आज सोचा कि कुछ विचित्र ब्लॉगों के बारे में जानकारी लेने का प्रयत्न क्यों न किया जाये जो बिना "ब्लागरों " के कमेन्ट के भी चल रहे हैं !
मगर वाकई मेरे शेर ( शेर तो तुसी हो ही ...गुरु का शेर ...हमारी अस्मिता की रक्षा के लिए कटिबद्ध परिवार के बड़े भाई को लख लख बधाइयां ) तुम्हारा यह काम, तुम्हे मेरी निगाह में बहुत ऊंचे स्थान पर ले गया है ! तुम्हे हार्दिक शुभकामनायें !
- इसी यात्रा क्रम में , एक विचित्रतम ब्लॉग पर पंहुचा जहाँ बी एस पाबला ,प्रिंट मीडिया पर आज किस ब्लाग की चर्चा हो रही है, यह ढूँढ कर लिखते हैं ! अपने उलटे सीधे कर्मों के लिए मशहूर यह सरदार मुझे वाकई विचित्र लगा ! आज के समय में जब लोग अपना अपना नाम मशहूर करने की जुगत में लगे हैं ! यह श्रीमान जी पूरे दिन अखबारों में ढूँढ कर, एक खबर लगा कर बैठे हैं कि गजरौला टाइम्स ने खुशदीप सहगल को छाप दिया ! १९ जून २०१० को छपी इस पोस्ट के बाद, इस धुनी सरदार की इस मेहनत पर खुद खुशदीप सहगल ने भी आकर धन्यवाद नहीं दिया ! औरों को तो छोडिये उनको खुशदीप सहगल की तारीफ़ से क्या लेना देना , जो आकर बी एस पावला के इस सरदारी परोपकार को धन्यवाद दें ! इस बेहतरीन काम पर केवल एक कमेंट्स आया जिसका इस पोस्ट से कुछ भी लेना देना नहीं !
मगर वाकई मेरे शेर ( शेर तो तुसी हो ही ...गुरु का शेर ...हमारी अस्मिता की रक्षा के लिए कटिबद्ध परिवार के बड़े भाई को लख लख बधाइयां ) तुम्हारा यह काम, तुम्हे मेरी निगाह में बहुत ऊंचे स्थान पर ले गया है ! तुम्हे हार्दिक शुभकामनायें !
- राकेश खंडेलवाल इस समय हिंदी गीत जगत में बेहद शक्तिशाली हस्ताक्षर है , अगर शब्द सामर्थ्य की बात करें तो गद्य में अजीत वडनेरकर के बाद पद्य में केवल राकेश खंडेलवाल का नाम ही है जो नियमित सरस्वती साधना में लगे रहते हैं ! मगर चूंकि राकेश जी तीखीधारयुक्त कलम के मालिक और "टिप्पणी दे टिप्पणी ले " मंत्र के जानकार नहीं हैं अतः इस अद्भुत हिंदी शिल्पकार की टिप्पणी संख्या १० से ऊपर कभी नहीं होती ! उन दस में भी "उड़नतश्तरी" वाले समीर लाल नियमित है जो उनके परमशिष्य हैं ! समीर लाल को आभार और श्रद्धा अर्पण उनके इस गुरु के लिए! अगर आपने गीतों में झंकार अनुभव करनी है तो गीत कलश ध्यान से पढ़े ....
- कैलिफोर्निया में अध्यापन कार्यरत प्रतिभा सक्सेना , ब्लाग जगत के लिए शायद अनाम हैं ! पहली बार जब इनका अनजाना सा ब्लाग पढ़ा तो यह प्रतिभा देख भौचक्का सा रह गया , शायद ही कोई उनके ब्लाग को पढता होगा ! शिप्रा की लहरें , यात्रा एक मन की ,स्वर यात्रा , लालित्यम, लोकरंग आदि के द्वारा यह हिंदी सेविका प्रौढ़ महिला शांत चित्त अपना कार्य कर रही हैं ! इनके ब्लाग शायद किसी एग्रीगेटर से नहीं जुड़े हैं अतः इन्हें कौन जान पायेगा ?? तकनीकी जानकारों से अनुरोध है कि वे प्रतिभा जी के ब्लाग को आम व्यक्ति और पाठंकों तक पंहुचाने का कष्ट करें ताकि हम इस शक्तिशाली कलम को पहचान सकें !
