जी एक यूनिक पर्सनैलिटी हैं.... उन्हें नमन.... ख़ुदा "महफूज़" रखे उन्हें हर बाला से....

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  5. ये सही है कि डॉ अमर कुमार जी को समझने में बहुत समय लग सकता है .. शुरूआती दौर में मैने भी उन्‍हें समझने में भूल की है .. मेरे ब्‍लॉग पर इससे संबंधित एक पोस्‍ट भी मौजूद है .. पर काफी पहले मेरा भ्रम दूर हो गया था .. उन्‍हें जन्‍मदिन की बधाई और शुभकामनाएं !!

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  6. वे उन सर्वश्रेष्ठ ईमानदार लोगों में से एक हैं जिन्हें ब्लाग जगत की सबसे अधिक समझ है

    सहमत हूँ जी. ...बिंदास स्वभाव हैं अपने डाक्टर बाबू का ... जन्मदिन की फिर से बधाई .... दादा दीघार्यु हों की कामना के साथ...

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  7. और हाँ नहीं जानता था , अब जाना , डाक. साहब को जनम दिन की बधाई ! ब्लॉग-उद्यान में 'ऐ वें ही' [ इन्दौरी छौंक ] बिचरते रहें ! कृता-रथ करते रहें ! दीर्घायु हों !

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  8. मैं भी श्री अमर कुमार जी की टिप्पणियां पढने को बेकरार रहता हूं। एक अलग ही अनुभव रहता है।
    उनकी टिप्पणी पढकर पता चलता है कहां,क्या,कैसा लिखा जा रहा है।
    अमर कुमार जी को जन्मदिन की बधाई!!

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  9. आप तो शुरुआत ही ऐसी करते हैं लेख की .... की बस क्या कहूँ

    दरअसल ब्लॉगजगत में लोग "चीखते" जयादा हैं "सीखते" कम हैं , ये नहीं सोचते सब चीखने लगे तो सुनेगा कौन ??
    "ज्ञान की कमी" कोई दोष नहीं है पर "ज्ञान सिरे से नकार दिया" जाना या फिर से उसी ढर्रे पर आ जाना आज के ब्लोगर्स की बड़ी परेशानी है

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  10. लेख के हर वाक्य से पूरी तरह सहमत {दिए गए लिंक्स खोल कर नहीं देखें हैं }
    आदरणीय अमर जी से बस एक बात [बधाई दे चुका हूँ कल ही] आपके विचारों से हमारा मार्ग दर्शन करते रहिये
    शोर कितना भी हो ... आपकी आवाज की फ्रीक्वेंसी सभी ज्ञान को तरसते लोग पहचानते हैं

    आभार :
    पाबला जी का (मुझे भी ये शुभ समाचार उन्ही के ब्लॉग से प्राप्त हुआ )
    सतीश जी का इस बेहतरीन पोस्ट के लिए

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  11. @सतीश जी
    एक बात और ... हमारे एक और ज्ञानी अमित भाई जी को भी बर्थडे की शुभकामनाएं भेजिएगा {संभवतया इस २७ को उनका जन्म दिन था }

