बच्चों ने समय से पहले ही पूरी कर दी ! काफी लोगों का अनुरोध था कि मैं कुछ चित्र प्रकाशित करुँ ! सो पानी में डूबे इस बिचित्र शहर वेनिस की कुछ झलकियाँ देखिये ! मुझे उम्मीद है इसे देख कर आपको ऐसा लगेगा जैसे हम अपने यहाँ के किसी बाढ़ग्रस्त शहर में बचाव कार्य कर रहे हैं !
इस खूबसूरत शहर को घूमने की तमन्ना थी जहाँ सड़कों की जगह पानी और टेक्सी ट्रेन की जगह सिर्फ नाव थीं ! जहां पर किसी तरह के प्रदूषण का नाम नहीं ! मेन लैंड से कटा यह द्वीप समूह स्वप्न में आयी कोई जगह लग रही थी ! गंडोला राइड के नाम से मशहूर गलियों में घुमाने वाली नाव के चार्जेस १०० यूरो आधा घंटे के लिए ( ६ आदमियों के लिए )देकर यह अनुभव बहुत सुखद रहा ! लोग बहुत मिलनसार और हंसमुख थे,हालांकि हमें बताया गया था कि यहाँ पर अपने सामान की सावधानी रखें ! पूरे यूरोप में सिर्फ इटली आकर ही यह चेतावनी कुछ बिचित्र अवश्य लगी ! एक और बात में कुछ हमारे यहाँ का सा माहौल लगा और वह थी वहां की अस्तव्यस्तता , कुछ कुछ हमारे नगर निगम से मिलता जुलता हाल या कुछ बेहतर ! कुछ संतोष हुआ :-), ऐसे भी बुरे नहीं हैं हम ! पूरे यूरोप में जहाँ अन्य देश और नगर बेहद साफ़ सुथरे लगे वहीं इटली में आकर गंदे खुले नाले, इटालियन पत्थरों की फैक्ट्री , रोड साइड में झाड़ियाँ आदि देख अपने जैसा जाना पहचाना माहौल लगा ! :-)
स्कुआयर, वेनिस में सबसे मशहूर स्थल है,पंहुचने में हमें लगभग २० मिनट लगे होंगे ! और विश्व में सर्वाधिक आश्चर्यचकित करने वाली जगह हमारे सामने थी ! वेनिस शहर में जाती गहरी गलियाँ ,लबालब समुद्री पानी में, दरवाजों तक डूबी हमारे सामने थीं !
वेनिस के लोग बहुत सम्रद्ध थे और आज भी माने जाते हैं !सबसे बड़ा आश्चर्य वेनिस में मकान बनने की कला है , लकड़ी की गहरी पाइल्स गहरे पानी में ठोकी जाती हैं जब तक ठोस जमीन न छू ले ! गहरे पानी में लकड़ी का क्षरण नहीं होता और यह पत्थर जैसी मजबूत नीव का काम करती हैं !सैकड़ों बरसों से समुद्र के गहरे पानी में , लकड़ी की नीव पर बने पत्थरों और ईंटों के यह कई मंजिला भवन, अच्छे अच्छे सिविल इंजिनियर को विस्मय में डालने के लिए काफी हैं ! एक इंजिनियर के नाते मेरे लिए यह समझना और साक्षात् देखना बहुत विस्मयकारी और सुखद रहा ! वेनिस के स्ट्रक्चर को समझना आसान नहीं है जिस प्रकार वेनिस वासियों ने इस शहर को बनाने में मेन लैंड की नदियों को मोड़ा और समुद्री ज्वार भाटा से बचाव किया है वह किसी भी अभियंता के लिए सीखने और रिसर्च का विषय है ! और हाँ वेनिस में कोई सीवर सिस्टम नहीं है , घरों का वेस्ट सीधा कैनाल में बहाया जाता है , पूरे शहर में मुश्किल से २० प्लंबर हैं !