- डॉ मंजुलता सिंह, ७२ वर्ष की उम्र में जो कार्य कर रही हैं शायद ही कोई महिला सोच पायेगी !स्नेही व्यवहार के कारण, अपने आप ही, सामने वाले की श्रद्धा हासिल करने की क्षमता रखने वाली यह वृद्ध महिला,दिल्ली यूनिवेर्सिटी हिन्दी विभाग से, रीडर पोस्ट से रिटायर,रेकी ग्रैंड मास्टर (My Sparsh Tarang) के रूप में लोगों की सेवा में कार्यरत ! सात किताबें एवं २०० से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं, इस उम्र में भी अपने एरिया में वृद्धों की सेवा में कार्यरत रहती हैं और बहुत लोकप्रिय हैं !हिंदी की सेवा में पूरा जीवन देने वाले इस सशक्त हस्ताक्षर मंजुलता सिंह का लेखन ब्लाग पर कम ही हो पाता है !
- हिंदी जगत और राष्ट्रभाषा की सेवा में लगे अजीत वडनेरकर का ब्लॉग बहुतों के लिए प्रेरणादायक है एवं मेरे लिए वे स्वाभाविक माननीय हैं जो बिना किसी सम्मान की चाह में, हिंदी शब्द सामर्थ्य बढ़ाने में लगे रहते हैं ! बहुत कम ऐसा मौका होता है जब इनके ब्लाग पर १० से अधिक प्रतिक्रियाएं आती हों ! खुद मैं ,उनको कम पढने वालों में से हूँ ...परन्तु यह मैं हूँ आम ब्लागर ( डॉ अमर कुमार के शब्दों में अकिंचन कहूं अपने आपको तो गलत नहीं होगा ) और वे, वे हैं सबके श्रद्धेय !
सतीश जी
ReplyDeleteआपकी यह पोस्ट बहुत अच्छी लगी| आप सभी ब्लागर को मै ह्रदय से नमन करती हूँ |
आशा है और भी ऐसे ही ब्लाग की जानकारी आगे पढने को मिलेगी |वैसे अजीतजी के ब्लाग की की नियमित पाठिका हूँ बस कमेन्ट नहीं कर पाती |बेहद शांति से वो अपना काम किये जा रहे है |मंजुजी का ब्लाग मैंने पढ़ा है पर अब शायद कई दिनों से कोई पोस्ट नहीं है |बाकि ब्लाग आज पढूंगी |
good collection!!
ReplyDeletesatishjee
ReplyDeleteek blog hai TANA BAANA
Ek thrushti us par bhee daliyega..........
bahut hi achhi post
ReplyDeleteपावला जी और दुसरे ब्लोग्गर्स महान कार्य कर रहे हैं!
ReplyDeleteआप मेरे मन के भीतर कैसे पहुँच जाते हैं । आज सुबह ही मैं अपनी फीड में 5 और ब्लॉग बढ़ाने का विचार कर रहा था । आपने प्रदान कर दिये । अतिशय आभार ।
ReplyDeleteसतीश जी! आप अपनी आदतों से बाज नहीं आएंगे... एक धमाके से सम्भलते हैं तब तक दूसरा धमाका आप कर देते हैं. सच है कि हीरा पत्थर की शक्ल में बिना किसी नोटिस के यूँ ही पड़ा रहता है ,जब तक किसी पारखी और जौहरी की निगाह न पड़े. आप पत्थर को कोहेनूर बनाने की क़ूवत रखते हैं. ऐसे ही कभी आपने हमें भी अपने परस से सोना कर दिया था.
ReplyDeleteअजित वडरनेकर जी तो एक परिचित नाम हैं, लेकिन प्रतिभा जी, डॉ. सिंह और राकेश जी को पढना होगा. ख़ाली बैठा हूँ आज, छुट्टी लेकर. बस गया और आया. धन्यवाद!!
निश्चित ही आपके द्वारा बताये गये ब्लॉग्स उत्कृष्ट है. इन्हें इनके कार्यों के लिए यूँ भी किसी टिप्पणी की दरकार नहीं. ये सभी उससे बहुत उपर है. ये नहीं, इन पर टिप्पणी देकर हम धन्य होते हैं.