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  12. आपकी मेल मिली थी जिसमें कहा गया है कि उपस्थिति प्रार्थनीय है , राय रखी जाय , इसलिए कुछ बोलने को हुआ है ! उम्मीद है कि इस कमेन्ट में ऐसा कुछ अशोभन नहीं है कि आप न छापें !
    .
    आदरणीय सतीश जी ,
    डाक. साहब पर ... आपसे सहमत हूँ पर आप जैसे लोगों के अनुभव को देखते हुए ही !
    पर मेरा निजी अनुभव काफी कटु है इस सन्दर्भ में !
    मुझे दिव्या [ ZEAL ] जाने कितनी गालियों/आरोपों से बेवजह नवाज रही थीं | मैं अपनी तरफ से स्पष्टीकरण रख रहा था | 'स्पष्टीकरण' रखने के अलावा मैं कर ही क्या सकता था | इस दौरान मैं जहां हाथों से एक तरफ टाइप पर रहा था , वहीं दूसरी तरफ नेत्र अश्रुपूरित थे | ऐसे वाकये पर डाक. साहब आकर मेरे कमेन्ट डिलीट करवाने के लिए सतत दिव्या को प्रेरित/निर्देशित कर रहे थे | सच कह रहा हूँ उस दिन के पहले तक मैं कायल था डाक. साहब के विवेकवान निर्णयों का ! आप कुछ भी कह लें पर मैं निजी अनुभव से यही कहूंगा कि ब्लागरी के खेल में माहिर हैं डाक. साहेब !
    हाँ , स्पष्टीकरण को उद्यत मेरी मासूम-अभिव्यक्ति का गला घोटने का ''पाप'' सचेत ढंग से किया है इन्होंने ! यह मेरा भोगा हुआ यथार्थ और आकलन है ! बाद में तो जहां तहां मुझे कुंठित लुंठित तो कहते ही रहे हैं ! अस्तु , अधिकांश के आकलन मेरे आकलन तो नहीं बन सकते न ! मैं तो यही कहूंगा !

    फिर भी ब्लॉग-जगत मुझी से नहीं बनता ! बहुमत अधिसंख्य का होता है , और वही लोकतंत्र में सर्व-स्वीकृत ! परन्तु इसी लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का हक़ भी है इसलिए अपनी बात रख गया !

    डाक. साहब बहुतों के लिए अच्छे हैं , और जो बहुतों की खुशी के हेतु हों उनके दीर्घायु की कामना मैं भी करता हूँ ! ईश्वर डाक. साहब को स्वस्थ और सानंद रखे ! वे अमर-ब्लागिंग करते रहें और संभव हो तो खामखा के किसी अमरेन्द्र-मान-मर्दन और तज्जन्य दुःख के हेतु न बनें ! आभार !

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  13. सतीश ! आपको एक बात बताऊँ मैं डॉ अमर के नाम से कन्फ्यूज हो गई थी एक दो और भी हैं इसी नाम से ब्लोगर्स. है ना? किन्तु उनके बारे मे बताया तो वो भी अधूरा अधूरा सा और लिखते ना बाबु!
    उन्हें जन्मदिन की बधाई. अच्छे ब्लोगर्स की जानकारी मिलनी चाहिए.जिससे हम उन्हें पढ़ सकें.
    वे खरी खरी लिखते है बिना झिझक के फिर तो ऐसे ही मार्ग दर्शक मुझे भी चाहिए.यहाँ सब हर कहीं 'दिल को छू गया' चिपका दते हैं यही करण है मुझे किसी भी टिप्पणी पर विश्वास नही होता.डॉ अम्र सर से मस्का लगा कर कहना वे एक बार मेरे ब्लोग पर आये,मुझे गाइड करे,कमियां बताए.
    सच बोलने का साहस आप मे भी है किन्तु मेरे ब्लोग पर क्यों नही लिखते खरा खरा ? इंदु माँ बुरा मान जायेगी यही सोचते हो?
    पागल हो !
    डॉ सर के बारे मे बता कर बहुत अच्छा किया.सच्ची. बधाई के पात्र हो. प्यार.

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  14. डॉ.अमर कुमार को शुभ जन्म-दिवस पर हार्दिक मंगल-कामनाएं समर्पित हैं !

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  15. हमारी बधाई भी भेज दें।

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  16. सतीश जी मैं आपकी बात से शत प्रतिशत सहमत हूँ . डा. अमर न केवल अच्छा कहते हैं बल्कि बहुत अच्छे और सच्चे इंसान भी हैं , मैं उन्हें उनके आलेखों, टिप्पणियों और मोबाईल पर हुई व्यक्तिगत बातचीत के दौरान थोडा बहुत जान पाया हूँ...इश्वर उन्हें लम्बी और स्वस्थ उम्र प्रदान करे और हमें बरसों बरस उनका लिखा पढने का अवसर देता रहे...
    नीरज

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  17. अमर कुमार जी को आपके ब्‍लाग के माध्‍यम से जन्‍मदिन की हार्दिक बधाई।

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  18. "डर डर के न देख आदर से"
    अपने आदरणीयों के लिये इस तरह से [पोस्ट लिखकर] भी कृतज्ञता दर्शानी चाहिए.
    मुझे उनके कडवे कमेन्ट औषधि की भाँति लगते हैं. लेकिन वे देते बहुत कम हैं. उन्हें दिव्या जी की 'प्रतिक्रिया-अनिवार्य विधान' वाली पोस्ट अवश्य पढनी चाहिए.