बहरहाल वेनिस पोर्ट पर अपने ग्रुप लीडर नानू सेठना के सौजन्य से ,बीयर के साथ इटालियन पीज़ा के टुकड़े खाना शायद ही कभी भूल पायें ! वहाँ पोर्ट के किनारे किनारे ,लगी सजी हुईं दुकाने दिल्ली के जनपथ या मुंबई के चौपाटी की रंगीनियाँ बिखेरती लग रहीं थी !
अति सुन्दर...
ReplyDelete१०० यूरो में आधा घंटा ! बहुत महँगी राइड थी भाई ।
ReplyDeleteलेकिन हमें तो मुफ्त में सैर कर के आनंद आ गया ।
बेशक यह तो विस्मयकारी है , पानी पर घरोंदा बनाना ।
Satish bhaiya, bahut khushi huyi ki aapki tamanna poori huyi..pics bahut khoobsoorat hain...padhkar achhi jaankari mili..honestly kahun to naam to suna tha par itni information nahi thi..very nice...
ReplyDeleteNice and informative post .
ReplyDeleteसतीश जी, पुरानी यादे ताजा करवा दी आपने. वेनिस वाकई एक अलग सा और अविस्मर्णीय शहर है. मुझे यहाँ पर पानी में ही एक अन्य इमारतों के साथ साथ एक पुरानी जेल ईमारत काफी रोचक लगी थी. वैसे गंडोला में बैठ कर बोट टेक्सी, बोट टेक्सी स्टैंड निहारने का अनुभव भी अलग सा ही है. St. Mark's Square के भी चित्र सुधि पाठको के लिए लगा देते तो अच्छा होता.
ReplyDeletesooo amezingggggggggg and beautifulllllllll..
ReplyDeleteregards
100 euros is very expensive by any count or is it typing error because a private gandola cost about 80 euros only
ReplyDeletepics are good, reports are also very nice
ReplyDeleteVanice ki Sair aapke Pen ke through achchhi lagi.......saare photos dhyan se dekhne layak tha, thore bade hote to sayad behtar hota.......:)
ReplyDeleteab aap ye na kahna ek to free ka sair karwao, upar se salah de raha hoon.........:D
just joking sir!!
kabhi hamare blog pe aayen!!
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteचित्र भी रिपोर्ट भी
सुंदर!
ReplyDelete@ रचना जी !
ReplyDeleteयही रेट है वहां १०० यूरो प्रति आधा घंटा !
@भावेश जी ,
आपके चाहे चित्र लगा रहा हूँ ! शुभकामनायें !
... बेहतरीन पोस्ट!!!
ReplyDeleteआधे घंटे के लिए १०० यूरो ! चलिए आनंद तो आ गया.
ReplyDeleteआनन्ददायक रिपोर्ट… इसी बहाने हम वेनिस घूम लिये…
ReplyDelete===========
"हालांकि हमें बताया गया था कि यहाँ पर अपने सामान की सावधानी रखें ! पूरे यूरोप में सिर्फ इटली आकर ही यह चेतावनी कुछ बिचित्र अवश्य लगी…" हे हे हे हे हे "इटली" का नाम सुनकर मुझे भी लगा था… :) :) :)
सफरनामा अच्छा है , अगर ज़्यादा तफ़सील से बताए तो दूसरो के काम आ सकता है, वहाँ कहाँ रहे, कहाँ खाए वगेरा वगेरा...
ReplyDeleteवेनिस पर चित्रों सहित लुभावनी पोस्ट !
ReplyDelete@ सहसपुरिया भाई !
ReplyDeleteयाद दिलाने के लिया शुक्रिया ! अब दुबारा पढ़िए !
सतीश जी आपकी आँखों से वेनिस देखा अच्छा लगा और हाँ हम कहीं भी जाएँ अपना भारत ही ढूंढते हैं और ढूंढ़ भी लेते है
ReplyDeleteअच्छा लगा आपका वेनिस घूमना...पुरानी याद ताजा हुई हमारी.