ReplyDeleteराकेश जी के यहाँ मैं टिप्पणी देने नहीं, आशीर्वाद लेने जाता हूँ..उनसे जब वो लिखते हैं, बात कर ते हैं, फोन पर चर्चा होती है...या वो कुछ नहीं कहते..हर घड़ी कुछ सीखने ही मिलता है.
राकेश भाई, अजित भाई के ब्लॉग पर टिप्पणी करने के लिए शब्द ही नहीं होते कि क्या कहें. सूरज को कैसे दिया दिखायें.
वही हाल पाबला जी जो कार्य कर रहे हैं, उस पर मात्र साधुवाद और धन्यवाद ही दिया जा सकता है और मन ही मन उनके कार्य को सदा सराहा जा सकता है.
आपने बहुत अच्छा कार्य किया. आपका साधुवाद.
सचमुच अनूठे ब्लोग्स हैं ये । निस्वार्थ भाव से ब्लॉगजगत की सेवा कर रहे हैं ।
ReplyDeleteअच्छा ढूंढ निकाला है ।
सतीश भाई,
ReplyDeleteबहुत आभार। आपके स्नेह से अभिभूत हूं। सफर के लिए आप सबकी शुभकामनाएं कई तरीकों से मिलती रही हैं। टिप्पणी ही एकमात्र जरिया नहीं है। फिर यह तो एक मुहीम है जिसके साथ जुड़ कर आपने इसका महत्व बढ़ाया है। इसे निरन्तर रखना मेरी व्यक्तिगत जिम्मेदारी है।
आभार फिर....
बहुत ही जानकारीपूर्ण प्रस्तुति....आभार सक्सेना जी
ReplyDeleteबहुत मजा आया आज आपका यह आर्टिकल .
ReplyDeleteआपका यह लेख कल के चर्चा मंच २/७/१० के लिए लिया गया है.
http://charchamanch.blogspot.com/
आभार
बढ़िया ब्लोग्स की जानकारी दी है आपने ! आभार !
ReplyDeletebahut hi achchha ji apn ko to kuchh ata jata nahi bhaai ji tahe dil se sabhi ko mera salm jisako salam pasand nahi usko namskar , shashtriy kal , ram ram ji , radhe radhe , jai bhle shankar
ReplyDeletearganik bhagyoday ,blogspot .com
किसी के बारे में कुछ भी कहने योग्य खुद को नहीं समझती......बस आभार व्यक्त करना चाह्ती हूँ...अपने तरीके से .....(मेल किया है )
ReplyDeleteचाचा जी..मैने इन सब लोगो को और लोगों से ज़्यादा पढ़ता हूँ क्योंकि मुझे पता है सार्थकता क्या चीज़ है जब समय दे रहो तो सार्थक जगह पर देना चाहिए और आज के आप की पोस्ट में जिन लोगों की चर्चा हुई है वो एक महान व्यक्तित्व है जिनपे पूरे ब्लॉगजगत को गर्व है..
ReplyDeleteअब आप की बात करता हूँ..इधर कुछ दिनों से आपकी पोस्ट कुछ और बढ़िया लगने लगी है..आभार कहूँगा आज के पोस्ट के लिए....और प्रणाम भी करता हूँ आपकी सुंदर भावनाओं को जिनसे हम-सब प्रेरणा मिलती है..
iske liye abhar shabd kam lagta hai..
ReplyDeletekhas kar प्रतिभा सक्सेना ji ke blog ka pata dene ke liye.
aaj apke blog par pahli baar aaya, aur aate hi itna achchha tohfa. :)
saadhuvaad !
ReplyDeletenice post !
सही मे ये अनूठे ब्लाग्ज़ हैं और समीर जी ने भी सही कहा इन्हें टिप्पणी की जरूरत ही नही। धन्यवाद।
ReplyDeleteबढ़िया ब्लोग्स की जानकारी दी है आपने ! आभार !
ReplyDeleteधन्यवाद सतीश जी इन आधार ब्लॉगों की चर्चा करने के लिए.