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  19. डॉ. अमर कुमार जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई
    परिचय करवाने का बहुत बहुत शुक्रिया

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  20. "यह जबरदस्त शख्शियत इस ब्लाग जगत में कम आकलन का शिकार सी रही है "
    यह वाक्य ठीक नहीं लग रहा -दरअसल डॉ अमर कुमार किसी परिचय के मुहताज नहीं हैं -मगर वे ब्लॉग जगत के स्फिंक्स हैं -
    जितना जाना उतना और अज्ञेय बन गए ...बहरहाल वे भी एक सहज मानव ही हैं कोई महामानव नहीं -मैं उन्हें आदर देता हूँ !

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  21. Forgive me first for posting a comment in English due to technical problems with Hindi on my computer.

    Dr. Amar is one of the few persons who have always maintained their objectivity and who has not indulged in dirty politics. We need many more like him.

    May the Almighty give him grace and may grant him health and strength.

    Shastri JC Philip

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  22. गुणी की परख भी गुणी ही कर सकता है.

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  23. डॉ सा'ब की (आड़ी)-तिरछी टिप्पणियों के बहाने कुछ सीखने-समझने की कोशिश करता हूँ लेकिन हमेशा असफलता ही मिलती है। जाने-अनजाने पंगे भी खूब लिए हैं मैंने :-) बदले में एक भाई सा स्नेह ही पाया है।

    ऐं-वे-ही नहीं इस ब्लॉग जगत की यूनिक पर्सनैलिटी कहा जाता!

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  24. @ अमरेन्द्र कुमार त्रिपाठी
    मैं अक्सर आरोप लगाने वाले कमेन्ट नहीं छापता मगर चूंकि अमरेन्द्र जैसा भावुक और बेहद समझदार व्यक्तित्व का आरोप है और वह भी डॉ अमर कुमार के लिए तो मेरी उनसे गुजारिश है कि वे इस दैदीप्यमान युवक को सरल भाषा में जवाब अवश्य देंगे और मेरे ख़याल से यह उनका दायित्व भी बनता है !
    मगर एक बात अमरेन्द्र को भी कहना चाहूँगा ..
    पुरानी पीढ़ी अथवा घर के बड़ों में कई बार उतना धैर्य नहीं रहता / होता जितना नयी पीढ़ी के लोगों को समझाने के लिए आवश्यक होना चाहिए ! सो दो पीढ़ियों में अक्सर टकराव की स्थिति पैदा होने का कारण अक्सर इसी " ईगो' अथवा " नासमझी " का होता है !
    डॉ अरविन्द मिश्र ,डॉ अमर कुमार (दोनों से क्षमायाचना सहित ) ,और मैं खुद इस मर्ज़ के बीमार हो सकते हैं , सो मैं समझ नहीं पाता कि बच्चों को माफ़ करना क्यों नहीं आता ... ???
    :-)

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  25. परिचय कराने का आभार,
    यहाँ भी पधारें :-
    अकेला कलम
    Satya`s Blog

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  26. अच्छा अच्छा अमर कुमार आपके गुरु हैं ।
    अच्छे आदमी हैं । खेलदिवस को पैदा लिए ना । इसीलिए खेलते कूदते रहते हैं ।

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  27. डॉ अमर कुमार जी के जन्म दिवस पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें! बहुत बढ़िया पोस्ट!