ReplyDeleteरोचक जानकारियाँ वेनिस के बारे में ।
ReplyDeleteद ग्रेट गैम्ब्लर का गाना याद आ गया आपको मंडोला पर बैठे देख कर
ReplyDeleteद ग्रेट गैम्ब्लर का गाना याद आ गया आपको मंडोला पर बैठे देख कर
ReplyDeleteहमेशा मैं यही सोचता रहा कि पहले के समय मे पानी में मकान किस तरह बनाये गये होंगे । आज आपने इस पोस्ट मे यह बताया यह जानकर अच्छा लगा ।
ReplyDelete'इटली में आकर गंदे खुले नाले, इटालियन पत्थरों की फैक्ट्री , रोड साइड में झाड़ियाँ आदि देख अपने जैसा जाना पहचाना माहौल लगा ! :-) '
ReplyDelete- शायद इसी लिए सोनियाजी को भारत भा गया.
बहरहाल आपकी पोस्ट ने वेनिस भ्रमण करा दिया.
सचित्र सुन्दर जानकारी धन्यवाद्
ReplyDelete@ डॉ अजीत गुप्ता,
ReplyDeleteमुझे नहीं मालूम आपकी सूचना किस आधार पर है ,जितना मेरी जानकारी है, सैकड़ों सालों से वेनिस ऐसा ही बनाया गया है ! अधिक जानकारी के लिए कृपया निम्न लिंक देखें !
http://en.wikipedia.org/wiki/Gondola
http://en.wikipedia.org/wiki/Venice
हाँ कुछ विद्वानों का ऐसा मानना है की वेनिस धीरे धीरे समुद्र में डूबने जा रहा है मगर इसमें भी विद्वानों की अलग अलग राय है ...
आपकी नजरों से हमने भी वेनिस घूम लिया, मजा आ गया, बिल्कुल फ़्री में घूमकर :)
ReplyDeleteआपके योग्य बच्चे साधुवाद के पात्र हैं, और पूरे परिवार को हमारी शुभकामनाएँ।
अरे वाह! कमाल का शहर है ये तो! यहां तो बहुत नमी रहती होगी. बहुत अच्छा विवरण, लगा वेनिस की यात्रा हम भी कर रहे हैं. शानदार तस्वीरें भी.
ReplyDeleteSplendid ! Truly dilkash !
ReplyDeleteI think more interesting part of their architecture must be the sewage system .no ?
ReplyDeleteआपकी पोस्ट के जरिये वेनिस घूमना बहुत बढ़िया लगा...
ReplyDeleteधन्यवाद
सतीश दादा , दो दिन पूर्व सीजन की पहली बारिश हुई और दो दिनों से भारी धुप पड़ रही है. जिससे
ReplyDeleteहमारे ४८ डिग्री गर्मी वाले शहर ने पुरे दिन भारी-भारी बोर तथा पीड़ित कर रखा था .अभी रात के १ बजे है . आपकी
पोस्ट ने मेरे दिन भर की पीड़ा का पल भर में हरण कर लिया . अद्भुत शहर की अद्भुत जानकारी आपने उपलब्ध कराई!
आप बुरा मत मानना मै कुछ प्यासा रह गया.. आशा करता हूँ आने वाले समय में आप ढेर सारे फोटो समेत इस शहर
के रहवासियो की उनके खान-पान आदि-आदि की जानकारिया प्रदान करने की कृपा करेंगे ! ठीक गुड नाईट ...
सभी चित्र और यात्रा विवरण बहुत अच्छा लगा.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर शहर है.