ReplyDeleteआपके द्वारा बताये गये ब्लॉग्स उत्कृष्ट है|
ReplyDeleteसतीश जी ,
ReplyDeleteहम अल्पज्ञात ब्लागर्स के लिए आपने जो लिखा आपके व्यक्तित्व के अनुरूप ही उदार और उच्चाशय है.मुझे कंप्यूटर टेक्नीक की जानकारी नहीं है ,अतः विविध प्रकार के कार्य नहीं कर पाती .आपने इस कठिनाई को समझा मैं कृतज्ञ हूँ.मेरा उद्देश्य अपनी रचनाओं को इन ब्लागज़ के द्वारा एक स्थान पर संचित करना मात्र रहा था कि बाद में बिखर कर इधऱ-उधर न हो जाएँ.आपने इतना महत्व दिया मैं आभारी हूँ .स्नेह बनाए रखें !
स्नेह सहित,
- प्रतिभा सक्सेना
nek jazbat ke liye shukriya .
ReplyDeleteसतीश जी सम्मान की चाह के बिना काम करने वाले कम ही होते हैं और आपने ऐसे लोगों को खोजा है... बहुत सुन्दर और सार्थक जानकारी. सभी के बारे में जो भी लिखा जाए बहुत ही कम होगा.
ReplyDeleteजय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
इस जानकारी के लिए शुक्रिया..
ReplyDeleteइन मनीषियों को मेरा भी शत-शत नमन.. आपका आभार..
ReplyDeleteसचमुच आपने मार्के की बात उठाई है।
ReplyDeleteऐसा क्यों होता है इस सोच में डूब गया हूं, लेकिन शायद अच्छे लोग बचे हैं इसलिए दुनिया भी बची है।
सतीश जी आभार ,इन हस्तियों के बारे में बताने के लिये ।सभी के ब्लाग से परिचित हूं ।अच्छी शैली में प्रस्तुतिकरण ।
ReplyDeleteसतीश भाई आपका काम भी काबिले तारीफ ही है, इसको जारी रखिएगा। अच्छाईयों को बांटना एक नेक कार्य है। इसे सबको करना चाहिए।
ReplyDeleteटिप्पणियों की संख्या ब्लॉग पोस्ट की श्रेष्ठता की मानक नहीं है।
ReplyDeleteजो श्रेष्ठ होगा, अपनी ओर खींच ही लेगा। देखिए आप उन जगहों पर पहुँच गए कि नहीं ?
पाबला जी की तो बात ही कुछ और है! बेहतरीन प्रस्तुति! बहुत खूब!
ReplyDeleteranjakataa se bhraa lekhan. dekh kar khushi hui. us mulaakaat ki yaad ab tak barkarar hai. fir samay aa rahaa hai. dilli aane vala hoo. koshish karenge ki fir baithen.
ReplyDelete@ गिरीश पंकज ,
ReplyDeleteयकीनन आपके साथ समय व्यतीत करना मैं सत्संग मानूंगा ! जब भी आयें पहले से ही सूचित करें
9811076451
बढिया संकलन।
ReplyDelete--------
डी0जे0 का मतलब पता है आपको?
किसने कहा पढ़े-लिखे समझदार होते हैं?
सतीश भाई,
ReplyDeleteदो दिन से मेरठ था...आपकी पोस्ट आज पढ़ी...पाबला जी की निस्वार्थ साधना को कौन नहीं जानता...आजकल पाबला जी महाराष्ट्र के टूर पर हैं...अखबारों में प्रकाशित पोस्ट की जानकारी, जन्मदिन और सालगिरह की जानकारी सब पाबला जी की पोस्ट से मिल जाती हैं...इसके अलावा जब भी कोई तकनीकी दिक्कत किसी ब्लॉगर को पेश आती है, पाबला जी चुटकी में हल कर देते हैं..अब आपको क्या बताऊं पाबला जी के साथ वर्चुअल दुनिया में मेपी किस तरह की ट्यूनिंग है...कभी मौका मिले तो पाबला जी से ही पूछिएगा...और ये ट्यूनिंग कमेंट्स पर किसी भी तरह से निर्भर नहीं है...
जय हिंद...
नमन है इन महान हस्तियों को।
ReplyDeleteआपकी आज कि पोस्ट से बहुत अच्छे लोगों से परिचय हुआ...आभार
ReplyDeleteगुरू जी तनी देरी के लिए माफी चाहते हैं... पाबला जी के बारे में जो आप लिखे हैं ऊ त सहिए है कि खुद सहगल जी कमेंट देने नहीं आए...लेकिन एगो बात गौर किए हैं कि नहीं ,जऊन दूगो कमेंट आया है ऊ हो बिज्ञापन वाला है कि हमरे ब्लॉग पर आइए...