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  28. डा अमर कुमार के हम भी जबरदस्त फ़ैन हैं। कल पाबला जी के ब्लोग पर उन्हें शुभकामनाएं दे आये थे। आप के ब्लोग के मार्फ़त एक बार फ़िर उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं।

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  29. डॉक्टर अमर कुमार को जन्‍मदिन की बधाई और शुभकामनाएं!


    अभी तो और चलेगी यह पोस्ट..फिर आयेंगे देखने.

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  30. डॉ अमर कुमार की शख्सियत से तो वाकिफ ही है हम, उनके जन्म दिवस की खूबसूरत याद दिलाने का शुक्रिया !
    डॉ अमर कुमार क़ो belated Happy Birthday,

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  31. जब हमने ब्लोगिंग शुरू की तो , डॉ अमर कुमार ने लिखना बंद कर दिया । इसलिए उन्हें पढने का ज्यादा अवसर नहीं मिला । लेकिन यदा कदा उनकी टिप्पणियां पढने को मिल जाती हैं , जो कुछ ही ब्लोग्स पर होती हैं ।
    ज्यादातर अपनी तो समझ में ही नहीं आती । उनमे एक दूसरा ही रूप होता है ।
    आखिर डॉक्टर्स भी तो इंसान ही होते हैं ।

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  32. डाँ. अमरकुमार जी पर आपके विचार पढे, ब्लागिंग के शुरुआती दौर में मेरा जिनसे सबसे पहले संपर्क हुआ उनमें से डाक्टर साहब हैं और उन्हें मैं गुरूवत मानता हूं. उन्होने गुरू सदृष्य ही मुझे हमेशा प्रेम और मार्गदर्शन दिया.

    बहुत शुरुआती दिनों में एक मोहतरमा (माफ़ करें, नाम नही लेना चाहूंगा)नें मेरी एक पोस्ट पर बडा अटपटा सा कमेंट किया और मैं उससे आहत होकर "भाड में जाये ब्लागिंग" का निर्णय ले चुका था. उस क्षण अगर डाक्टर साहब नही होते तो यह ताऊ नाम का प्राणी इस ब्लाग जगत में नही आया होता. तो ताऊ को ब्लागजगत में टिकाने के पीछे डाक्टर साहब का ही हाथ है.

    उस समय डाक्टर साहब ने जिस तरह का संबल दिया वो कोई सच्चा गुरु ही शिष्य को दे सकता है. मुझे उनका शिष्य होने में गर्व महसूस होता है.

    डाक्टर साहब मेरी नजर मे एक ऐसी सख्शियत हैं जो अपने मुद्दों से समझौता नही करती, वो अपने सिद्धांतों की ब्लागिंग करते हैं, उनकी टिप्पणीयां एक पोस्ट से ज्यादा महत्व की होती हैं. अक्सर व्यस्तता के चलते आजकल ज्यादा पढना नही होता तो भी डाक्टर साहब की टिप्पणीयां पढने का शौक अब भी वैसे का वैसा ही है.

    मेरा मानना है कि किसी पोस्ट पर डाक्टर साहब की टिप्पणीयां पढकर पोस्ट की गुणवतता का स्तर समझ आ जाता है.

    उपर डाक्टर अरविंद मिश्र ने उनके बारे कहा "मगर वे ब्लॉग जगत के स्फिंक्स हैं जितना जाना उतना और अज्ञेय बन गए". डाँ. मिश्र के कथन अनुसार मैं डाक्टर अमर जी को स्फिंक्स तो कतई नही मान सकता. स्फिंक्स तो "रहस्यमय व्यक्ति" को कहा जाता है. डाक्टर अमर जी तो अपनी कबीर छाप टिप्पणीयों के साथ सहज और खुले रूप में मौजूद हैं. मुझे नही लगता कि अन्य कोई ब्लागर इस हद तक खुली और बिना लाग लपेट के टिप्पणियां कर सकता है. हां उनको अज्ञेय मैं भी मानता हूं. वो शायद उनके साहित्य प्रेम और असाधारण व्यक्तित्व की वजह से है. अगर मुझसे कोई उनके बारे में दो टूक कहने के लिये कहे तो मैं उनको सीधे सीधे ब्लाग जगत के कबीर की संज्ञा दूंगा. जिसे ना किसी बादशाह की फ़िक्र है और ना किसी प्यादे की.

