Tuesday, October 22, 2013

करवाचौथ पर भूखे प्यासे,कैसा लोकाचार किया - सतीश सक्सेना

जीवन भर,  तपते मरुथल को , नंगे पैरों पार किया !
रंजिश अपने द्वारे पाकर,उसका भी सत्कार किया !

क्या देखोगे ज़ख्म हमारे, कहाँ कहाँ पर चोट लगी !
जैसा मौका जिसने पाया , उसने वैसा वार किया !

पशुपक्षी और असहायों को गले लगाके जीवन में   
हमने सारे नियम तोड़कर,कैसे वर्जित प्यार किया !

लोग यहाँ पर,जुआ खेलकर,लक्ष्मी पूजा करते हैं !  
आधे जीवन  रहे  मुसद्दी, आधे  हाहाकार किया !

पूरा जीवन खुश न रहीं तुम जैसे तैसे काट  लिया 
करवाचौथ पर भूखेप्यासे, कैसे लोकाचार किया !

22 comments:

  1. सच ही है, क्या करना था और क्या करते हैं हम।

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  2. bahut badhiya ...saari batten sacchi .....

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  3. सब बता दिया :) बहुत खूब !

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  4. अपना प्यार अगर सच्चा है, पूरा साथ निभायेंगे
    करावाचौथ पर भूखे प्यासे, कैसा लोकाचार किया !

    प्यार अगर सच्चा होता तो किसी दिखावे की जरुरत ही नहीं थी,
    एक जनम भी ठीक से निभा दे तो बहुत होता है लेकिन सात जन्मों के लिए ईश्वर से मांग लिया जाता है :) कितनी अविश्सनीय सी बात लगती है न ? इस आधुनिक युग में फेक, लंगड़ी परंपराओं को हम सिर पर ढो कर लोकाचार ही तो निभा रहे है ! सभी सटीक पंक्तियाँ लगी मुझे !

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  5. वाह.....सटीक.......
    अब खा पी कर किया जाय व्रत :-)

    सादर
    अनु

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  6. पूरा साथ निभाएंगे ही , व्रत करके भी :)

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  7. khub khayenge karwachauth manayenge :)
    fir sahi rahega na sir :)

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

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  9. "कर्तव्य सभी दे दिए हैं हमको पर अपना अधिकार रखा ।" सटीक शब्द -चयन ,सुन्दर भाव ।

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  10. वाह..... बहुत खूब

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  11. खूबसूरत प्रस्तुति

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  12. वाह वाह ,,बहुत सुंदर रचना है सतीश जी

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  13. एक दिन के लिये ही सही , पुरुष भी देवता बन जाते हैं ! :)

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  14. मन तो न जाने कितनी बार भूखा प्‍यासा रहता है यदि प्रेम बताने के लिए तन एक दिन भूखा प्‍यासा रह जाएगा तो बिगड़ जाएगा। वैसे कविता अच्‍छी है।

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  15. वैसे तो करवाचौथ भी दिखावा नहीं ... प्रेम का एक प्रतीक ही है ...
    पर हां प्रेम है तो सदा दिखता है हर पल में दिखता है ...

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  16. वाह ... बेहतरीन अभिव्‍यक्ति
    सादर

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  17. करवाचौथ पर ही पति पत्नी का प्यार सबको दिखता हैं या कहे दिखाया जाता हैं ......वैसे जब माँ यह व्रत करती थी तब किसी को यह ख्याल नही आया कि पापा भी व्रत करे :)) उम्दा पोस्ट :))

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  18. apne chot pr hi to dusra chot de jata hai.....shandar.

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- सतीश सक्सेना

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