ReplyDeleteकमेंट का संख्या के बारे में त हमहूँ एही कहेंगे कि ई कहीं से भी उत्कृष्टता अऊर लोकप्रियता का सबूत नहीं है. हम त अपनत्व जी का सलाह मानते हैं कि बस लिखते जाइए, भूल जाइए कि केतना फॉलोवर है अऊर केतना कमेंट आता है. लेकिन आज अपना बात कहने कोई यहाँ आया है त जरूरी है कि लोग सुने. अऊर भूख लगने पर दूध पीने के लिए त बचवो को चिल्लाना पड़ता है. नहीं त हमहूँ केतना कबिता लिखकर अपना पीठ थपथपा कर फाड़ कर फेंक चुके हैं, इहाँ आने से पहिले.
blog jagat ke prasiddh logo se mil kar khushi hui, inhe padh kar ham bhi kuchh seekh sakte hain.........dhanyawad
ReplyDeleteसही बात है अच्छे ब्लाग हैं ये पर इनकी विज़ीविलिटी कम है.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा सब से मिल कर ।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और सार्थक जानकारी दी है आप ने ।
बधाई ।
अंसार बर्नी को तो लोग आपके मार्फत जान गया होगा...लेकिन जावेद खान अऊर सह्जादी के बारे में जानना चाहते हैं त तनी हमरे दुआरे तसरीफ लाइए गुरू जी!
ReplyDeleteबहुत अच्छी पोस्ट!!!!!! और अच्छी जानकारियां
ReplyDeleteसतीश जी आपके इन बेहतरीन ब्लॉग्ज की जानकारी का शुक्रिया । मै अजित जी का ब्लॉग तो नियमीत रूप से पठती हूं क्यूं कि शब्दों की व्युत्पत्ती में और उनके प्रवास में मेरी भी रुचि है । और ब्लॉग्ज पर भी अवश्य जाऊंगी ।
ReplyDeleteइस बात को रेखांकित करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। पर सतीश भाई एक बात समझ नहीं आई। जब एक दिन अनजाने ही मैंने आपको अपने ब्लाग के बारे में एक समूह मेल भेज दिया था तो आप नाराज से हो गए थे। जैसा कि मैंने पहले भी कहा था वह सूची मैंने नहीं बनाई थी। पर मुझे लगता है कि अगर आप इस तरह के एक काम में लगे हैं तो ऐसे मेल तो आपके काम के ही हैं। उनमें से आप मोती चुनकर सबके सामने पेश कर सकते हैं। बहरहाल इस पोस्ट के लिए बधाई। घबराइए मत मैं कोई समूह मेल आपको नहीं भेजूंगा।
ReplyDelete@comment on our post:
ReplyDelete1969 से 1972 और 1972 से अब तक के बीच का सवाल अभी भी मुँह बाए खड़ा है.प्रश्न सहमत या असहमत का नहीं,वो तो उत्तर देने के बाद होगा. यहाँ तो मुँह बंद कर दिया जा रहा है. अभी तो बस इतना ही
उनकी हर रात गुज़रती है दीवाली की तरह
हमने एक बल्ब चुराया तो बुरा मान गए!
आपकी पोस्ट में सच्चाई है ... ईमानदारी से मैं भी सोचूँ तो इन ब्लोगों पर जाता हूँ इतना अच्छा होते हुवे भी टिप्पणी नही करता .... कहीं न कहीं मन का लोभ नही जाता ...
ReplyDeleteयह सही है आपने सचमुच जौहरी का काम किया है ।
ReplyDeleteसतीश जी,
ReplyDeleteमुझ नाचीज़ के एक छोटे से प्रयास को आपने सराहा, धन्यवाद
आपकी शुभकामनायों से मुझे अपनी कार्य-ऊर्जा बनाए रखने में मदद मिली है.
स्नेह बनाए रखिएगा
राकेश खंडेलवाल जी, अजीत वडनेरकर जी, प्रतिभा सक्सेना जी, डॉ मंजुलता सिंह को यदा-कदा पढ़ता रहता हूँ.
ReplyDeleteनिःसंदेह प्रत्येक का लेखन अपनी श्रेणी में उत्तम व प्रेरणादायक है. इन सभी मित्रों की उत्तरोत्तर उन्नति हेतु मेरी शुभकामनाएं