    इस सख्शियत का हिंदी ब्लागिंग मे होना मैं सुखद मानता हूं. ईश्वर से प्रार्थना है कि वे स्वस्थ और सुखद दिर्घायु जीवन प्रात करें और अपना अमूल्य अनुभव और आशिर्वाद यूं ही बांटते रहें.

    रामराम.

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  33. अमर कुमार जी को जन्‍मदिन की हार्दिक बधाई।
    आपका लेखन हमेशा प्रभावी रहता है ! खूब !


    समय हो तो पढ़ें
    क्या हिंदुत्ववाद की अवधारणा ही आतंकी है !
    http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_30.html

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  34. मैं तो वैसे भी आपसे भयभीत रहता हूं बंधुवर, कहीं किसी पोस्‍ट में मुझे .... आपका तोल मोल के बोल अच्‍छा लगता है।

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  35. badhai....janmadin ki ...Amar ji ko....

    (bete ke laptop par hindi me likhana nahi aa raha ..mafi chahungi)

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  36. सतीश जी, हमारा लिंक और चर्चा के चर्चे के पर्चे बाँटने के लिये धन्यवाद। अमर जी को बधाई उन्हीं के द्वारे जा कर दे आता हूँ।

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  37. .
    सतीश जी,

    इतनी शानदार पोस्ट के लिए आपको बधाई। आप जैसे निश्छल मन वाला ही कोई ऐसा कर सकता है।

    डॉ अमर का पूरा व्यक्तित्व अनुकरणीय है। मेरे लिए तो वो एक, माँ, एक पिता, एक भाई, एक बेहेन, एक दोस्त और गुरु हैं।

    आभार।
    .

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  38. डॉ. अमर कुमार जी को जन्मदिन की बहुत शुभकामनाएँ।

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  39. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    अमर कुमार जी को जन्मदिन की बधाई!!

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  40. कुछ लोगों में खूबी होती है - दूसरों के अच्छे व्यक्तित्व पर लिखना और ........ अपने से छोटों के व्यक्तित्व को और उभारना.........
    सतीश जी आप उन्ही लोगों में से एक हो........

    बढिया बढिया लोगों से हमे मिलवा रहे हो....... अच्छा लगता है.

    डॉ. अमर कुमार को जन्मदिन कि हार्दिक शुभकामनाएँ

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  41. अचानक डॉ. साहब का लम्बी बीमारी के बाद कल निधन हो गया,मैं अभी बारह अगस्त को उनसे मिलकर आया था,पूरे ब्लॉग-जगत का हालचाल लिया उन्होंने.एक इंसानी ब्लॉगर थे वे .उनको समर्पित मेरी श्रद्धांजलि यहाँ देखें
    http://www.santoshtrivedi.com/2011/08/blog-post_23.html

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  42. सतीश जी , क्या कहूँ ! आज मन बहुत उदास है। डॉ साहब हम सबको छोड़कर चले गए। एक खालीपन सा महसूस हो रहा है।

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एक निवेदन !
आपके दिए गए कमेंट्स बेहद महत्वपूर्ण हो सकते हैं, कई बार पोस्ट से बेहतर जागरूक पाठकों के कमेंट्स लगते हैं,प्रतिक्रिया देते समय कृपया ध्यान रखें कि जो आप लिख रहे हैं, उसमें बेहद शक्ति होती है,लोग अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार पढेंगे, और तदनुसार आचरण भी कर सकते हैं , अतः आवश्यकता है कि आप नाज़ुक विषयों पर, प्रतिक्रिया देते समय, लेखन को पढ़ अवश्य लें और आपकी प्रतिक्रिया समाज व देश के लिए ईमानदार हो, यही आशा है !


- सतीश सक्सेना

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