अच्छा yaatraa sansmaran . ..समय हो तो पढ़ें जीने का तमाशा http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/2010/06/blog-post_18.html
ReplyDeleteशहरोज़
सेक्सपियर की पुस्तक "मरचेन्ट ऑफ वेनिस" के संबंध में पढ़ - सुन रखा था। आपके चित्रों के साथ यात्रा-वृतांत को पढ़कर वेनिस-भ्रमण भी हो गया। फलत: मैं अत्यंत अविभूत हुआ। उक्त संबंध में मेरी जानकारी में इजाफ़ा कराने के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद।
ReplyDelete@ मेरे ब्लाग पर उत्पन्न हुई तकनीकी गड़बड़ी के संबंध में आपके सुझाव के लिए आभार। कमप्युटर संचालन में बारीक जानकारी नही है। बनाना कुछ चाहता हूँ बन कुछ जाता है। परिष्कार अनवरत चलने वाली प्रकिया है। आपके सुझावों की प्रतीक्षा रहेगी।
सद्भावी - डॉ० डंडा लखनवी
सुन्दर तस्वीरें ...
ReplyDeleteगहरे पानी में लकड़ी का छरण नहीं होता और मजबूत नींव का कार्य करती है
रोचक जानकारी ..
बहुत खूबसूरत तस्वीरें... आपने तो हमें यहाँ बैठे बैठे ही वेनिस की सैर करा दी... :)
ReplyDeleteआपकी पोस्ट अच्छी है| इटली सुंदर है और महँगा भी | राज साहब के विचार सही हैं| खास पूर्वी यूरोप में आपको बहुत ख्याल रखना पड़ेगा| बार्सेलोना, सेविल्या, एम्स्टर्डैम, पेरिस, इन शहरों में भी आपको सतर्क रहना पड़ेगा|
ReplyDeleteमेरा बुखारेस्ट में जेब कट चुका है, और एक एमेरिकन मुझे मिला, जिसका सामान ही चोरी हो गया|
वैसे हम हिन्दुस्तानी भी बहुत पीछे नहीं हैं| जरा दिल्ली की बसों में बेफ़िक्र होकर घूम लीजिए, नतीजा आपके सामने होगा|
beautiful post ! I enjoyed reading.
ReplyDeleteसतीश सक्सेना जी
ReplyDeleteकाव्य , और ख़ासकर छंद को समर्पित होने के नाते मैं मेरे गीत शीर्षक से आकृष्ट हुआ आपके यहां आया । …लेकिन सच कहता हूं , ज़रा भी निराश नहीं हुआ , बल्कि इतने सधे सटीक शब्दों में लिखे आपके यात्रा संस्मरण के माध्यम से वेनिस की सैर का अवसर पा'कर बहुत ख़ुशी हुई ।
आभार और बधाई !
आपकी पिछली पोस्ट में काव्य के नमूने का भी आनन्द ले'कर लौट रहा हूं ।
आपको भी शस्वरं पर आने का आमंत्रण है ।
- राजेन्द्र स्वर्णकार
शस्वरं
सतीश जी ... लगता है खर्चा करवा कर मानेंगे ...... इतने खूबसूरत फोटो हैं और इतना अच्छा विवरण दिया है की जाना ही पड़ेग अब ....
ReplyDeleteबारिश में अपना इलाका भी वेनिस बन जाता है.
ReplyDeleteज़ीशान भाई !
ReplyDeleteहँसते हँसते बुरा हाल हो गया हो गया है आपकी मासूमियत पर ! मुबारक हो आपको वेनिस में रहने के लिए हा...हा...हा....हा.....
आपके लेख के ज़रिये वेनिस की यात्रा अद्भुत रही. बहुत खूब!
ReplyDeleteरोचक जानकारियाँ वेनिस के बारे में ।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया .वेनिश की अच्छी तस्वीरे है ... आभार
ReplyDelete........
एक बार जरुर पढ़े :-
(आपके पापा इंतजार कर रहे होंगे ...)
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_08.html
bahut achchhi sair karwayi ji hame bhi,wo bhi free me..aabhaar..
ReplyDeletekunwar ji,
बेहद सुन्दर तस्वीरे है श्री मान जी, अब तो मेरा भी मन वेनिस जाने का हो गया है ....धन्यवाद
ReplyDeleteबेहद सुन्दर तस्वीरे है श्री मान जी, अब तो मेरा भी मन वेनिस जाने का हो गया है ....धन्यवाद
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